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Tuesday 1 August 2023 04:20:53 PM
नई दिल्ली। भारतीय विदेश सेवा-2022 बैच के प्रोबेशनर्स ने आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की। प्रोबेशनर्स का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने कहाकि सकारात्मक ऊर्जा और नए विचारों से भरे युवाओं केसाथ बातचीत करना उनके लिए खुशी की बात है। राष्ट्रपति ने प्रोबेशनर्स को भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने पर बधाई दी और उनका उत्साहवर्धन करते हुए कहाकि विदेश में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना एक बड़ा सौभाग्य है, हालांकि इस विशेषाधिकार केलिए आपको गर्व, समर्पण और विनम्रता केसाथ लोगों और राष्ट्र की सेवा करने केलिए उतनी ही गहरी प्रतिबद्धता की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें खुशी हैकि युवा भारतीय राजनयिकों का यह समूह भारत की विविधता का प्रतिनिधित्व करता है, और विदेश सेवा में लिंग संतुलन में सुधार को भी दर्शाता है, यह सेवा और हमारे राष्ट्र केलिए अच्छा संकेत है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने प्रोबेशनर्स को संबोधित करते हुए कहाकि भारतीय राजनयिक बनने केलिए इससे बेहतर समय और नहीं हो सकता। उन्होंने कहाकि वैश्विक विकास के अगुवा और वैश्विक शासन में एक मजबूत आवाज़ के रूपमें भारत की भूमिका और प्रभाव अंतर्राष्ट्रीय जगत में तेजीसे बढ़ रहा है, आज अंतर्राष्ट्रीय समुदाय जटिल वैश्विक चुनौतियों के समाधान केलिए भारत की तरफ देख रहा है, चाहे वह सतत विकास हो, जलवायु परिवर्तन हो, साइबर सुरक्षा हो, आपदाओं से निपटना हो या उग्रवाद और आतंकवाद से मुकाबला करना हो। उन्होंने कहाकि यह सेवा उन जैसे युवा राजनयिकों केलिए नई चुनौतियों केसाथ-साथ शानदार अवसर भी प्रदान करती है। राष्ट्रपति ने कहाकि जैसेही वे जिम्मेदारियों के निर्वहन की तैयारी करते हैं, उन्हें यह ध्यान में रखना चाहिएकि विदेश में उनके सभी प्रयासों और गतिविधियों का अंतिम उद्देश्य अपने देश में वृद्धि और विकास को बढ़ावा देना है।
राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें भारत की अधिक समृद्धि के बड़े लक्ष्य को हासिल करने केलिए अन्य सिविल सेवाओं के अधिकारियों केसाथ मिलकर काम करना होगा। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें दुनियाभर में 33 मिलियन मजबूत भारतीय प्रवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका को और विकसितकर बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कांसुलर सेवाओं को रेखाकिंत करते हुए कहाकि सामुदायिक पहुंच के दौरान संवेदनशील और मानवीय हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से भारतीय समुदाय के सदस्यों से नियमित रूपसे मिलने और उनके कल्याण का ध्यान रखने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने प्रोबेशनर्स के समृद्ध प्रशिक्षण अनुभव सुने और कहाकि उन्होंने न केवल यह सीखा हैकि हमारे राष्ट्रीय हित बाहरी दुनिया से कैसे जुड़े हुए हैं, बल्कि भारत के लाभ केलिए वैश्विक एजेंडे को आकार देने केलिए आवश्यक उपकरण और कौशल भी प्राप्त किए हैं। उन्होंने कहाकि भारत के बढ़ते कद का मतलब हैकि उनको न केवल अपने पारंपरिक कर्तव्यों को पूरा करना होगा, बल्कि हमारे राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक हितों की सेवा केलिए नई जिम्मेदारियां भी निभानी होंगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने प्रोबेशनर्स से कहाकि यह नई प्रौद्योगिकी साझेदारी की तलाश करना, भारतीय वस्तुओं और सेवाओं केलिए बाजार सुरक्षित करना, मानवीय सहायता प्रदान करना या हमारे प्रवासी भारतीयों को सहायता प्रदान करना हो सकता है, उनको बहुमुखी और अनुकूलनीय होना चाहिए, अच्छी तरह से सूचित रहना चाहिए और कई भूमिकाएं निभाना सीखना चाहिए। उन्होंने प्रोबेशनर्स से कहाकि वंदे भारत मिशन, ऑपरेशन गंगा और ऑपरेशन कावेरी, जहां हमारे राजनयिकों ने विदेशों में हमारे हजारों नागरिकों को भारत में उनके घरों में वापस लाने केलिए कड़ी मेहनत की अनुकरणीय प्रयास थे। राष्ट्रपति ने प्रोबेशनर्स से कहाकि उनमें से कई पहले सेही भारत की जी20 अध्यक्षता में होनेवाले कार्यक्रमों के व्यस्त कैलेंडर में शामिल हैं, उनको इतने महत्वपूर्ण मेगा इवेंट के आयोजन का प्रत्यक्ष अनुभव मिल रहा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि भारत की जी20 अध्यक्षता अद्वितीय है, क्योंकि भारत इस मंच का उपयोग वैश्विक दक्षिण की चिंताओं और प्राथमिकताओं को सामने लाने केलिए कर रहा है। उन्होंने प्रोबेशनर्स से कहाकि आप एक बहुतही प्रतिष्ठित सेवा के सदस्य हैं, जिसने हमें कई सम्मान दिलाए हैं, विश्वास हैकि आप हमारे द्विपक्षीय संबंधों और वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे, देश की विकास यात्रा में समर्पण और निष्ठा के साथ योगदान देंगे। उन्होंने कहाकि इस यात्रा में उन लोगों की जरूरतों और आकांक्षाओं के प्रति हमेशा सहानुभूतिपूर्ण और संवेदनशील रहें जिनकी आपको सेवा मिलती है-विशेषकर कम विशेषाधिकार प्राप्त लोगों की। राष्ट्रपति ने प्रोबेशनर्स को भविष्य के प्रयासों केलिए शुभकामनाएं दीं और उनसे कहाकि वे जहां भी सेवा करें, हमारा तिरंगा ऊंचा रहे और हमारी गौरवशाली परंपराएं जीवित रहें।