स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Sunday 16 July 2023 02:55:50 PM
अबू धाबी। संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएई में क़सर अल वतन यानी राष्ट्रपति महल में मुलाकात के दौरान संयुक्त वक्तव्य देते हुए इस तथ्य को रेखांकित किया हैकि भारत-यूएई संबंधों को औपचारिक रूपसे बढ़ाते हुए एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदल दिया गया है और दोनों देशों के संबंधों में सभी मोर्चों पर हुई जबरदस्त प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। गौरतलब हैकि बीते आठ वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त अरब अमीरात की यह पांचवीं यात्रा है, आखिरीबार जून 2022 में यूएई का उस समय दौरा किया था, जब वह शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात करने केलिए अबू धाबी गए थे और उनके यूएई के राष्ट्रपति बनने पर उन्हें शुभकामनाएं दी थीं। वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 34 वर्ष में संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री थे, इस यात्रा केबाद 2016 में शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की भारत यात्रा हुई थी और फिर 2017 में वे भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे।
भारत-संयुक्त अरब अमीरात व्यापार 2022 में बढ़कर 85 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हो गया है, जिससे यूएई वर्ष 2022-23 के दौरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार और भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य बन गया। भारत, यूएई का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। फरवरी 2022 में भारत पहला ऐसा देश बन गया, जिसके साथ यूएई ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए, 1 मई 2022 को सीईपीए के लागू होने केबाद से द्विपक्षीय व्यापार में लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दोनों राजनेताओं ने जी20 की भारत की अध्यक्षता और कॉप28 की यूएई की अध्यक्षता के तहत दोनों देशों की 2023 के दौरान निभाई गई महत्वपूर्ण वैश्विक भूमिकाओं को रेखांकित किया। यूएई ने जनवरी 2023 में भारत के वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के आयोजन की सराहना की। भारतीय पक्ष ने कॉप28 में दक्षिणी दुनिया के देशों के हितों को बढ़ावा देने और कॉप28 को कार्रवाई करने वाला कॉप बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने केलिए यूएई की सराहना की। दोनों पक्ष आई2यू2 और यूएई-फ्रांस-भारत त्रिपक्षीय सहयोग पहल जैसे बहुपक्षीय मंचों पर आगे और सहयोग करने केलिए भी तत्पर हैं। दोनों राजनेताओं ने कहाकि ऐसे मंच दोनों देशों को आपसी साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर लेजाने के अधिक अवसर प्रदान करते हैं।
अबू धाबी में यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विभिन्न गतिविधियों के साक्षी बने, इनमें प्रमुख हैं-दोनों देशों के केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों ने सीमा पार लेनदेन केलिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने केलिए एक फ्रेमवर्क की स्थापना हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। दोनों देशों के केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों ने भुगतान एवं संदेश प्रणाली को आपस में जोड़ने से संबंधित समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। अबू धाबी में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली की स्थापना की योजना से संबंधित समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। दोनों राजनेताओं ने इस बात की चर्चा कीकि द्विपक्षीय व्यापार को सुगम बनाने केलिए दोनों देशों केबीच स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली विकसित करना आपसी विश्वास का एक प्रतीक है। इसके अलावा यह दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं की मजबूती को रेखांकित करता है और यूएई-भारत केबीच आर्थिक जुड़ाव को बढ़ाता है। दोनों राजनेताओं ने यूएई और भारत केबीच सीमापार लेनदेन को अधिक कुशलता से संचालित करने हेतु अपने त्वरित भुगतान प्रणालियों केबीच एकीकरण को संभव बनाकर भुगतान प्रणाली के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने के प्रति अपनी रुचि व्यक्त की।
राष्ट्रीय कार्ड स्विचों को आपस में जोड़कर घरेलू कार्ड योजनाओं की पारस्परिक स्वीकृति भी इस तरह के सहयोग में शामिल होगी। इन प्रणालियों केबीच एकीकरण से दोनों देशों के नागरिकों और निवासियों के लाभ केलिए भुगतान सेवाओं तक पहुंच सुलभ होगी। दोनों राजनेताओं ने दोनों देशों केबीच निवेश संबंधों को और मजबूत करने का संकल्प दोहराया। इस संदर्भ में उन्होंने निवेश के द्विपक्षीय उच्चस्तरीय संयुक्त कार्यबल के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने स्वीकार कियाकि यूएई 2022-23 के दौरान भारत में चौथा सबसे बड़ा निवेशक बन गया है, जबकि वह 2021-22 के दौरान भारत में सातवां सबसे बड़ा निवेशक था। उन्होंने अगले कुछ महीने में गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी, जोकि गुजरात में एक वित्तीय मुक्त क्षेत्र है में अपनी उपस्थिति स्थापित करने की अबू धाबी निवेश प्राधिकरण की योजना की सराहना की, इससे यूएई केलिए भारत में निवेश के अवसर और अधिक सुगम होंगे। दोनों राजनेताओं ने आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी की स्थापना हेतु भारत के शिक्षा मंत्रालय, आईआईटी दिल्ली और अबू धाबी शिक्षा एवं ज्ञान विभाग केबीच त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन के महत्व पर भी चर्चा की। पिछले वर्ष फरवरी में दोनों राजनेताओं केबीच वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान यूएई में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना पर सहमति बनी थी।
भारत-यूएई के राजनेताओं ने इस बात केप्रति अपना समर्थन और अनुमोदन व्यक्त कियाकि आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी ऊर्जा के क्षेत्र में बदलाव एवं स्थिरता से संबंधित स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की पेशकश करके जनवरी 2024 तक अपना कामकाज शुरू कर देगा। टिकाऊ ऊर्जा, जलवायु संबंधी अध्ययन, कंप्यूटिंग और डेटा विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान केंद्र स्थापित करने के अलावा सितंबर 2024 से यहां अन्य स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी स्तरीय पाठ्यक्रम शुरू किए जाने की उम्मीद है। दोनों राजनेताओं ने ऊर्जा-तेल एवं गैस तथा नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में द्विपक्षीय साझेदारी को और आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। दोनों देश हरित हाइड्रोजन, सौर ऊर्जा और ग्रिड कनेक्टिविटी क्षेत्र में अपने सहयोग को आगे बढ़ाएंगे। दोनों भारत के रणनीतिक पेट्रोलियम रिज़र्व कार्यक्रम सहित ऊर्जा की विस्तृत श्रेणी में निवेश बढ़ाने पर भी सहमत हुए। दोनों राजनेताओं ने विशेष रूपसे जी20 की भारत की अध्यक्षता और कॉप28 की यूएई की अध्यक्षता के दौरान जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों पर संयुक्त रूपसे किए गए कार्यों को स्वीकार किया। उन्होंने कॉप28 को सभी केलिए सफल बनाने हेतु साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया। खाद्य सुरक्षा के महत्व को पहचानते हुए दोनों राजनेताओं ने खाद्य आपूर्ति श्रृंखलाओं की विश्वसनीयता और सुदृढ़ता को बढ़ावा देने एवं भारत में खाद्य गलियारा परियोजनाओं सहित खाद्य एवं कृषि व्यापार का विस्तार करने के अपने संकल्प को दोहराया।
संयुक्त अरब अमीरात पक्ष इस क्षेत्र में परियोजनाओं को शीघ्र साकार करने केलिए विभिन्न भारतीय हितधारकों के साथ अपने परामर्श को तेजीसे पूरा करेगा। दोनों राजनेताओं ने स्वास्थ्य क्षेत्र के महत्व और द्विपक्षीय एवं तीसरे देशों में चलरहे स्वास्थ्य संबंधी सहयोग को सक्रिय करके तथा इसमें और विविधता लाकर सहयोग के दायरे को बढ़ाने पर प्रकाश डाला। टीकों और दवाओं की वैश्विक स्वास्थ्य आपूर्ति श्रृंखला में एक विश्वसनीय विकल्प बनने की दोनों देशों की क्षमता पर प्रकाश डाला गया। यूएई और भारत में बढ़ते स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे में सहयोग के अवसरों पर भी चर्चा की गई। दोनों राजनेताओं ने कहाकि दोनों देशों के लोगों केबीच सदियों पुराने आपसी संपर्क भारत और यूएई के ऐतिहासिक संबंधों के सबसे मजबूत और सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। संयुक्त अरब अमीरात ने सराहना करते हुए कहाकि बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी यूएई के समाज और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूएई शेख ने भारत-यूएई और साझेदार पड़ोसियों में समृद्धि को बढ़ावा देने केलिए क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और कनेक्टिविटी को मजबूत करने केलिए द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की। वे रक्षा आदान-प्रदान, अनुभव साझा करने, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में सुधार करने पर भी सहमत हुए। उन्होंने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर सभी रूपों में सीमापार आतंकवाद सहित उग्रवाद और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई केलिए अपनी संयुक्त प्रतिबद्धता की पुष्टि की। दोनों ने आतंकवाद, आतंकवाद के वित्तपोषण और उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने द्विपक्षीय सहयोग को और प्रगाढ़ करने पर सहमत हुए। इस संदर्भ में उन्होंने लोगों केबीच शांति, संयम, सहअस्तित्व और सहिष्णुता के मूल्यों को प्रोत्साहन देने का महत्व बताया और सभी प्रकार के उग्रवाद, घृणास्पद भाषण, भेदभाव और उत्तेजना को अस्वीकार करने की आवश्यकता पर बल दिया। दोनों राजनेताओं ने बहुपक्षवाद के महत्व पर बल दिया और न्यायपूर्ण, नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था को प्रोत्साहन देने केलिए सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूएई शेख ने संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद के मामलों पर दोनों पक्षों केबीच समन्वय पर भी संतोष व्यक्त किया, विशेष रूपसे 2022 में जब दोनों देशों ने संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्यों के रूपमें कार्य किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा परिषद के निर्वाचित सदस्य के रूपमें यूएई के कार्यकाल के दौरान यूएई की उपलब्धियों की सराहना की। यूएई ने संशोधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता केलिए भारत के दावे के प्रति अपना समर्थन दोहराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल को दिए गए गर्मजोशीभरे आतिथ्य केलिए शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर यह भी कहाकि वे 9-10 सितंबर 2023 को नई दिल्ली में जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की भागीदारी केलिए उत्सुक हैं।