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अबू धाबी में बनेगा आईआईटी दिल्ली कैंपस

भारत-यूएई के बीच उच्चशिक्षा और अनुसंधान संबंधों का विस्तार

भारत की शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण में नया अध्याय है-शिक्षा मंत्री

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 16 July 2023 11:44:20 AM

mou between abu dhabi's department of education and knowledge and iit delhi

अबू धाबी। आईआईटी दिल्ली का अबू धाबी में पहला कैंपस स्थापित करने केलिए भारत के शिक्षा मंत्रालय और अबू धाबी के शिक्षा एवं ज्ञान विभाग तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली केबीच समझौता हुआ है, जिसपर संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता संयुक्त अरब अमीरात-भारत व्यापक आर्थिक साझेदारी के प्रचलित समझौते को पूर्णता प्रदान करते हुए शैक्षिक उत्कृष्टता, नवाचार, ज्ञान के आदान-प्रदान और मानव संसाधन में निवेश को प्राथमिकता, दीर्घकालिक आर्थिक विकास तथा सतत विकास के सक्षमकर्ताओं के आधार के रूपमें दोनों देशों के साझा विजन को प्रतिबिंबित करता है। समझौता ज्ञापन पर एडीईके के अवर सचिव मुबारक हमद अल म्हेरी, संयुक्त अरब अमीरात में भारत के राजदूत संजय सुधीर और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी ने हस्ताक्षर किए।
भारत के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एमओयू पर हस्ताक्षर होने पर इसकी सोशल मीडिया पर प्रशंसा की और कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में यह समझौता किया जाना भारत की शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण में नए अध्याय का सूत्रपात है। उन्‍होंने कहाकि संयुक्त अरब अमीरात में न्‍यू इंडिया के नवाचार और विशेषज्ञता की मिसाल आईआईटी दिल्ली परिसर भारत-यूएई मैत्री की इमारत होगी। उन्होंने कहाकि अबू धाबी में आईआईटी दिल्ली परिसर परस्‍पर वैश्विक कल्‍याण और ज्ञान की शक्ति का लाभ उठाने का नया प्रतिमान स्थापित करेगा। उन्होंने कहाकि यह समझौता भारत की शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण में नए अध्याय का सूत्रपात भी करता है। प्रारंभिक शिक्षा राज्यमंत्री एवं प्रारंभिक शिक्षा की संघीय एजेंसी की अध्यक्ष और एडीईके की अध्यक्ष सारा मुसल्लम ने कहाकि यह समझौता ज्ञापन अबू धाबी की विश्वस्तरीय शिक्षा प्रणाली को तेजगति से बढ़ाने की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है, जो राष्ट्रीय विकास के लक्ष्यों और प्राथमिकताओं में सहायता करता है।
यूएई के शिक्षा राज्यमंत्री सारा मुसल्लम ने कहाकि इस समझौते का कार्यांवयन वैश्विकस्तर पर प्रतिस्पर्धी शिक्षा इकोसिस्‍टम को वास्‍तविक रूप प्रदान करने की हमारी योजनाओं में मील का पत्थर है। उन्होंने कहाकि हमारी राष्ट्रीय रणनीति के अनुरूप यह समझौता ज्ञापन विश्वस्तरीय शैक्षिक अनुभव प्रदान करने की प्रतिबद्धता को प्रतिबिम्बित करता है। सारा मुसल्लम ने कहाकि हमें आशा हैकि नवाचार को बढ़ावा और उच्चस्तरीय अनुसंधान को गति प्रदान करने वाले वातावरण को प्रोत्‍साहन देने की दिशा में आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी साझेदारी सहायता देगी। आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी संपूरक कार्यक्रमों की पेशकश करने, अत्याधुनिक अनुसंधान संचालित करने और स्थानीय स्टार्टअप इकोसिस्‍टम को बढ़ावा देने केलिए मोहम्मद बिन जायद यूनिवर्सिटी ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, खलीफा यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी अबू धाबी, टेक्नोलॉजी इनोवेशन इंस्टीट्यूट और हब 71 जैसी प्रमुख संस्‍थाओं के सहयोग से अबू धाबी में शैक्षणिक, अनुसंधान और नवाचार इकोसिस्‍टम को पूर्णता प्रदान करेगा।
आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी परिसर में 2024 में अपने शैक्षणिक कार्यक्रम और कई स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी कार्यक्रम शुरू करने तथा सतत ऊर्जा और जलवायु अध्ययन से संबंधित अनुसंधान केंद्रों के साथही साथ कंप्यूटिंग और डेटा विज्ञान से संबंधित कार्यक्रमों को संचालित किए जाने की संभावना है। आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी में ऊर्जा और स्थिरता, कृत्रिम आसूचना, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग, गणित और कंप्यूटिंग, इंजीनियरिंग, विज्ञान और मानविकी के अन्‍य विषयों को कवर करते हुए विविध कार्यक्रमों की पेशकश किए जाने की संभावना है। आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी के स्नातक भारत के 23 परिसरों के स्नातकों के शानदार पूर्व छात्र नेटवर्क में शामिल होंगे। उत्कृष्ट साख केसाथ आईआईटी दिल्ली ने हालही में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी केलिए दुनिया के शीर्ष 50 संस्थानों में स्थान हासिल किया है। इसने 2022 क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में वैश्विक रोज़गार योग्यता केलिए शीर्ष 30 रैंक भी हासिल की है। आईआईटी दिल्ली रक्षा, स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण विकास से परिवहन, आईटी और सॉफ्टवेयर तकके क्षेत्रों में भारत के अनुसंधान एवं विकास इकोसिस्‍टम में अग्रणी योगदानकर्ता रहा है।

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