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Wednesday 2 August 2023 03:19:02 PM
गांधीनगर (गुजरात)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर शहर के स्थापना दिवस पर वीडियो संदेश से आज महिला सशक्तिकरण पर जी-20 मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और प्रसन्नता व्यक्त कीकि उन्हें अहमदाबाद में गांधी आश्रम का दौरा करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि गांधी आश्रम में गांधीजी की जीवनशैली की सादगी और स्थिरता, आत्मनिर्भरता और समानता के उनके दूरदर्शी विचारों को प्रत्यक्ष रूपसे देखा जा सकता है। नरेंद्र मोदी ने विश्वास व्यक्त कियाकि गणमान्य व्यक्तियों को इससे प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने दांडी कुटीर संग्रहालय का दौरा करने का भी उल्लेख किया और बतायाकि गांधीजी का प्रसिद्ध चरखा पास के एक गांव में गंगाबेन नाम की एक महिला को मिला था, तबसे गांधीजी ने खादी पहनना शुरू कर दिया, जो आत्मनिर्भरता और निर्वहनीयता का प्रतीक बन गया। उन्होंने कहाकि भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत 'महिला सशक्तिकरण' पर एक नया कार्य समूह स्थापित किया जा रहा है और विश्वास व्यक्त कियाकि गांधीनगर में विश्वभर की महिलाओं में असीम आशा और आत्मविश्वास पैदा होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि जब महिलाएं समृद्ध होती हैं तो दुनिया समृद्ध होती है और उनकी शिक्षा तक पहुंच वैश्विक प्रगति को आगे बढ़ाती है। उन्होंने कहाकि उनका आर्थिक सशक्तिकरण विकास को और उनका नेतृत्व समावेशिता को बढ़ावा देता है, उनकी आवाज़ सकारात्मक बदलाव को प्रेरित करती है तो महिलाओं को सशक्त बनाने का सबसे प्रभावी तरीका महिला केंद्रित विकास दृष्टिकोण के माध्यम से है और भारत इस दिशा में असीम प्रगति कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू स्वयं एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं, वह विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का नेतृत्व कर रही हैं और दुनिया के दूसरे सबसे बड़े रक्षाबल की सर्वोच्च कमांडर हैं, भलेही वह एक सामान्य जनजातीय पृष्ठभूमि से हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि लोकतंत्र की इस जननी में 'मतदान का अधिकार' शुरू से ही भारतीय संविधान में महिलाओं सहित सभी नागरिकों को समान रूपसे प्रदान किया गया है और समानता के आधार पर चुनाव लड़ने का अधिकार भी दिया गया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि निर्वाचित महिला प्रतिनिधि आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक परिवर्तन की प्रमुख कारक रही हैं। उन्होंने कहाकि भारत में ग्रामीण स्थानीय निकायों में निर्वाचित प्रतिनिधियों में 46 प्रतिशत महिलाएं हैं, जिनकी संख्या 1.4 मिलियन है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह रेखांकित करते हुएकि स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं को प्रेरित करना भी बदलाव केलिए एक शक्तिशाली कारक रहा है, महामारी के दौरान हमारे समुदायों केलिए स्वयं सहायता समूहों और निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के सहायता के स्तंभ के रूपमें उभरने पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने उनकी उपलब्धियों का उदाहरण दिया और मास्क और सैनिटाइजर के निर्माण और संक्रमण की रोकथाम के बारे में जागरुकता पैदा करने का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि भारत में 80 प्रतिशत से अधिक नर्स और दाईयां महिलाएं हैं, महामारी के दौरान वे हमारी रक्षा की अग्रिम पंक्ति थीं और हमें उनकी उपलब्धियों पर गर्व है। उन्होंने कहाकि महिला केंद्रित विकास सरकार केलिए एक प्रमुख प्राथमिकता रही है। प्रधानमंत्री ने उल्लेख कियाकि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत सूक्ष्म स्तर की इकाइयों की सहायता करने केलिए एक मिलियन रुपये तकके लगभग 70 प्रतिशत ऋण महिलाओं को मंजूर किए गए हैं, इसी तरह स्टैंडअप इंडिया के तहत 80 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं, जो ग्रीन फील्ड परियोजनाओं केलिए बैंकऋण का लाभ उठा रही हैं। यह देखते हुएकि स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन पर्यावरण को सीधे प्रभावित करता है और महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार लाता है, प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि ग्रामीण महिलाओं को लगभग 100 मिलियन रसोई गैस कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में तकनीकी शिक्षा में महिलाओं की संख्या 2014 से दोगुनी हो गई है, भारत में एसटीईएम (विज्ञान प्रौद्योगिकी इंजीनियरिंग और गणित) स्नातकों में लगभग 43 प्रतिशत महिलाएं हैं और भारत में लगभग एकचौथाई अंतरिक्ष वैज्ञानिक महिलाएं हैं। उन्होंने कहाकि चंद्रयान, गगनयान और मिशन मंगल जैसे हमारे प्रमुख कार्यक्रमों की सफलता के पीछे इन महिला वैज्ञानिकों की प्रतिभा और कड़ी मेहनत है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाएं उच्च शिक्षा में अधिक प्रवेश ले रही हैं। उन्होंने यहभी बताया कि भारत में नागरिक उड्डयन में महिला पायलटों का प्रतिशत सबसे अधिक है, जबकि भारतीय वायुसेना में महिला पायलट भी लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारे सभी सशस्त्रबलों में महिला अधिकारियों को प्रचालनगत भूमिकाओं और लड़ाकू मोर्चों पर तैनात किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने ग्रामीण कृषि परिवारों की रीढ़ के रूपमें और छोटे व्यापारियों और दुकानदारों के रूपमें महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिकाओं का जिक्र किया। प्रकृति केसाथ उनके घनिष्ठ संबंध को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि महिलाएं जलवायु परिवर्तन के नवोन्मेषी समाधानों की कुंजी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मरण कियाकि किस प्रकार महिलाओं ने 18वीं शताब्दी में भारत में पहली प्रमुख जलवायु कार्रवाई का नेतृत्व किया जब अमृता देवी के नेतृत्व में राजस्थान के बिश्नोई समुदाय ने अंधाधुंध कटाई को रोकने केलिए 'चिपको आंदोलन' शुरू किया, उन्होंने कई अन्य ग्रामीणों के साथ प्रकृति के ध्येय के लिए अपना जीवन अर्पित कर दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत में महिलाएं मिशन लाइफ पर्यावरण के लिए जीवन शैली की ब्रांड एंबेसडर भी रही हैं, साथही उन्होंने कम करने, पुन: उपयोग करने, रिसाइकिल करने और पुन: प्रयोजन के उनके पारंपरिक ज्ञान को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि विभिन्न पहलों के तहत महिलाएं सक्रिय रूपसे सौर पैनल और लाइट बनाने का प्रशिक्षण ले रही हैं। उन्होंने 'सोलर मैमास' पहल का उल्लेख किया जो विकासशील देशों में साझेदार देशों केसाथ सहयोग करने में सफल रही है। प्रधानमंत्री ने भारत में महिला उद्यमियों की भूमिका पर जोर देते हुए कहाकि महिला उद्यमियों का वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहाकि दशकों पहले 1959 में मुंबई में सात गुजराती महिलाओं ने मिलकर एक ऐतिहासिक सहकारी आंदोलन श्री महिला गृह उद्योग का सृजन किया था, जिसने लाखों महिलाओं और उनके परिवारों के जीवन को रूपांतरित कर दिया है। नरेंद्र मोदी ने उनके सबसे प्रसिद्ध उत्पाद लिज्जत पापड़ का उल्लेख किया और कहाकि यह शायद गुजरात में खाद्य मेनू में शामिल होगा!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेयरी क्षेत्र का भी उदाहरण दिया और बताया कि अकेले गुजरात में इस क्षेत्र से 3.6 मिलियन महिलाएं जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहाकि भारत में लगभग 15 प्रतिशत यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स में कम से कम एक महिला संस्थापक है और महिलाओं के नेतृत्व वाली इन यूनिकॉर्न कंपनियों का संयुक्त मूल्य 40 अरब डॉलर से अधिक है। प्रधानमंत्री ने एक ऐसा स्तरीय मंच का निर्माण करने की आवश्यकता पर बल दिया, जहां उपलब्धियां हासिल करने वाली महिलाएं आदर्श बन सकें। उन्होंने उन बाधाओं को दूर करने की दिशा में काम करने पर जोर दिया जो बाजारों, वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं और निम्न लागत वित्त तक उनकी पहुंच को प्रतिबंधित करती हैं, साथही यह सुनिश्चित करने पर बल दिया कि देखभाल और घरेलू काम के बोझ को भी इसी के साथ-साथ उपयुक्त तरीके से दूर किया जाए। प्रधानमंत्री ने महिलाओं की उद्यमिता, नेतृत्व और शिक्षा पर मंत्रालयी सम्मेलन के फोकस की सराहना की और महिलाओं के लिए डिजिटल और वित्तीय साक्षरता बढ़ाने के लिए 'टेक-इक्विटी प्लेटफॉर्म' के लॉन्च पर प्रसन्नता जताई की।