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'निवेशकों को सहारा में डूबा पैसा मिलेगा'

केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने सहारा रिफंड पोर्टल लांच किया

'वैध निवेशक बकाया राशि के रिफंड केलिए आवेदन करें'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 19 July 2023 04:17:02 PM

union cooperative minister launched sahara refund portal

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय पंजीयक सहारा रिफंड पोर्टल शुरू कर दिया है, जिसको सहारा समूह की 4 सहकारी समितियों-सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के प्रामाणिक जमाकर्ताओं के दावे प्रस्तुत करने केलिए विकसित किया गया है। सहकारिता मंत्री ने कहाकि देशमें पहलीबार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में निवेशकों का घोटाले में फंसा पैसा वापस मिलना शुरू हो रहा है, ये एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहाकि करोड़ों लोगों को अपनी गाढ़ी कमाई के पैसे वापस मिलेंगे, लगभग 1.78 करोड़ ऐसे छोटे निवेशकों, जिनका 30000 रूपए तक का पैसा फंसा है। उन्होंने उल्लेख कियाकि माननीय उच्चतम न्यायालय ने 29 मार्च 2023 के अपने आदेश में निर्देश दिया थाकि सहारा समूह की सहकारी समितियों के प्रामाणिक जमाकर्ताओं के वैध बकाए के भुगतान केलिए सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5000 करोड़ रुपये सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार को हस्तांतरित किए जाएं।
सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बतायाकि भुगतान की पूरी प्रक्रिया की निगरानी और इसका पर्यवेक्षण सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी कर रहे हैं, जिसमें उनकी सहायता केलिए वकील गौरव अग्रवाल (न्याय मित्र) को नियुक्त किया गया है। इन चारों समितियों से संबंधित रिफंड प्रक्रिया में सहायता केलिए 4 वरिष्ठ अधिकारियों को ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी के रूपमें नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहाकि भुगतान की पूरी प्रक्रिया डिजिटल और पेपरलैस है और दावे प्रस्तुत करने केलिए बनाया गया पोर्टल यूज़र फ्रेंडली, कुशल और पारदर्शी है। उन्होंने कहाकि केवल प्रामाणिक जमाकर्ताओं की वैध राशि लौटाने को सुनिश्चित करने केलिए पोर्टल में ज़रूरी प्रावधान किए गए हैं, पोर्टल को सहकारिता मंत्रालय की वेबसाइट के जरिए एक्सेस किया जा सकता है। अमित शाह ने बतायाकि इन समितियों के प्रामाणिक जमाकर्ताओं को पोर्टल पर उपलब्ध ऑनलाइन आवेदन पत्र को ज़रूरी दस्तावेज़ों केसाथ अपलोडकर अपने दावे प्रस्तुत करने होंगे, उनकी पहचान सुनिश्चित करने केलिए जमाकर्ताओं का आधार कार्ड के ज़रिए सत्यापन किया जाएगा, उनके दावों और अपलोड किए गए दस्तावेजों के सत्यापन केलिए नियुक्त सोसायटी, ऑडिटर्स और ओएसडी के सत्यापन केबाद उपलब्धता के अनुसार धनराशि, जमाकर्ताओं को ऑनलाइन दावे पेश करने के 45 दिन के अंदर सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खाते में ट्रांस्फर कर दी जाएगी और उन्हें एसएमएस या पोर्टल के माध्यम से इसकी सूचना दे दी जाएगी।
अमित शाह ने कहाकि समितियों के प्रामाणिक जमाकर्ताओं को ये सुनिश्चित करना होगाकि उनके पास आधार लिंक्ड मोबाइल नंबर और बैंक खाता है। इस अवसर पर सहकारिता राज्यमंत्री बीएल वर्मा, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश रहे आर सुभाष रेड्डी और सचिव सहकारिता मंत्रालय ज्ञानेश कुमार सहित सहारा समूह की चारों सहकारी समितियों के जमाकर्ता भी उपस्थित थे। अमित शाह ने कहाकि इस कार्यक्रम का महत्व इस दृष्टि से हैकि जिन लोगों की गाढ़ी कमाई इन 4 सहकारी समितियों में फंसी है, उनके प्रति किसी का ध्यान नहीं गया, ऐसे मामलों में अक्सर मल्टी एजेंसी सीज़र हो जाता है, क्योंकि कोई ऐजेंसी निवेशक के बारेमें नहीं सोचती। उन्होंने कहाकि इसके कारण कोऑपरेटिव सोसाटीज़ केप्रति बहुत बड़ी असुरक्षा और अविश्वास की भावना पैदा हो जाती है। अमित शाह ने कहाकि देश के करोड़ों लोगों के पास पूंजी नहीं है, लेकिन वे देश के विकास में योगदान देना चाहते हैं, इसके लिए कोऑपरेटिव आंदोलन के सिवा कोई रास्ता नहीं है और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन करने का निर्णय लिया, जिसमें छोटी-छोटी पूंजी को मिलाकर बड़ी पूंजी का निर्माण कर बड़े काम किए जा सकते हैं।
सहकारिता मंत्री ने कहाकि कई बार घपले-घोटाले के आरोप लगते हैं और जो लोग इनमें निवेश करते हैं, उनकी पूंजी फंस जाती है जैसे-सहारा का उदाहरण सबके सामने है। उन्होंने कहाकि कई साल तक सुप्रीम कोर्ट में केस चला, एजेंसियों ने इनकी संपत्तियां और खाते सील कर दिए और ऐसा होने पर कोऑपरेटिव सोसायटीज़ की विश्वसनीयता समाप्त हो जाती है। अमित शाह ने कहाकि इस मामले में पहल करते हुए सभी स्टेकहोल्डर्स को बिठाकर बात की गईकि क्या कोई ऐसी व्यवस्था बनाई जा सकती है, जिसमें सभी लोग अपने दावों से ऊपर उठकर छोटे निवेशकों के बारेमें सोचें। अमित शाह ने कहाकि सभी एजेंसियों ने मिलकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और उच्चतम न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला दियाकि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति का गठन करके उनके निर्देशन में पारदर्शी तरीके से भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो। उन्होंने कहाकि ट्रायल बेसिस पर पारदर्शी तरीके से निवेशकों को 5000 करोड़ रूपए की धनराशि लौटाने की शुरुआत हो रही है। उन्होंने कहाकि जब 5000 करोड़ रूपए का भुगतान हो जाएगा, तब बाकी बचे निवेशकों की धनराशि लौटाने केलिए एकबार फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी।
अमित शाह ने कहाकि पोर्टल के माध्यम से पहले निवेशकों को, जिनकी जमाराशि 10000 रूपए या इससे अधिक है, उसमें से 10000 रूपए तककी राशि का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहाकि पोर्टल पर आवेदन करने केलिए चारों समितियों का पूरा डेटा ऑनलाइन उपलब्ध है। उन्होंने कहाकि इस प्रक्रिया में ऐसे सभी प्रावधान किए गए हैं, जिससे कहीं भी किसी प्रकार की गड़बड़ी और किसी भी प्रामाणिक निवेशक केसाथ अन्याय की गुंजाइश ना हो। अमित शाह ने कहाकि जिन्होंने निवेश नहीं किया है, उन्हें किसीभी तरह से यहां से रिफंड नहीं मिल सकता और जिन्होंने निवेश किया है, उन्हें रिफंड मिलने से कोई रोक नहीं सकता। सहकारिता मंत्री ने निर्देश दिएकि आवेदन भरने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर की व्यवस्था की जाए। उन्होंने सभी निवेशकों से अनुरोध कियाकि वे कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से अपना ऑनलाइन पंजीकरण कराएं। अमित शाह ने कहाकि इस प्रक्रिया में दो प्रमुख शर्तें हैं-पहली निवेशक का आधार कार्ड उसके मोबाइल केसाथ लिंक्ड हो और आधार कार्ड उसके आपके बैंक अकाउंट केसाथ लिंक्ड हो। उन्होंने निवेशकों को विश्वास दिलाते हुए कहाकि 45 दिन में पैसा उनके बैंक अकाउंट में जमा हो जाएगा। पोर्टल का लिंक https://mocrefund.crcs.gov.in है।

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