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Friday 21 July 2023 02:45:30 PM
नई दिल्ली। श्रीलंका के राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिन्घे से आज हैदराबाद हाउस नई दिल्ली में मुलाकात और भारत-श्रीलंका के बीच मजबूत एवं ऐतिहासिक संबंधों को और सुदृढ़ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त प्रेस वक्तव्य दिया। उन्होंने राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिन्घे और उनके प्रतिनिधिमंडल का भारत में हार्दिक स्वागत किया और कहाकि आज राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिन्घे अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूरा कर रहे हैं, इस अवसर पर उन्हें हम सभी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं! प्रधानमंत्री ने कहाकि यह वर्ष भारत-श्रीलंका के द्विपक्षीय संबंधों केलिए विशेष महत्व रखता है, हम अपने राजनयिक संबंधों की पचहत्तरवीं वर्षगांठ मना रहें हैं, साथही भारतीय मूल का तमिल समुदाय श्रीलंका में अपने आगमन के 200 वर्ष पूरे कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि यह कहते हुए खुशी हैकि श्रीलंका में भारतीय मूल के तमिल नागरिकों केलिए 75 करोड़ रूपए की लागत के विभिन्न प्रोजेक्ट्स कार्यांवित किए जा रहे हैं, इसी केसाथ भारत श्रीलंका के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्र में भी विकास कार्यक्रमों में योगदान देगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि पिछला एक वर्ष श्रीलंका के लोगों केलिए चुनौतियों से भरा रहा है, एक निकटतम मित्र होने के नाते भारत हमेशा की तरह इस संकटकाल में भी श्रीलंका के लोगों केसाथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा है और जिस साहस केसाथ श्रीलंका के लोगों ने इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना किया है, उसके लिए वह श्रीलंका के लोगों का ह्रदय से अभिनंदन करते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत और श्रीलंका के प्रगाढ़ संबंध हमारी सभ्यताओं की तरह ही प्राचीन और व्यापक हैं। उन्होंने कहाकि भारत की पड़ोसी पहले पॉलिसी और सागर विज़न दोनों में भी श्रीलंका का एक महत्वपूर्ण स्थान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज उन्होंने राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिन्घे के साथ द्विपक्षीय, क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर अपने विचार साझा किए और उनका मानना हैकि भारत-श्रीलंका के सुरक्षा हित और विकास एकदूसरे से जुड़ें हैं, इसलिए यह आवश्यक हैकि हम एक-दूसरे की सुरक्षा और संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए साथ मिलकर काम करें। नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज हमने हमारी आर्थिक साझेदारी केलिए एक विज़न डॉक्यूमेंट अपनाया है, यह विज़न दोनों देशों के लोगों केबीच समुद्री, वायु, ऊर्जा एवं लोगों से लोगों की कनेक्टिविटी को मजबूती देने एवं पर्यटन, बिजली, व्यापार, उच्च शिक्षा और कौशल विकास में आपसी सहयोग को गति देने और श्रीलंका केप्रति भारत के दीर्घकालिक कमिटमेंट का है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि उन्होंने और राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिन्घे ने तय किया हैकि आर्थिक और तकनीकी सहयोग समझौता पर शीघ्र ही बातचीत शुरू की जाएगी, इससे दोनों देशों केलिए व्यापार और आर्थिक सहयोग की नई संभावनाएं खुलेंगी।
प्रधानमंत्री ने कहाकि हम भारत-श्रीलंका केबीच हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने केलिए सहमत हैं, व्यापार और लोगों का आवागमन बढ़ाने केलिए तमिलनाडु के नागपट्टनम और श्रीलंका के कांके-संतुरई केबीच यात्री नौका सेवाएं शुरू करने का निर्णय भी लिया गया है। उन्होंने कहाकि उन्होंने तय किया हैकि दोनों देशों केबीच बिजली ग्रिड को कनेक्ट करने के काम को तेजीसे आगे बढ़ाया जाएगा। दोनों राजनेताओं ने भारत-श्रीलंका केबीच पेट्रोलियम पाइपलाइन केलिए व्यवहार्यता का अध्ययन, इसके अलावा एक भूमि पुल की व्यवहार्यता को भी जांचने का निर्णय लिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि श्रीलंका में यूपीआई को लॉंच करने केलिए हुए समझौते से फिनटेक कनेक्टिविटी बढ़ेगी। नरेंद्र मोदी ने कहाकि उन्होंने राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिन्घे केसाथ मछुआरों की आजीविका से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की है और दोनों सहमत हैंकि हमें इस मामले में एक मानवीय दृष्टिकोण केसाथ आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहाकि हमने श्रीलंका में पुनर्निर्माण और सुलह पर भी बात की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिन्घे ने अपने समावेशी दृष्टिकोण के बारेमें उन्हें बताया है और हम आशा करते हैंकि श्रीलंका सरकार तमिलों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी, समानता, न्याय और शांति केलिए पुनर्निर्माण की प्रक्रिया को बढ़ाएगी। नरेंद्र मोदी ने कहाकि तेरहवें संशोधन का कार्यांवयन और प्रांतीय परिषद चुनाव कराने की अपनी प्रतिबद्धता को पूर्ण करेगी और श्रीलंका के तमिल समुदाय केलिए आदर और गरिमा की जिंदगी सुनिश्चित करेगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि एक स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध श्रीलंका न केवल भारत के हित में है, बल्कि पूरे हिंद महासागर क्षेत्र के हित में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकबार फिर आश्वासन देते हुए कहाकि श्रीलंका के लोगों की इस संघर्ष की घड़ी में भारत के लोग उनके साथ हैं।