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Wednesday 23 August 2023 12:31:02 PM
पणजी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गोवा राजभवन में गोवा सरकार द्वारा उनके सम्मान में आयोजित नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कुछ लाभार्थियों को वन अधिकार अधिनियम के तहत 'सनद' वितरित किए और कहाकि गोवा में बहुत समृद्ध वन आवरण है, यह गोवा की अमूल्य प्राकृतिक संपत्ति है, इसको बचाना भी है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने इतनी गर्मजोशी से किए स्वागत केलिए गोवा के लोगों को धन्यवाद दिया और उन्हें यह जानकर खुशी हुईकि गोवा सतत विकास लक्ष्यों के मापदंडों पर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने कहाकि विकास के कई क्षेत्रों में गोवा देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। उन्होंने कहाकि गोवा की नाट्यकला तिआत्र की ऊर्जा, यहां के वाद्ययंत्र घुमट का नाद, यहांके हथकरघा शिल्पकारों के कुनबी हथकरघा वस्त्रों की सुंदरता तथा यहां के मछुआरे भाई-बहनों की पद्धति रापोन का सामूहिक उत्साह गोवा की जीवनशैली की पहचान भी हैं और धरोहर भी हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गोवा के लोगों की उदारता और आतिथ्य सत्कार की सराहना की। उन्होंने कहाकि गोवा के लोगों की यह विशेषता पर्यटकों को आकर्षित करने में उतनीही महत्वपूर्ण है, जितनीकि यहांके समुद्र तट और पश्चिमी घाट की प्राकृतिक सुंदरता आकर्षित करती है। राष्ट्रपति ने कहाकि यहां के समृद्ध वन क्षेत्र गोवा की अमूल्य प्राकृतिक निधि हैं और इनका संरक्षण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहाकि पश्चिमी घाट के घने जंगल कई जंगली जानवरों के प्राकृतिक आवास हैं, इन प्राकृतिक धरोहरों का संरक्षण करने से गोवा के सतत विकास को गति मिलेगी। उन्होंने इस बात पर जोर दियाकि यहांके जनजातीय और अन्य समुदायों की परंपराओं का संरक्षण करते हुए उन्हें विकास में भागीदार बनाया जाना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहाकि गोवा के प्रतिभाशाली लोगों ने देश-विदेश में प्रतिष्ठा तथा लोकप्रियता अर्जित की है, स्वर्गीय मनोहर पर्रिकरजी ने देश के रक्षामंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री के रूपमें अपनी सादगी, सत्य-निष्ठा और कार्य कुशलता के बल पर देश के इतिहास में अपना सम्मानित स्थान बनाया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि गोवा एक पर्यटन स्थल होने के अलावा शिक्षा, व्यापार और वाणिज्य, उद्योग, प्रौद्योगिकी एवं नौसेना रक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी है। राष्ट्रपति ने कहाकि गोवा की महानगरीय संस्कृति में लैंगिक समानता की परंपरा है और उन्हें यह जानकर खुशी हैकि गोवा के उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्राओं की संख्या 60 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने कहाकि गोवा के कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहाकि गोवा केलिए यह गौरव का विषय हैकि यहां के लोगों ने समान नागरिक संहिता को अपनाया है। राष्ट्रपति ने खेल, कला, सार्वजनिक सेवा, आध्यात्मिकता और साहित्य जैसे विभिन्न क्षेत्रों में गोवा के लोगों के योगदान को याद किया। उन्होंने विश्वास जतायाकि गोवा आधुनिकता और परंपरा केबीच संतुलन बनाते हुए आगे बढ़ेगा।