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प्रधानमंत्री ने लालच के प्रति आगाह किया

'भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी सख्त जीरो टॉलरेंस नीति है'

कोलकाता में जी20 भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 12 August 2023 02:42:31 PM

pm narendra modi

कोलकाता/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो संदेश के जरिए कोलकाता में जी20 भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने नोबेल से सम्मानित गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के शहर कोलकाता में आयोजित जी20 भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक में गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और कहाकि यह पहलीबार है, जब यह बैठक वास्तविक तरीके से हो रही है। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के लेखन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने लालच केप्रति आगाह किया, क्योंकि यह हमें सच्चाई का अनुभव करने से रोकता है। उन्होंने प्राचीन भारतीय उपनिषदों का भी उल्लेख किया, जो 'मा गृधा' का संदेश देते हैं, जिसका अर्थ 'कोई लालच न हो' है। प्रधानमंत्री ने इस तथ्य को रेखांकित कियाकि भ्रष्टाचार का सबसे अधिक प्रभाव गरीबों और हाशिए पर रहने वाले लोगों पर पड़ता है, यह संसाधनों के उपयोग को प्रभावित करता है, बाजारों को विकृत करता है, सेवा वितरण पर असर डालता है और अंतमें लोगों के जीवन की गुणवत्ता को कम कर देता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कौटिल्य के अर्थशास्त्र को उद्धृत करते हुए कहाकि अपने लोगों का अधिकतम कल्याण सुनिश्चित करने केलिए राज्य के संसाधनों को बढ़ाना सरकार का कर्तव्य है। उन्होंने इस लक्ष्य को हासिल करने केलिए भ्रष्टाचार से निपटने पर जोर दिया और कहाकि यह अपने लोगों केप्रति सरकार का कर्तव्य है। प्रधानमंत्री ने कहाकि देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस की सख्त नीति है और भारत एक पारदर्शी एवं जवाबदेह इकोसिस्टम बनाने केलिए प्रौद्योगिकी तथा ई-गवर्नेंस का लाभ उठा रहा है। उन्होंने बतायाकि कल्याणकारी और सरकारी परियोजनाओं में गड़बड़ियों एवं कमियों को दूर किया जारहा है, इसके परिणामस्वरूप भारत में सैकड़ों मिलियन लोगों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से उनके बैंक खातों में 360 बिलियन डॉलर से अधिक की धनराशि प्राप्त हुई है और 33 बिलियन डॉलर से अधिक की धनराशि बचाने में मदद मिली है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि सरकार ने व्यावसाय जगत केलिए विभिन्न प्रक्रियाओं को सरल बना दिया है। उन्होंने सरकारी सेवाओं के स्वचालन एवं डिजिटलीकरण का उदाहरण दिया, जिससे किराए की मांग करने के अवसर समाप्त हो गए हैं। उन्होंने कहाकि हमारे सरकारी ई-मार्केटप्लेस या जीईएम पोर्टल ने सरकारी खरीद में अधिक पारदर्शिता लाई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 में आर्थिक अपराधी अधिनियम के अधिनियमन के बारेमें कहाकि सरकार पूरी तत्परता केसाथ आर्थिक अपराधियों को देश वापस लाने का प्रयास कर रही है और आर्थिक अपराधियों एवं भगोड़ों से 1.8 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति की वसूली के बारेमें जानकारी दी। उन्होंने धनशोधन रोकथाम अधिनियम काभी उल्लेख किया, जिसने 2014 से अपराधियों की 12 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति जब्त करने में मदद की है। प्रधानमंत्री ने 2014 में अपने पहले जी-20 शिखर सम्मेलन में जी20 देशों और दक्षिणी दुनिया के देशों के समक्ष भगोड़े आर्थिक अपराधियों के बारेमें बोलने का जिक्र किया। उन्होंने 2018 में जी20 शिखर सम्मेलन में भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई और संपत्ति की वसूली केलिए नौ सूत्री एजेंडा पेश करने का भी उल्लेख किया और कार्यसमूह के इस दिशा में निर्णायक कदम उठाए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने तीन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों यानी सूचना साझा से कानून को लागू करने में सहयोग, संपत्ति वसूली तंत्र को मजबूत करने और भ्रष्टाचार विरोधी अधिकारियों की ईमानदारी एवं प्रभावशीलता को बढ़ाने के मामले में कार्रवाईउन्मुख उच्चस्तरीय सिद्धांतों का स्वागत किया। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त कीकि कानून लागू करने वाली एजेंसियों केबीच अनौपचारिक सहयोग पर सहमति बन गई है, जो अपराधियों को सीमापार कानूनी खामियों का फायदा उठाने से रोकेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समय रहते संपत्तियों का पता लगाने और अपराध से प्राप्त आय की पहचान करने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सभी देशों को अपने घरेलू संपत्ति वसूली तंत्र को उन्नत करने हेतु प्रोत्साहित करने की जरूरत पर बल दिया। नरेंद्र मोदी ने सुझाव दियाकि जी20 देश विदेशी संपत्तियों की वसूली में तेजी लाने केलिए गैर दोषसिद्धि आधारित जब्ती का उपयोग करके एक उदाहरण स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने कहाकि यह उचित न्यायिक प्रक्रिया केबाद अपराधियों की त्वरित वापसी और प्रत्यर्पण सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहाकि यह भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी संयुक्त लड़ाई के बारेमें एक मजबूत संकेत देगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि जी20 देशों के सामूहिक प्रयास भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान कर सकते हैं और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने तथा भ्रष्टाचार के मूल कारणों का समाधान करने वाले मजबूत उपायों के कार्यांवयन से बड़ा अंतर लाया जा सकता है। नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में लेखापरीक्षा से जुड़े संस्थानों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने गणमान्य व्यक्तियों से अपनी प्रशासनिक और न्यायिक प्रणालियों को मजबूत करने केसाथ-साथ मूल्य प्रणालियों में नैतिकता और ईमानदारी की संस्कृति को बढ़ावा देने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि केवल ऐसा करके ही हम एक न्यायपूर्ण और टिकाऊ समाज की नींव रख सकते हैं। 

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