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Friday 28 July 2023 06:12:23 PM
गांधीनगर (गुजरात)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आज सेमीकॉन इंडिया-2023 सम्मेलन का उद्घाटन किया है, जिसका विषय है-'भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को बढ़ावा देना'। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहाकि सेमीकॉन जैसे कार्यक्रम सॉफ्टवेयर अपडेट की तरह हैं, जहां विशेषज्ञ और उद्योगजगत के प्रतिनिधि आपस में मुलाकात करते हैं और अपने विचार साझा करते हैं, यह हमारे संबंधों के समन्वय केलिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहाकि यह भारत की सेमीकंडक्टर रणनीति और नीति को प्रदर्शित करता है, जो भारत को सेमीकंडक्टर डिजाइन, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी विकास के क्षेत्र में एक वैश्विक केंद्र बनाने की परिकल्पना करता है। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शनी का अवलोकन किया और इस क्षेत्र से जुड़े नवाचारों और इसकी ऊर्जा पर प्रसन्नता व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने सभीसे विशेषकर युवा पीढ़ी का प्रदर्शनी में आने और नई तकनीक की ताकत को समझने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल पहले सेमीकॉन की भागीदारी को स्मरण करते हुए सेमीकंडक्टर उद्योग को लेकर भारत में निवेश पर उस समय उठाए गए सवालों पर कहाकि एक वर्ष की अवधि में 'भारत में निवेश क्यों करें' का सवाल बदलकर 'भारत में निवेश क्यों न करें' हो गया है। नरेंद्र मोदी ने भारत में अपना विश्वास जताने केलिए उद्योग जगत की सराहना करते हुए कहाकि उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के प्रयासों के कारण एक दिशा आधारित बदलाव आया है। उन्होंने कहाकि उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने भारत की आकांक्षाओं और सामर्थ्य को अपने भविष्य तथा सपनों केसाथ जोड़ लिया है। उन्होंने कहाकि भारत कभी निराश नहीं करता है, 21वीं सदी के भारत में अवसरों की प्रचुरता है और लोकतंत्र, जनसांख्यिकी एवं लाभांश भारत में व्यापार को बढ़ाकर दोगुना से तीन गुना कर देंगे। उन्होंने गुणात्मक वृद्धि से संबंधित मूर के नियम का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि हम भारत के डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्षेत्र में समान गुणात्मक वृद्धि देख रहे हैं। उन्होंने बतायाकि वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण में भारत की हिस्सेदारी कई गुना बढ़ गई है, वर्ष 2014 में भारत का इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण 30 अरब डॉलर सेभी कम था, जो आज 100 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है, पिछले 2 वर्ष में इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल उपकरणों का निर्यात दोगुना हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 केबाद भारत में हुए तकनीकी विकास पर कहाकि 2014 से पहले भारत में केवल दो मोबाइल विनिर्माण इकाइयां थीं, जबकि आज यह संख्या 200 से अधिक हो गई है। उन्होंने बतायाकि आज देश में ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ताओं की संख्या 6 करोड़ से बढ़कर 80 करोड़ हो गई है, जबकि इंटरनेट कनेक्शन की संख्या 25 करोड़ से बढ़कर 85 करोड़ से अधिक हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहाकि ये न केवल भारत की प्रगति के प्रतीक हैं, बल्कि देश के बढ़ते व्यापार के भी संकेतक हैं। नरेंद्र मोदी ने सेमीकॉन उद्योग के गुणात्मक विकास के लक्ष्य को हासिल करने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका बताई। उन्होंने कहाकि दुनिया आज उद्योग 4.0 क्रांति देख रही है और किसीभी औद्योगिक क्रांति का आधार उस विशेष क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाएं हैं। प्रधानमंत्री ने उद्योग 4.0 क्रांति और भारतीय आकांक्षाओं केबीच एक सादृश्य बनाते हुए कहाकि अतीत में औद्योगिक क्रांतियों और अमेरिकी सपने का एक ही संबंध था। उन्होंने कहाकि भारत के विकास के पीछे भारतीय आकांक्षाएं ही प्रेरक शक्ति हैं। उन्होंने हाल की रिपोर्ट का जिक्र किया, जिसमें कहा गया हैकि गरीबी बहुत तेजी से घट रही है, जिससे देश में नव मध्यम वर्ग का उदय हो रहा है।
तकनीक अनुकूल प्रकृति और प्रौद्योगिकी अपनाने केप्रति भारतीय लोगों की उत्सुकता को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि सस्ती डेटा दरें, गुणवत्तापूर्ण डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और गांवों में निर्बाध बिजली आपूर्ति डिजिटल उत्पादों की खपत को बढ़ा रही है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हेल्थ से एग्रीकल्चर और लॉजिस्टिक्स तक स्मार्ट टेक्नोलॉजी के उपयोग के विजन पर भारत काम कर रहा है। उन्होंने कहाकि भारत में ऐसे लोग हैं, जिन्होंने बुनियादी घरेलू उपकरण का उपयोग नहीं किया होगा, लेकिन वे इंटरकनेक्टेड स्मार्ट उपकरणों का उपयोग करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि विशेष छात्रों ने पहले साइकिल का उपयोग नहीं किया होगा, लेकिन वे आज स्मार्ट इलेक्ट्रिक बाइक का उपयोग करने केलिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत का बढ़ता नव मध्यम वर्ग भारतीय आकांक्षाओं का पावरहाउस बना हुआ है। उन्होंने कहाकि चिप निर्माण उद्योग अवसरों से भरा बाजार है। प्रधानमंत्री ने महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के दुष्प्रभावों का जिक्र करते हुए कहाकि दुनिया को एक विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला की जरूरत है और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र से ज्यादा भरोसेमंद भागीदार कौन हो सकता है। उन्होंने भारत केप्रति बढ़ते वैश्विक भरोसे पर खुशी जताई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि निवेशकों को भारत पर भरोसा है, क्योंकि यहां एक स्थिर, जिम्मेदार और सुधारोन्मुखी सरकार है। उन्होंने कहाकि उद्योग जगत को भारत पर भरोसा है, क्योंकि हर क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा है, तकनीकी क्षेत्र भारत पर विश्वास करता है, क्योंकि यहां प्रौद्योगिकी बढ़ रही है। उन्होंने कहाकि सेमीकंडक्टर उद्योग भारत पर भरोसा करता है, क्योंकि हमारे पास विशाल प्रतिभा पूल है, कुशल इंजीनियर और डिजाइनर हमारी ताकत हैं, जो कोई भी दुनिया के सबसे जीवंत और एकीकृत बाजार का हिस्सा बनना चाहता है, उसे भारत पर भरोसा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि जब हम जब हम कहते हैंकि मेक इन इंडिया तो उसमें ये बातभी शामिल हैकि आइए मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत अपनी वैश्विक जिम्मेदारियों को समझता है और मित्र देशों केसाथ व्यापक रोडमैप पर काम कर रहा है, इसीलिए भारत एक जीवंत सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का निर्माण कर रहा है। उन्होंने जिक्र कियाकि हाल ही में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को मंजूरी दी गई है, नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बिल भी संसद में पेश किया जाने वाला है, सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने केलिए इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम को नया रूप दिया जा रहा है। उन्होंने बतायाकि भारत में 300 से अधिक ऐसे प्रमुख कॉलेजों की पहचान की गई है, जहां सेमीकंडक्टर पर पाठ्यक्रम उपलब्ध होंगे, चिप्स टू स्टार्टअप प्रोग्राम से इंजीनियरों को मदद मिलेगी।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि अगले 5 वर्ष में हमारे देश में एक लाख से अधिक डिजाइन इंजीनियर तैयार होने वाले हैं, भारत का बढ़ता स्टार्टअप इकोसिस्टम सेमीकंडक्टर सेक्टर को भी मजबूत करने जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत सेमीकंडक्टर उद्योग केलिए एक अच्छा ऊर्जा कंडक्टर बनने केलिए हर चेकबॉक्स पर टिक कर रहा है, इस क्षेत्र केलिए बिजली की महत्वपूर्ण आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए भारत की सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता पिछले दशक में 20 गुना से अधिक बढ़ गई है और इस दशक के अंततक 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता का नया लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने सौर पीवी मॉड्यूल, हरित हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइज़र के उत्पादन केलिए उठाए गए प्रमुख कदमों के बारे में बताया। उन्होंने कहाकि भारत में हो रहे नीतिगत सुधारों का सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के निर्माण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने नए विनिर्माण उद्योग केलिए लागू कई करों में छूटों के बारेमें भी जानकारी दी और भारत में सबसे कम कॉर्पोरेट कर की दर, फेसलेस और निर्बाध कराधान प्रक्रिया, पुराने कानूनों का उन्मूलन, कारोबारी सुगमता बढ़ाने केलिए अनुपालन और सेमीकंडक्टर उद्योग को विशेष प्रोत्साहन देने पर भी प्रकाश डाला। नरेंद्र मोदी ने कहाकि ये निर्णय और नीतियां इस तथ्य का प्रतिबिंब हैंकि भारत सेमीकंडक्टर उद्योग का जोरदार स्वागत रहा है, जैसे-जैसे भारत सुधार की राह पर और बढ़ेगा नए अवसर पैदा होंगे, भारत सेमीकंडक्टर निवेश केलिए एक उत्कृष्ट संवाहक बन रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, कच्चे माल, प्रशिक्षित जनशक्ति और मशीनरी की जरूरतों को समझता है। उन्होंने कहाकि जिस क्षेत्र में हमने निजी कारोबारियों केसाथ मिलकर काम किया है, उसने नई ऊंचाइयों को छुआ है, चाहे वह अंतरिक्ष क्षेत्र हो या भू-स्थानिक क्षेत्र, हमें हर जगह उत्कृष्ट परिणाम मिले हैं। उन्होंने प्राप्त किए गए फीडबैक के आधार पर लिएगए महत्वपूर्ण निर्णयों के बारेमें भी जानकारी दी। उन्होंने सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम केतहत बढ़ी हुई प्रोत्साहन राशि के बारेमें भी बताया। उन्होंने विस्तार से बताया कि अब प्रौद्योगिकी फर्मों को भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने केलिए 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता दी जाएगी। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हम देश के सेमीकंडक्टर सेक्टर के विकास में तेजी लाने केलिए लगातार नीतिगत सुधार कर रहे हैं। भारत की जी20 थीम 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' पर प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत को सेमीकंडक्टर विनिर्माण केंद्र बनाने के पीछे भी यही भावना काम करती है। उन्होंने कहाकि भारत चाहता हैकि उसके कौशल, क्षमता और सामर्थ्य से दुनिया लाभांवित हो। उन्होंने वैश्विक भलाई और बेहतर दुनिया केलिए भारत की क्षमता को बढ़ावा देने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर उद्यम में भागीदारी, सुझावों और विचारों का स्वागत किया और उद्योग जगत की हस्तियों को आश्वासन दियाकि भारत सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है।
उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने भी सम्मेलन में अपने विचार साझा किए। एसईएमआई के अध्यक्ष और सीईओ अजीत मिनोचा ने कहाकि भारत के इतिहास में पहलीबार भू-राजनीति, घरेलू राजनीति और निजी एवं छिपी हुई क्षमताएं भारत के पक्ष में एकजुट हो गई हैं, ताकि देश सेमीकंडक्टर उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके। उन्होंने कहाकि माइक्रोन का निवेश भारत में इतिहास रच रहा है और यह दूसरों केलिए अनुसरण का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहाकि सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को समझने वाला नेतृत्व ही वर्तमान प्रणाली को प्रभावी बनाता है। उन्होंने कहाकि भारत एशिया में सेमीकंडक्टर का अगला शक्ति भंडार होगा। एएमडी के ईवीपी और सीटीओ मार्क पेपरमास्टर ने हाल ही में व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री केसाथ एएमडी के सीईओ की हुई बैठक को स्मरण किया। उन्होंने घोषणा कीकि एएमडी अगले 5 वर्ष में लगभग 400 मिलियन डॉलर का निवेश करेगा,एएमडी अपनी अनुसंधान एवं विकास क्षमताओं को बढ़ाएगा। उन्होंने कहाकि हम बेंगलुरु में अपना सबसे बड़ा डिजाइन केंद्र बनाएंगे। सेमीकंडक्टर प्रोडेक्ट ग्रुप एप्लाइड मैटेरियल्स के अध्यक्ष डॉ प्रभु राजा ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत विजन से भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में केंद्रीय भूमिका निभाने केलिए तैयार है। उन्होंने कहाकि हमारा दृढ़ विश्वास हैकि यह भारत के उज्ज्वल होने का समय है।
सेमीकंडक्टर प्रोडेक्ट ग्रुप एप्लाइड मैटेरियल्स के अध्यक्ष डॉ प्रभु राजा ने कहाकि कोईभी कंपनी या देश इस क्षेत्र से जुड़ी चुनौतियों का अकेले मुकाबला नहीं कर सकती, वर्तमान में इस क्षेत्र में सहयोग आधारित साझेदारी की आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि यह नया सहयोगी मॉडल हमें इस क्षेत्र केलिए उत्प्रेरक बनने में सक्षम बना सकता है और भारत के सेमीकंडक्टर विजन में एक मूल्यवान भागीदार मानने केलिए धन्यवाद किया। कैडेंस के अध्यक्ष और सीईओ अनिरुद्ध देवगन ने कहाकि भारत को सेमीकंडक्टर में निवेश करते देखना वास्तव में अच्छा है। उन्होंने खुशी जताईकि सरकार पूरे इकोसिस्टम में निवेश कर रही है। वेदांता ग्रुप के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहाकि विशेषज्ञों की राय में गुजरात भारत की सिलिकॉन वैली केलिए उपयुक्त जगह है। उन्होंने भारत के युवाओं केलिए नए अवसर पैदा करने के प्रधानमंत्री के विजन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि हमने देखा हैकि पिछले दशक में भारत में किस प्रकार के बदलाव हुए हैं और युवा भारतीयों की आकांक्षाएं वास्तव में बहुत ऊंची हैं। माइक्रोन टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष और सीईओ संजय मेहरोत्रा ने भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब में बदलने के वैश्विक विजन केलिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने गुजरात में मेमोरी चिप निर्माण केलिए सेमीकंडक्टर असेंबली इकाई और परीक्षण सुविधा की स्थापना पर गर्व व्यक्त किया और कहाकि यह परियोजना आने वाले वर्ष में 15000 अतिरिक्त नौकरियों के साथ-साथ नौकरी के लगभग 5000 अवसरों का सृजन करेगी।
माइक्रोन टेक्नोलॉजी के सीईओ संजय मेहरोत्रा ने राज्य में सेमीकंडक्टर उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया में समर्थन केलिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों को धन्यवाद दिया। उन्होंने नवाचार, व्यापार वृद्धि और सामाजिक प्रगति के वातावरण को बढ़ावा देने में समर्थन प्रदान करने केलिए प्रधानमंत्री को भी धन्यवाद दिया, जिनके ठोस परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहाकि डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया वास्तव में परिवर्तनकारी ऊर्जा पैदा कर रहे हैं, जो सकारात्मक प्रगति को जारी रखेगी। फॉक्सकॉन के अध्यक्ष यंग लियू ने ताइवान सेमीकंडक्टर उद्योग के आगे बढ़ने की मजबूत भावना पर प्रकाश डाला, जो बिना किसी शिकायत के कठिन परिश्रम करने के सामर्थ्य पर आधारित है। उन्होंने कहाकि इसी भावना को भारत में भी प्रयुक्त किया जा सकता है। उन्होंने सेमीकंडक्टर उद्योग का नेतृत्व करने के लिए भारत सरकार की इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प केप्रति विश्वास और आशा व्यक्त की। यंग लियू ने कहाकि आईटी का मतलब भारत और ताइवान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उद्धृत करते हुए यंग लियू ने आश्वासन दियाकि ताइवान सेमीकंडक्टर उद्योग में भारत का सबसे भरोसेमंद और विश्वसनीय भागीदार होगा। सम्मेलन में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव एवं आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर भी उपस्थित थे।