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Thursday 17 August 2023 12:21:31 PM
नई दिल्ली। भारतीय सेना ने करगिल विजय दिवस समारोह की 25वीं वर्षगांठ पर 'बैटल ऑफ माइंड्स' प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का शुभारम्भ किया है, जिसका उद्देश्य ज्ञान को बढ़ावा देना और युवाओं को इस दिशा में सशक्त बनाना है। दिल्ली छावनी क्षेत्र में मानेकशॉ सेंटर में कार्यक्रम की घोषणा की गई। करगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने जिस शौर्य, पराक्रम और साहस से जीत सुनिश्चित की, उसी भावना केप्रति सम्मान व्यक्त करने और श्रद्धांजलि देने केलिए यह कार्यक्रम आयोजित किया है। यह पहल युवाओं में बौद्धिक विकास और जिज्ञासा की भावना जागृत करने केलिए सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, इसका उद्देश्य भविष्य के अग्रणी व्यक्तित्वों का निर्माण करना है।
बैटल ऑफ माइंड्स प्रश्नोत्तरी के शुभारंभ कार्यक्रम में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने भाग लिया। इसके लोगो का अनावरण आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष अर्चना पांडे ने किया। परमवीरचक्र विजेता सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार तथा देश के 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्कूलों के प्रधानाचार्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे। बैटल ऑफ माइंड्स प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में भारत के सभी जिलों का प्रतिनिधित्व होगा और देश के लगभग 1.5 लाख स्कूलों तक यह जानकारी मुहैया कराई जाएगी, जिसका उद्देश्य प्रतियोगिता में लगभग 15000 स्कूलों का पंजीकरण करना है। इस प्रकार प्रतियोगिता से देशभर में लगभग 1.5 करोड़ छात्रों के भाग लेने की आशा है। प्रत्येक विद्यालय तीन छात्रों और एक रिज़र्व छात्र की टीम केसाथ प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। सहशिक्षा वाले विद्यालयों की टीमों में कम से कम एक छात्रा की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
प्रतिभागी 10 से 16 वर्ष के आयु वर्ग में होंगे, जो अनुमानतः कक्षा छह से दस के विद्यार्थी होंगे। प्रतियोगिता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूपों में आयोजित की जाएगी। प्रतियोगिता तीन चरणों-क्षेत्रीय कमानस्तर से शुरू होकर इंटर कमांड और अंतमें राष्ट्रीय स्तरपर सम्पन्न होगी। प्रतियोगिता के दो चरण होंगे, जिनसे प्रतिभागियों का व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित होगा। पहला चरण ऑनलाइन एलिमिनेशन राउंड केसाथ शुरू होगा, जहां छात्र बौद्धिक रूपसे विचारोत्तेजक प्रश्नों की एक श्रृंखला में अपनी योग्यता का प्रदर्शन करेंगे। ऑनलाइन राउंड से सफल अभ्यर्थी दूसरे चरण में पहुंचेंगे यानी एक क्षेत्रीय कमांडस्तरीय ऑफ़लाइन प्रतियोगिता का समापन ग्रैंड फिनाले में होगा। बैटल ऑफ माइंड्स की अवधारणा का दूरदर्शी कदम कारगिल युद्ध केप्रति सम्मान का भाव व्यक्त करता है और एक ऐसे भविष्य केलिए भारतीय सेना की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ बनाता है, जहां राष्ट्र के भविष्य निर्माताओं को गढ़ने केलिए एकता, ज्ञान और जिज्ञासा एकजुट होती है।
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता पांच प्रमुख तत्वों पर केंद्रित है, समावेशिता- प्रतियोगिता में वे सभी स्कूल भाग ले सकते हैं, जहां अंग्रेजी भाषा शिक्षा का प्राथमिक या माध्यमिक माध्यम है, समानता-छात्र छात्राओं केबीच संतुलन को बढ़ावा देने केलिए प्रत्येक सह-शिक्षा माध्यम विद्यालय से एक छात्रा की भागीदारी सुनिश्चित करना, उचित खेल- सुलभ ट्यूटोरियल द्वारा सहायता प्राप्तकर समान अवसर प्रदान करना, नि:शुल्क पंजीकरण और आकर्षक पुरस्कार विद्यालयों, विद्यार्थियों और उनके साथ आनेवाले शिक्षकों केलिए 4 करोड़ रुपये से अधिक के पुरस्कारों की व्यवस्था की गई है। शीर्ष 12 स्कूलों केलिए बसों और विद्यार्थियों तथा शिक्षकों केलिए 360 से अधिक लैपटॉप की पेशकश की गई है। अध्यापन आधारित शिक्षा पर जोर देने केसाथ टीच इंडिया के माध्यम से एक सुदृढ़ छात्र आउटरीच कार्यक्रम प्रश्नोत्तरी के व्यापक संदेश का प्रचार किया जाएगा। यह राष्ट्रनिर्माण में भारतीय सेना की भूमिका, कारगिल विजय और उसके बाद भारतीय सेना में चल रहे परिवर्तनों की जानकारी प्रदान करेगा।
सेना की प्रश्नोत्तरी केवल विद्यार्थियों की सामान्य जागरुकता का परीक्षण करने की अवधारणा से परे है। यह एक ऐसा मंच है, जो युवाओं को संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के अपने ज्ञान के आधार का परीक्षण करने केलिए जमीनी स्तरपर एक सशक्त मंच प्रदान करता है। यह प्रश्नोत्तरी छात्रों केबीच राष्ट्रनिर्माण में भविष्य की भूमिका के बारेमें जागरुकता भी पैदा करेगी। इसका लोगो, नाम और टैगलाइन भारतीय सेना की सम्मानित विरासत के गहन महत्व को प्रदर्शित करते हैं। लोगो का चिन्ह और आकार एकता और अनुशासन की एक स्थायी भावना जागृत करता है, जबकि धातु कांस्य रंग शक्ति और आधारभूत महरून रंग शौर्य एवं भारतीय सेना के समर्पण का प्रतीक है। बैटल ऑफ माइंड्स नाम बौद्धिक शक्ति का प्रतीक है, जिसमें टैगलाइन में जीत, पराक्रम, वीरता और नायकत्व की भावना निहित है। क्रॉस की गई तलवारें और अशोक स्तंभ तत्परता, कर्तव्य तथा सम्मान को दर्शाते हैं, जो भारतीय सेना की अदम्य भावना एवं समर्पण का प्रतीक है।