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Tuesday 1 August 2023 02:51:32 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय सचिवालय सेवा के फोरम और सीमित विभागीय प्रतियोगी परीक्षा के जरिए सीधी भर्ती से आए कार्मिकों सहित केंद्रीय सचिवालय कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त रूपसे केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के प्रभारी राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से व्यक्तिगत रूपसे रुचि लेने और पिछले महीने सहायक अनुभाग अधिकारियों से अनुभाग अधिकारियों के रूपमें बड़े पैमाने पर पदोन्नति में तेजी लाने केलिए उनको धन्यवाद दिया। गौरतलब हैकि कार्मिक मंत्रालय के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने पिछले महीने तत्काल प्रभाव से तदर्थ आधार पर सहायक अनुभाग अधिकारियों के पद पर कार्यरत 1592 अधिकारियों की बड़े पैमाने पर पदोन्नति को स्वीकृति दी थी। राज्यमंत्री ने इस अवसर पर कहाकि पिछले वर्ष ही बड़े पैमाने पर लगभग 9000 पदोन्नतियां की गई हैं और उससे पहले डीओपीटी ने तीन वर्ष में 4000 पदोन्नतियां दी थीं। पदोन्नति प्रक्रिया में यह तेजी कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के प्रभारी राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह के निर्देश पर लाई गई है, जिन्होंने व्यक्तिगत रूपसे पूरी प्रक्रिया की समीक्षा की थी।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के प्रभारी राज्यमंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात केलिए बहुत उत्सुक हैंकि परिश्रमी और अच्छा प्रदर्शन करने वाले कार्मिकों एवं अधिकारियों को कार्य के अनुकूल वातावरण प्रदान किया जाना चाहिए और इसके साथही उन्हें समय पर सेवा लाभ भी प्रदान किए जाने चाहिएं, जिससे वे राष्ट्र निर्माण केलिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने केलिए प्रेरित रहें। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि मोदी सरकार कर्मचारियों एवं अधिकारियों को प्रेरित करने और सेवाकाल में लंबे समय तक ठहराव की समस्या को दूर करने केलिए बड़े पैमाने पर पदोन्नति दे रही है। राज्यमंत्री ने बतायाकि सहायक अनुभाग अधिकारी और अन्य संवर्गों में अन्य 2000 पदोन्नतियां प्रक्रिया में हैं और सम्भावना यह हैकि इस वर्ष के अंततक उन्हें भी पदोन्नत कर दिया जाएगा। उन्होंने कहाकि नौ वर्ष में नरेंद्र मोदी सरकार ने विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में लंबित अदालती मामलों, उच्च वेतनमान (ग्रेड) में रिक्तियों की कमी और अन्य कार्मिक मुद्दों के कारण लंबे समय से चले आ रहे गतिरोध के मुद्दों की समय-समय पर समीक्षा की है।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि अकेले पिछले वर्ष में ही बड़े पैमाने पर लगभग 9000 पदोन्नतियां की गईं और उससे पहले कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने तीन वर्ष में 4000 पदोन्नतियां दी थीं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि सरकार कुछ संवर्गों और कुछ स्तरों पर लंबे समय तक ऐसे गतिरोध को लेकर चिंतित है, जहां प्रशासन के सबसे निचले स्तर पर काम करने वाले कुछ कर्मचारी एक भी पदोन्नति प्राप्त किए बिना ही 30 से 35 वर्ष का अपना पूरा सेवा कार्यकाल बिताते हैं। उन्होंने कहाकि उन्होंने विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों केसाथ इस मुद्दे पर चर्चा की है और प्रशासन के मध्य एवं निचले स्तरपर गतिरोध से बचने केलिए कई नवीन उपाय विकसित किए गए हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने इस बात पर खेद व्यक्त कियाकि बड़ी संख्या में ऐसे मामलों में पदोन्नति में रुकावट पिछली सरकारों के अनुचित निर्णयों के कारण हुई, जो मुकद्मेबाजी या बिना बारी पदोन्नति देने केलिए नियमों को तोड़ने-मरोड़ने का परिणाम थी। राज्यमंत्री ने कहाकि हाल के वर्षों में स्वीकृत की गईं 4000 पदोन्नतियों में से कुछ में सरकार ने कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श करके और न्यायिक जांच केलिए वैध प्रावधान बनाकर ऐसे मामले विचाराधीन होने के बावजूद भी पदोन्नति दी है।
केंद्रीय सचिवालय सेवा संवर्ग से संबंधित कर्मचारियों एवं अधिकारियों की बड़े पैमाने पर पदोन्नति के आदेश पिछले महीने डॉ जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग में कई दौर की उच्चस्तरीय बैठकों के बाद जारी किए गए थे। डॉ जितेंद्र सिंह ने इस बात पर संतोष व्यक्त कियाकि संघ लोकसेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से सरकार में अधिक प्रतिभाशाली और कुशल भर्तियां हो रही हैं। उन्होंने कहाकि शासन में सुगमता केसाथ-साथ पैनल में निष्पक्षता लाने केलिए सरकार ने नौ वर्ष में प्रक्रियाओं में काफी सुधार किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सकेकि पदोन्नति करने में किसी भी प्रकार की व्यक्तिपरक प्राथमिकताएं शामिल न हों। उन्होंने कहाकि ऑनलाइन डेटाबेस से सरकारी कार्यबल में अधिक जवाबदेही और दक्षता आई है। डॉ जितेंद्र सिंह ने सीएसएस के प्रतिनिधिमंडल का मिशन कर्मयोगी मंच का उपयोग करके अपने संबंधित कैडर्स के प्रशिक्षण केलिए रास्ते खोलने एवं अपने-अपने कार्य केसाथ ही सामान्य रूपसे समाज में विश्वसनीयता बढ़ाने केलिए चिंतन शिविर एवं कार्यशालाएं आयोजित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहाकि यह सब न केवल जनता केलिए परिणामों की प्रभावपूर्ण ढंग से समय पर सेवा (डिलीवरी) सुनिश्चित करने केलिए है, बल्कि कर्मचारियों को उनकी क्षमता के अनुसार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सक्षम बनाने केलिए भी है।