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स्टील्थ फ्रिगेट विंध्यगिरि हुगली नदी में लॉंच

कोलकाता में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने समारोहपूर्वक लॉंच किया

भारतीय नौसेना और जहाज के निर्माणकर्ताओं को बधाई दी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 18 August 2023 12:32:45 PM

stealth frigate vindhyagiri launched in hooghly river

कोलकाता। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स इंजीनियर्स लिमिटेड में बनाए जारहे प्रोजेक्ट 17ए के छठे स्टील्थ फ्रिगेट विंध्यगिरि को कोलकाता की हुगली नदी में समारोहपूर्वक लॉंच किया। विंध्यगिरि के पानी में उतरते ही उपस्थित जनसमूह में उत्साह की लहर दौड़ गई, गणमान्य व्यक्तियों, नौसेना कर्मी, जहाज निर्माता और दर्शकों ने विंध्यगिरि जहाज की निर्माण टीम का उत्साहवर्धन करते हुए उनकी प्रशंसा की। राष्ट्रपति ने भी भारतीय नौसेना और इसकी डिजाइन एवं निर्माण टीम को बधाई दी और कहाकि उन्हें बताया गया हैकि गार्डन रीच शिप बिल्डरों और इंजीनियरों ने विंध्यगिरि जैसे फ्रिगेट सहित सौ से अधिक युद्धपोतों का निर्माण और वितरण किया है। राष्ट्रपति ने कहाकि उनके कौशल और अथक प्रयासों ने हमें इस मुकाम तक पहुंचाया है, इसके लिए मैं जीआरएसई की पूरी टीम की सराहना करती हूं। राष्ट्रपति ने कहाकि विंध्यगिरी भारत की समुद्री क्षमताओं का प्रतीक है और इस स्वदेशी जहाज का निर्माण आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल में एक कदम है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि जहाज का नाम उपयुक्त रूपसे 'विंध्य' पर्वतमालाओं के नामपर रखा गया है, जो दृढ़ता का प्रतीक हैं। उन्होंने आशा व्यक्त कीकि शक्तिशाली विंध्यगिरि उन्हीं पहाड़ों से शक्ति प्राप्त करता है, जिनके नामपर इसका नाम रखा गया है, यह अटूट दृढ़ संकल्प केसाथ जलयात्रा करेगा और हमारे आधारभूत मूल्यों को कायम रखेगा। उन्होंने विश्वास जतायाकि यह युद्धपोत राष्ट्रीय सुरक्षा केप्रति हमारे संकल्प और प्रतिबद्धता तथा समृद्ध और सुरक्षित भविष्य के हमारे दृष्टिकोण के शक्तिशाली प्रमाण के रूपमें कार्य करेगा। राष्ट्रपति ने युद्धपोत निर्माण में देश की आत्मनिर्भरता की आकांक्षा को पूरा करने केलिए युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो और नौसेना टीमों की उल्लेखनीय उपलब्धियों पर गहरा संतोष व्यक्त करते हुए उनकी सराहना की। उन्होंने कहाकि युद्धपोत निर्माण केप्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता और दृढ़ समर्थन केलिए जीआरएसई के प्रयास ने भारतीय नौसेना को अपनी जहाज प्रेरणा योजना को सफलतापूर्वक निष्पादित करने और हिंद महासागर क्षेत्र में एक अजय शक्ति के रूपमें उभरने में महत्वपूर्ण रूपसे सक्षम बनाया है।
राष्ट्रपति ने कहाकि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और हम निकट भविष्य में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि बढ़ती अर्थव्यवस्था का मतलब है, समुद्र के माध्यम से अधिक मात्रा में व्यापार और हमारी व्यापार की वस्तुओं के बड़े हिस्से का आवागमन होता है, जो हमारे विकास और कल्याण केलिए महासागरों के महत्व को रेखांकित करता है। राष्ट्रपति ने कहाकि हिंद महासागर क्षेत्र और बड़े हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा से जुड़े कई पहलू हैं, इसमें समुद्री डकैती, सशस्त्र डकैती, नशीली दवाओं की तस्करी, अवैध मानव प्रवास, प्राकृतिक आपदाएँ और ऐसे कई मुद्दे शामिल हैं, इस पृष्ठभूमि में नौसेना को भारत के समुद्री हितों की रक्षा, संरक्षण और बढ़ावा देने का अधिकार है। उन्होंने कहाकि सुरक्षा खतरों से निपटने केलिए नौसेना को हमेशा सक्रिय रहना होगा। उन्होंने कहाकि प्रोजेक्ट 17ए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकसित करने केलिए स्वदेशी नवाचार को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहाकि बीते समय में कई सफल पारंपरिक लॉंच के रिकॉर्ड केसाथ मेसर्स जीआरएसई ने खुदको भारतीय नौसेना के एक विश्वसनीय भागीदार के रूपमें स्थापित किया है। राष्ट्रपति ने कहाकि विंध्यगिरि जीआरएसई की शानदार यात्रा में एक और मील का पत्थर है, जो गुणवत्तापूर्ण युद्धपोत बनाने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
गौरतलब हैकि विंध्यगिरि अपनी कमीशनिंग से पहले शेष गतिविधियों और उपकरण परीक्षणों केलिए जीआरएसई आउटफिटिंग जेट्टी में अपने दो सहयोगी जहाजों केसाथ शामिल होगा। प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स प्रोजेक्ट 17 शिवालिक क्लास फ्रिगेट्स का अनुवर्ती वर्ग है, इसमें बेहतर स्टील्थ फीचर्स, उन्नत हथियार, सेंसर और प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन सिस्टम हैं। सात प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट एमडीएल और जीआरएसई में निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं। एडवांस्ड स्टील्थ फ्रिगेट्स का डिज़ाइन भारतीय नौसेना केलिए तकनीकी रूपसे उन्नत युद्धपोतों को डिजाइन करने में युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो की शक्ति को प्रदर्शित करता है। विंध्यगिरि के लॉंच से राष्ट्र की स्वदेशी विशेषज्ञता और इंजीनियरिंग क्षमताओं को बढ़ावा मिलता है, इससे विदेश के आपूर्तिकर्ताओं पर भारत की निर्भरता कम हो जाती है, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलता है और एक मजबूत रक्षा औद्योगिक आधार को बढ़ावा मिलता है। नरेंद्र मोदी सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए प्रोजेक्ट 17ए के 75 प्रतिशत से अधिक ऑर्डर एमएसएमई सहित स्वदेशी फर्मों को दिए गए हैं। आर्थिक विकास, रोज़गार सृजन, देश में एमएसएमई और सहायक उद्योग की वृद्धि जहाज निर्माण परियोजना के सकारात्मक परिणाम हैं। इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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