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देश वैकल्पिक नहीं, आवश्यक है-उपराष्ट्रपति

स्वास्थ्य सेवा को अधिक सुलभ व किफायती बनाएं-स्वास्थ्य मंत्री

एम्स के दीक्षांत में सेवानिवृत्त संकाय सदस्य व विद्यार्थी सम्मानित

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Tuesday 22 August 2023 01:19:56 PM

retired faculty members and students honored at aiims convocation

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नई दिल्ली एम्स के 48वें दीक्षांत समारोह में स्नातक विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा हैकि अपने देश को हमेशा पहले रखें, यह वैकल्पिक नहीं है, यह आवश्यक नहीं है, यही एकमात्र रास्ता है, हम सभी इस देश के ऋणी हैं। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मांडविया और राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल की उपस्थिति में दीक्षांत भाषण देते हुए कहाकि इस प्रतिष्ठित संस्थान से निकलकर स्वास्थ्य क्षेत्र की बड़ी दुनिया में कदम रखने वाले विद्यार्थी हमेशा एक संदेश लेकर जाएंगे, जो एम्स के आदर्श वाक्य में परिलक्षित होता है-'शरीमाद्यम खलु धर्मसाधनम' यानी एक स्वस्थ शरीर ही हमारे सभी गुणों का वाहक है। उपराष्ट्रपति ने उन छह सेवानिवृत्त संकाय सदस्यों को अपनी शुभकामनाएं दीं, जिन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट से सम्मानित किया गया है और कहाकि उनका जीवन एवं कार्य स्नातक होनेवाले विद्यार्थियों को प्रेरित करेगा।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने डिग्री लेनेवाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहाकि आपको, आपके माता-पिता, जिन्हें आपने गौरवांवित किया है और संकाय सदस्यों एवं कर्मचारियों, जो एक संस्थान की रीढ़ होते हैं को बधाई। उपराष्ट्रपति ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में उत्कृष्टता का इकोसिस्टम बनाने केप्रति एम्स की प्रतिबद्धता कोभी रेखांकित किया और कहाकि एम्स को दिल्ली एवं खड़गपुर के आईआईटी जैसे अन्य प्रमुख संस्थानों तथा देश-विदेश के कई अन्य संस्थानों केसाथ साझेदारी करते देखकर खुशी हो रही है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि तीन वर्ष के अंतराल केबाद हो रहा यह दीक्षांत समारोह कोविड महामारी की याद दिलाता है, इस अंतराल ने दुनिया को बतायाकि भारत, जहां मानवता का छठा हिस्सा निवास करता है ने कितनी सफलतापूर्वक कोविड के खतरे का मुकाबला किया है और उसपर काबू पाया है। उन्होंने कहाकि यह मुख्य रूपसे हमारे स्वास्थ्य योद्धाओं के अथक प्रयासों के कारण संभव हुआ, प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण एवं उनकी नवोन्वेषी रणनीति और उसके निर्बाध क्रियांवयन ने लोगों की अभूतपूर्व भागीदारी सुनिश्चित की है।
वैश्विक स्तर पर कोविड-19 महामारी से लड़ने में भारत के प्रयासों की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि इसने मानवता के सामने जो चुनौती पेश की है, उसने वसुधैव कुटुंबकम के हमारे सदियों पुराने सभ्यतागत मूल्यों को दुनिया के सामने प्रकट किया है। उन्होंने कहाकि यह बिल्कुल उपयुक्त हैकि जी-20 का आदर्श वाक्य एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य हमारी सभ्यता का सार है, यह हम सभी केलिए बेहद गर्व का क्षण हैकि कोविड महामारी से प्रभावी ढंग से निपटते हुए भारत ने वैक्सीन मैत्री केतहत कोवैक्सिन उपलब्ध कराकर 100 से अधिक देशों को सहयोग प्रदान किया है। उपराष्ट्रपति ने स्वच्छ भारत मिशन सहित स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कई नीतिगत पहलों की सफलता पर प्रकाश डाला। एक अन्य वैश्विक योगदान अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि योग भारत की ओर से दुनिया को एक उपहार है, इसने दुनियाभर में लोगों के स्वास्थ्य एवं कल्याण के मामले में सकारात्मक परिवर्तन की शुरुआत की है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहाकि एक अलग आयुष मंत्रालय की स्थापना स्वास्थ्य संबंधी देखभाल के व्यापक उपायों केलिए पारंपरिक एवं आधुनिक प्रणालियों को एकीकृत करके कल्याण के एक समग्र दृष्टिकोण केप्रति समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने समाज में स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की भूमिका पर जोर दिया और कहाकि जीवन में सबकुछ फिरसे प्राप्त किया जा सकता है, हालांकि शरीर इसका एक अपवाद है तथा यह अपूरणीय एवं अमूल्य है, यही कारण हैकि समाज में स्वास्थ्य सेवा प्रदाता जो भूमिका निभाते हैं, वह अपूरणीय है। उपराष्ट्रपति ने संस्कृत मंत्र सर्वे भवंतु सुखिनः, सर्वे संतु निरामयाः सभी सुखी रहें, सभी बीमारी से मुक्त रहें में समाहित कालातीत ज्ञान को रेखांकित करते हुए अपना संबोधन समाप्त किया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने कहाकि डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि उन्होंने जीवन की एक पारी पूरी कर ली है और वे अपने जीवन में एक नया अध्याय शुरू करने जा रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने विद्यार्थियों से कहाकि आप बदलाव के कगार पर खड़े हैं, क्योंकि अब आप उन बातों को प्रयोग में ला सकेंगे, जिन्हें आपने अपनी शिक्षा के दौरान सीखा है और जहांभी आप जाने का निर्णय लेंगे, याद रखेंकि देश इस आशा केसाथ आपकी ओर देख रहा हैकि आप इस मंच का उपयोग स्वास्थ्य सेवा को अधिक सुलभ और किफायती बनाने केलिए करें। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित कियाकि दो साल बाद एम्स अपना 50वां दीक्षांत समारोह मनाएगाऔर एम्स के 50वें दीक्षांत समारोह में हम इस प्रतिष्ठित संस्थान के सभी डॉक्टरों, चाहे वे दुनिया में कहीं भी हों का सम्मान करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहाकि स्वास्थ्य भी विकास का एक रूप है और जब किसी देश के नागरिक स्वस्थ होंगे, तभी वह देश समृद्ध हो सकेगा। उन्होंने कहाकि देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या अब दोगुनी होकर 1,07,000 हो गई है, जोकि 2014 में 48,000 थी। उन्होंने कहाकि स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में कमियों को दूर करने केलिए देश में एक बेहद सुदृढ़ स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बनाने हेतु भारत के 750 जिलों में 64000 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। लोकसभा सांसद रमेश बिधूड़ी, एम्स के निदेशक डॉ एम श्रीनिवास तथा एम्स एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी भी दीक्षांत समारोह में उपस्थित थे।

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