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Thursday 13 July 2023 04:44:16 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मांडविया की उपस्थिति में सशस्त्र बलों केबीच मोटे अनाज के उपयोग और स्वस्थ भोजन प्रथाओं को बढ़ावा देने एवं सुरक्षित तथा पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने केलिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस अवसर पर श्रीअन्न यानी मोटे अनाज के उपभोग और स्वास्थ्य लाभों को बढ़ावा देने केलिए 'हेल्दी रेसिपीज़ फॉर डिफेंस' नामक पुस्तक का भी विमोचन किया गया। रक्षा मंत्रालय की ओर से महानिदेशक आपूर्ति और परिवहन लेफ्टिनेंट जनरल प्रीत मोहिंदर सिंह और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के सीईओ जी कमलावर्धन राव ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
समझौते का उद्देश्य सैन्यकर्मियों केबीच आहार विविधता और मोटे अनाज आधारित खाद्य उत्पादों के पोषण संबंधी लाभों के बारेमें जागरुकता पैदा करना है। यह एमओयू रक्षा मंत्रालय केतहत मेस, कैंटीन और अन्य खाद्य दुकानों में मोटे अनाज आधारित मेनू की शुरुआत का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। यह सहयोग खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम-2006 के अनुसार खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता पर मेस, सशस्त्र बलों की कैंटीन और अन्य फूड आउटलेट के खाद्य संचालकों और शेफ का प्रशिक्षण भी सुनिश्चित करेगा। यह सशस्त्र बलों को राष्ट्र केप्रति अपनी सेवा में सुदृढ़ता और लचीलापन बनाये रहने में सक्षम बनाने केलिए उनके स्वास्थ्य और कल्याण केलिए एक साझी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह समझौता सशस्त्र बलों के परिवारों और व्यापकस्तर पर समुदाय को पौष्टिक आहार अपनाने, स्वस्थ भोजन विकल्प चुनने और खाद्य सुरक्षा बनाए रखने केलिए प्रोत्साहित करेगा।
एफएसएसएआई की पुस्तक 'हेल्दी रेसिपीज फॉर डिफेंस' में पोषक अनाज आधारित व्यंजनों की एक श्रृंखला शामिल है। यह रक्षा मंत्रालय केतहत विभिन्न कैंटीनों और फूट आउटलेट केलिए एक मूल्यवान संसाधन के रूपमें काम करेगा। रक्षा कर्मियों द्वारा सामना किए जाने वाले चुनौतीपूर्ण भौगोलिक क्षेत्रों और विविध जलवायु परिस्थितियों को देखते हुए आहार में विविधता बहुत महत्व रखती है। मोटे अनाज अपने पोषण संबंधी मूल्य केलिए जाने जाते है और ये संतुलित और विविध आहार में योगदान दे सकते है। इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव गिरिधर अरमने, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और रक्षा मंत्रालय तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।