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Friday 25 August 2023 06:38:11 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा हैकि चंद्रयान-3 का सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव सॉफ्ट पावर कूटनीति में भारत का उभरना था। उन्होंने कहाकि सॉफ्ट लैंडिंग के समय विश्व के सभी प्रमुख चैनल इस पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे और हमें बधाई दे रहे थे। जगदीप धनखड़ ने चंद्रयान-3 की सफलता को राष्ट्र केलिए गौरव का क्षण बताते हुए कहाकि हम बड़े चार में शामिल हैं, यह समय की बात है, हम नंबर एक होंगे। पिछला चंद्रयान-2 मिशन को 96 प्रतिशत सफल बताते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाव प्रदर्शन की सराहना की, जो इसरो के तत्कालीन निदेशक के पीछे चट्टान की तरह खड़े थे और हमारे वैज्ञानिकों को प्रेरित किया। उपराष्ट्रपति ने आज नई दिल्ली प्रबंधन संस्थान के 25वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए छात्रों से देश की शानदार उपलब्धियों पर गर्व करने को कहा। उन्होंने कहाकि हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहाकि विश्व भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक उज्जवल स्थान के रूपमें देखता है और अनेक सकारात्मक सरकारी नीतियों के परिणामस्वरूप अब हमारे पास एक ऐसा ईकोसिस्टम है, जहां किसीको अपनी प्रतिभा और ऊर्जा का पूरी तरह से उपयोग करने का अवसर मिलता है। उन्होंने छात्रों से कहाकि आप अपने सपनों को हासिल कर सकते हैं। उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर सत्ता के गलियारे को दलालों से पूरी तरह मुक्त बताते हुए कहाकि सत्ता के दलालों की संस्था मर चुकी है, यह कभी पुनर्जीवित नहीं हो सकती। उन्होंने कहाकि पारदर्शिता और जवाबदेही शासन की पहचान है और अब भ्रष्टाचार का कतई सहन नहीं किया जाएगा। उपराष्ट्रपति ने न्यायिक प्रणाली को बहुत मजबूत बताते हुए कहाकि जब किसी पर कानून के उल्लंघन केलिए मामला दर्ज किया जाता है तो सड़कों पर उतरने की संस्कृति को खत्म करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विधायिका की चर्चा करते हुए जनप्रतिनिधियों के आचरण को निराशाजनक बताया। उन्होंने कहाकि राज्यसभा के सभापति के तौरपर मैं बहस, संवाद या चर्चा नहीं देखता, मैं व्यवधान देखता हूं। उन्होंने युवाओं से न्यूट्रल गियर से बाहर निकलने, अपनी चुप्पी तोड़ने और इस मुद्दे पर अपने मन की बात कहने का आह्वान किया। उन्होंने कहाकि आपको एक प्रणाली बनानी होगी, जिसमें आप चाहेंगेकि आपका प्रतिनिधि ऐसा आचरण पेश करे, जिसका अनुकरण किया जा सके, जो दूसरों को प्रेरित कर सके। जगदीप धनखड़ ने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन लाने केलिए एकमात्र सर्वाधिक प्रभावशाली परिवर्तनकारी तंत्र बताते हुए युवाओं से समाज को वापस देने की अपील की। उन्होंने उत्तीर्ण छात्रों को बधाई देते हुए उनसे कहाकि वे कभीभी सीखना बंद नहीं करें, ज्ञान एकत्रित करना कभी बंद नहीं करें।
उपराष्ट्रपति ने संस्थानों के पूर्ववर्ती छात्रों से जुड़ने केलिए एक ढांचागत व्यवस्था का भी आह्वान किया। यह मानते हुएकि हमारे पूर्ववर्ती छात्र प्रतिभा का दुनिया का सर्वाधिक शक्तिशाली, प्रभावशाली भंडार हैं उपराष्ट्रपति ने सभी संस्थानों से पूर्ववर्ती छात्रों का एक राष्ट्रीय परिसंघ बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहाकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उनका योगदान अत्यधिक गुणात्मक हो सकता है। दीक्षांत समारोह में एनडीआईएम के बोर्ड निदेशक न्यायमूर्ति बीपी सिंह, भारत सरकार के राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे, एनडीआईएम के अध्यक्ष वीएम बंसल, छात्र, संकाय सदस्य और अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।