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Monday 7 August 2023 05:48:36 PM
नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्रालय केसाथ भागीदारी में नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (एनसीजीजी) का मालदीव के सिविल सेवकों केलिए दो सप्ताह का क्षमता निर्माण कार्यक्रम समाप्त हो चुका है। गौरतलब हैकि एनसीजीजी ने वर्ष 2024 तक लोक प्रशासन और शासन के क्षेत्र में मालदीव के 1000 सिविल सेवकों के कौशल एवं क्षमताओं को और ज्यादा सुदृढ़ करने केलिए मालदीव सरकार केसाथ समझौता किया है, जिसके एक भाग के रूपमें एनसीजीजी पहले ही मालदीव के 818 अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान कर चुका है, इसमें एसीसी, मालदीव के 29 अधिकारी भी शामिल हैं। एनसीजीजी के प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' के मंत्र केसाथ जुड़े हुए हैं, जिनमें विकासात्मक रणनीतियों को तैयार करते और सार्वजनिक नीतियों को लागू करते समय नागरिकों को सबसे आगे रखा गया है।
नागरिक केंद्रित शासन के सिद्धांतों को ऐसे कार्यक्रम और मजबूत बनाते हैं और ज्ञान सूचना एवं नवाचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने केसाथ सर्वोत्तम प्रथाओं एवं डिजिटल शासन को अपनाने में प्रोत्साहन प्रदान करते हैं। नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस के महानिदेशक वी श्रीनिवास ने इस अवसर पर प्रतिभागी अधिकारियों से कार्यक्रम के दौरान प्राप्त अनुभव का पूरा उपयोग करने और इस अवसर का लाभ उठाने तथा ज्ञान को साझा करने और समूहों में काम करने का आग्रह किया, क्योंकि अच्छे विचारों को बढ़ावा देने केलिए प्रभावी टीम निर्माण बहुत आवश्यक है, जिसका नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने केलिए उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने सिविल सेवकों केलिए डिजिटल क्रांति का पूरी तरह से उपयोग करने और नवीनतम सूचना प्रौद्योगिकी को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रभावी उपयोग का हवाला देते हुए डिजिटल शासन को बढ़ाया जा सके, जिसने भारत को कोविड महामारी से सफलतापूर्वक निपटने, लोगों को बेहतर और समय पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में सक्षम बनाया है।
मालदीव के उच्चायुक्त इब्राहिम शाहीब ने भारत में अपने देश के अधिकारियों के क्षमता निर्माण केलिए प्रदान किए गए समर्थन केलिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया और मालदीव के अधिकारियों की प्रभावी एवं सक्रिय भागीदारी की भी सराहना की। उन्होंने मालदीव में स्कूलों के डिजिटलीकरण और मालदीव में अस्पताल सेवाओं के डिजिटलीकरण के बारेमें प्रतिभागी अधिकारियों के विस्तृत और अद्भुत प्रस्तुति को देखकर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने अधिकारियों से परस्पर जुड़े रहने और अपने देश की बेहतरी केलिए मिलकर काम करने का आग्रह किया। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं और संस्थानों का अवलोकन करने के उद्देश्य से यात्रा करने के बारेमें जानकारी दी गई। ऐसी यात्राएं उन्हें स्मार्ट सिटी, देहरादून, प्रधानमंत्री संग्रहालय, एम्स सहित प्रमुख पहलों और संगठनों की अमूल्य अंतर्दृष्टि एवं प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करती हैं।
मालदीव के सिविल सेवकों केलिए 26वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम के समग्र पर्यवेक्षण और पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ बीएस बिष्ट ने बतायाकि क्षमता निर्माण कार्यक्रम में एनसीजीजी ने देश की विभिन्न पहलों को साझा किया है, इनमें शासन के बदलते प्रतिमान, केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली, भारत-मालदीव संबंध, आधार: सुशासन का एक उपकरण, सार्वजनिक नीतियों का कार्यांवयन, प्रशासन में नैतिकता, सार्वजनिक नीति बनाने में व्यवहारिक अंतर्दृष्टि, जेंडर और विकास, समग्र गुणवत्ता प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, सरकारी ई-मार्केटप्लेस, स्मार्ट सिटी विकास, विभिन्न विकास योजनाओं से सर्वोत्तम प्रथाएं, पीने के पानी केलिए कम लागत वाला अलवणीकरण, जलवायु परिवर्तन, पर्यटन, ई-गवर्नेंस और डिजिटल इंडिया उमंग, नेतृत्व, समन्वय और संचार, स्वास्थ्य देखभाल शासन, स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवहार, सर्कुलर अर्थव्यवस्था, कौशल भारत और भ्रष्टाचार विरोधी रणनीतियां प्रमुख थीं।