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Monday 21 August 2023 05:37:39 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय जल अभियांत्रिकी सेवा के अधिकारियों ने आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की। राष्ट्रपति भवन में अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहाकि जीवन केलिए जल बुनियादी आवश्यकता है और जल संसाधन प्रबंधन हमेशा से सभी पीढ़ियों केलिए महत्वपूर्ण एवं चुनौतीपूर्ण कार्य रहा है। उन्होंने जल अभियांत्रिकी सेवा के अधिकारियों को इस प्रतिष्ठित सेवा में चयन पर बधाई दी और कहाकि यह सेवा उनको जल संसाधन के महत्वपूर्ण क्षेत्र में देश सेवा का अनुकरणीय अवसर दे रही है। उन्होंने कहाकि अभियांत्रिकी समाधान प्रदान करके जल अवसंरचना विकास की दिशा में केंद्रीय जल अभियांत्रिकी सेवा के अधिकारियों का योगदान देश प्राकृतिक और मानव निर्मित जल संकट से निपटने केलिए और अधिक सशक्त बना देगा। राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहाकि वे ऐसे समय में देश की सेवा में शामिल हुए हैं, जब देश अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है, यह वह समय भी है, जब भारत जी20 की अध्यक्षता संभाल रहा है और दुनिया इसके नेतृत्व केलिए भारत की ओर आशाभरी नज़रों से देख रही है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि जल जीवन की मूलभूत आवश्यकता है और सभ्यताएं जल के स्रोतों के किनारे ही विकसित हुई हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहाकि इंजीनियरिंग समाधान प्रदान करके जल बुनियादी ढांचे के विकास में आपका योगदान देश को प्राकृतिक और मानव निर्मित जल संकटों के खिलाफ अधिक लचीला बना देगा। उन्होंने कहाकि उन्हें बताया गया हैकि केंद्रीय जल इंजीनियरिंग सेवा नियोजित सिंचाई विकास के क्षेत्रमें बहुत बड़ा योगदान दे रही है और देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित सिंचाई आपूर्ति से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहाकि हमारे देश को अब किसीभी खाद्य संकट का सामना नहीं करना पड़ता है, इसका काफी श्रेय केंद्रीय जल अभियांत्रिकी सेवा के अधिकारियों कोभी जाता है। राष्ट्रपति ने कहाकि जल संसाधनों के टिकाऊ विकास और जल का कुशल प्रबंधन जल सुरक्षा एवं आर्थिक विकास केलिए जरूरी है। उन्होंने कहाकि आर्थिक विकास में वृद्धि और बढ़ते शहरीकरण एवं विकास केसाथ उपलब्ध संसाधनों के अधिकतम उपयोग की आवश्यकता होगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि जलवायु परिवर्तन के बदलते रुझान ने पहले ही जल क्षेत्र को प्रभावित करना शुरू कर दिया है और देश में विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग भौगोलिक और जलवायु संबंधी पैटर्न हैं। उन्होंने कहाकि केंद्रीय जल अभियांत्रिकी सेवा अधिकारियों से मौजूदा और आगामी चुनौतियों से निपटने केलिए समग्र दृष्टिकोण अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। उन्होंने उन्हें टिकाऊ तरीके से जल संसाधनों के विकास और प्रबंधन पर जोर देने की सलाह दी। उन्होंने अधिकारियों से कहाकि केंद्रीय जल आयोग ने जल संबंधी समस्याओं के समाधान केलिए अत्याधुनिक तकनीकों को विकसित एवं अपनाया है और आपको इस क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों की खोज करते रहना चाहिए, राष्ट्र आपसे प्रौद्योगिकी और नवाचार के उपयोग के माध्यम से और भी उम्मीद करता है। राष्ट्रपति ने उल्लेख कियाकि भारत सरकार ने जल शक्ति अभियान शुरू किया है, जो जल संरक्षण केलिए एक जन आंदोलन है, 'हर घर जल' सभी ग्रामीण घरों में नल का पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण अभियान है, यह कार्यक्रम आपके अथक प्रयासों और नवीनतम तकनीकों को अपनाने एवं उन्हें बड़े पैमाने पर उपयोग करने की इच्छाशक्ति से सफल हो सकता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि सरकार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना केतहत 'हर खेत को सुनिश्चित सिंचाई' प्रदान करने केलिए प्रतिबद्ध है, देश के प्रत्येक जिले में 75 जल निकायों को पुनर्जीवित करके भविष्य केलिए पानी का संरक्षण करने के उद्देश्य से मिशन अमृत सरोवर को आजादी के अमृत महोत्सव के एक हिस्से के रूपमें भी लिया जा रहा है, इन सभी कार्यक्रमों को क्रियांवित करने में केंद्रीय जल इंजीनियरिंग सेवाओं के अधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहाकि केंद्रीय जल इंजीनियरिंग सेवाओं के अधिकारी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों को हल करके देश में जल प्रशासन में सहायक रहे हैं, वे जल संपत्तियों के विकास में नेतृत्वकारी भूमिका निभा रहा है, जिसमें पेयजल, सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, जल विद्युत और नेविगेशन के लिए बुनियादी ढांचा शामिल है, ये एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन के अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू हैं।