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Monday 31 July 2023 02:01:45 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय पीएमओ कार्मिक एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा हैकि टाइप 2 मधुमेह (डायबिटीज मेलिटस) और कई अन्य जीवनशैली संबंधी विकारों को नियंत्रित करने सहित स्तन कैंसर कई प्रकार के कैंसर का शीघ्र पता लगाना एवं उपचार जरूरी है। गौरतलब हैकि राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह स्वयं भी जानेमाने चिकित्सक और मधुमेह रोग विशेषज्ञ हैं। राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि देश में उपलब्ध सफल उपचारों तक आसान पहुंच होने से भारत प्रारंभिक चरण में ही स्तन कैंसर पर विजय पा सकता है। 'भारतीय महिलाओं केलिए स्तन कैंसर की देखभाल का विस्तार' शीर्षक से नई दिल्ली में 'द वीक कनेक्ट' कार्यक्रम में डॉ जितेंद्र सिंह ने स्वास्थ्य पर विशेष पूरक अंक केलिए द वीक की सराहना की। उन्होंने कहाकि द वीक का यह प्रयास मलयाला मनोरमा समूह की परंपरा और विरासत को ध्यान में रखते हुए है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि स्वास्थ्य और महिलाओं में स्तन कैंसर पर ध्यान केंद्रित करना स्तन कैंसर से निपटने केलिए सबसे अच्छा कदम है, स्तन कैंसर विश्वभर के साथही भारत में भी महिलाओं में सबसे अधिक होने वाली घातक बीमारियों में से एक है। उन्होंने कहाकि देश में स्तन कैंसर पर अनुसंधान में काफी प्रगति हुई है, जिससे इसके आणविक परिदृश्य और ट्यूमर की विविधता को बेहतर ढंग से समझने में सहायता मिली है। उन्होंने उदाहरण स्वरूप कहाकि उपचार के अनुक्रमण प्रयासों ने स्तन कैंसर में शामिल प्राथमिक चालक जीन को समझने में मदद की है। डॉ जितेंद्र सिंह ने बतायाकि विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद की प्रयोगशालाएं भारत के कैंसर अनुसंधान में सबसे आगे हैं। इसके अलावा लखनऊ में सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट सीडीआरआई गैर उल्लंघनकारी और लागत प्रभावी संश्लेषण मार्ग के माध्यम से उच्च मूल्य वाली जेनेरिक औषधियों को विकसित करने, नैदानिक रूपसे मान्य कैंसर दवा लक्ष्यों के विरुद्ध नई रासायनिक संस्थाओं के डिजाइन और संश्लेषण, शक्तिशाली विरोधी के निदानपूर्व मूल्यांकन में अग्रणी है। उन्होंने अन्य गतिविधियों के अलावा कैंसर संस्थाओं को भी इसमें शामिल किया।
डॉ जितेंद्र सिंह ने आंकड़ों के हवाले से कहाकि भारत में वर्ष 2020 में स्तन कैंसर से 37.2 प्रतिशत महिलाओं की मृत्यु हुई है, जबकि एशियाई दर 34 प्रतिशत थी, वहीं इसका वैश्विक औसत 30 प्रतिशत था। उन्होंने कहाकि भारत में स्तन कैंसर से उच्च मृत्यु दर देर से हुए निदान से संबंधित हो सकती है, जो मुख्य रूपसे उचित जागरुकता की कमी और जोखिम वाली जनसंख्या केलिए जांच की अनुपलब्धता के कारण है। उन्होंने कहाकि आशा करने का अब कारण है, क्योंकि स्तन कैंसर अत्यधिक रोकथाम एवं अत्यधिक उपचारात्मक है और जितनी जल्दी इसका पता चलेगा, उसके प्रभावी उपचार और जीवित रहने की संभावना भी उतनी ही बेहतर होगी। उन्होंने कहाकि शोध से स्तन कैंसर के निदान और उपचार में कई प्रभावी विकास हुए हैं, जो कम जटिलताओं और कम दुष्प्रभावों को सुनिश्चित करते हैं और आनेवाले वर्षों में स्तन कैंसर के रोगियों के जीवन में सुधार ला सकते हैं। डॉ जितेंद्र सिंह यह जानकर प्रसन्न हुएकि पहले रोगियों का उपचार शल्यचिकित्सा के अलावा मात्र रसायन-चिकित्सा (कीमोथेरेपी) और विकिरण (रेडिएशन) से किया जाता था, पर अब उपचार के कई विकल्प उपलब्ध हैं। मुंह के माध्यम से नई चिकित्सा प्रविधियां आ गई हैं जैसेकि सीडीके 4/6 अवरोधक (इन्हिबिटर) जिनका उपयोग हार्मोन जनितस्पष्ट (पॉजिटिव) मेटास्टेटिक स्तन कैंसर के उपचार केलिए किया जाता है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने बतायाकि सिपला जैसी भारतीय कंपनियां भारत में पाल्बोसिक्लिब (एक सीडीके 4/6 इनहिबिटर) का एक सामान्य संस्करण लेकर आ रही हैं, जिसकी लागत 5000 मासिक से कम है और इसे रोगियों के एक बड़े समूह द्वारा उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहाकि इस तरह से अधिक भारतीय जेनेरिक दवाओं की शुरुआत से बड़ी संख्या में रोगियों का उपचार करने में सहायता मिलेगी। देशभर में कल्याण केंद्रों (वेलनेस सेंटर्स) की तरह विशेष स्तन कैंसर क्लीनिक के विचार का समर्थन करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि आयुष्मान भारत विश्व की अबतक की सबसे अच्छी स्वास्थ्य बीमा योजना है और इसकी परिकल्पना करने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। उन्होंने कहाकि यह संभवतः विश्व की एकमात्र ऐसी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जो पहले से विद्यमान रोग केलिए भी बीमा सुरक्षा लेने का विकल्प प्रदान करती है, उदाहरण केलिए यदि आज किसी व्यक्ति को कैंसर या यहां तककि स्तन कैंसर का पता चलता है, तो कोई भी अपने उपचार केलिए ऐसा कर सकता है, अतः उपचार के उद्देश्य से वित्तीय सहायता प्राप्त करने केलिए अपना बीमा अवश्य करवाएं।