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Monday 28 August 2023 12:04:37 PM
जयपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जीवन के हर क्षेत्र में राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल देते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी राष्ट्रवाद की बात कही। उन्होंने लोगों से स्वास्थ्य उपचार हेतु आयुर्वेद जैसी प्राचीन चिकित्सा पद्धतियां अपनाने की अपील की। उन्होंने कहाकि आयुर्वेद के छात्रों का भविष्य उज्ज्वल है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर के छात्रों से संवाद के दौरान पूछे गए प्रश्न का जवाब दे रहे थे। आर्थिक क्षेत्र में राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने पर उनका कहना थाकि कुछ पैसे ज्यादा कमाने केलिए दीवाली के दिये या पतंग जैसी चीजें बाहर से मांगना उचित नहीं है, हमें हर हाल में देश को आगे रखना चाहिए। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में जगदीप धनखड़ ने विश्वास व्यक्त कियाकि एकबार आयुर्वेद और आयुष पद्धति तेज गति पकड़ेगी तो तेजीसे बढ़ती चली जाएगी।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहाकि हमारे जैसी 5 हजार वर्ष पुरानी सभ्यता और कहीं नहीं दिखती, हमारा अथर्ववेद स्वास्थ्य केलिए ज्ञान का भंडार है। कोरोना महामारी के दौरान आयुर्वेद के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहाकि लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में आयुर्वेद किट बहुत काम आई है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि हम सदियों से सुनते आरहे हैंकि पहला सुख निरोगी काया, लेकिन एक और कहावत हैकि हींग लगे न फिटकरी रंग चोखा होय और आयुर्वेद ऐसा करने में सक्षम है। उन्होंने कहाकि एलोपैथिक दवाइयां फायदा तो जल्दी देती हैं, लेकिन उनके अपने साइड इफेक्ट भी हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में लैंगिक समानता की चर्चा करते हुए जगदीप धनखड़ ने खुशी व्यक्त कीकि आज दुनियाभर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेटियों का डंका बज रहा है। आयुष्मान भारत जैसे जन कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि स्वास्थ्य के क्षेत्र में इतना कुछ किया गया हैकि उसकी कभी कल्पना नहीं की थी।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहाकि मैंनें कभी सपने में भी नहीं सोचा थाकि स्वास्थ्य क्षेत्र में इतनी जल्दी इतना कुछ हो जाएगा। उपराष्ट्रपति ने कहाकि योग दुनिया को भारत की देन है, भारत ने पूरी दुनिया को योग सिखाया है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर दुनिया ने योग को अपनाया है। चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि आनेवाले समय में जब लोग पूछेंगेकि शिव शक्ति और तिरंगा कहां है तो जवाब दिया जाएगा चांद पर है, पूछा जाएगा यह नाम कब पड़ा जवाब दिया जाएगा 23 अगस्त 2023 को। उन्होंने कहाकि इस समय हिंदुस्तान के विकास का डंका दुनियाभर में बज रहा है, दुनिया भारत की तरफ नज़र उठाकर देख रही है। उन्होंने कहाकि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पहले ही बन चुका है, इस दशक के अंततक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। जगदीप धनखड़ ने कहाकि आज जब देखता हूं तो बहुत अच्छा लगता हैकि 11 करोड़ किसानों को पैसा सीधे उनके खाते में मिल रहा है, मैं भी किसान परिवार से हूं और प्रधानमंत्रीजी मुझे कृषक पुत्र कहते हैं।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने खुशी व्यक्त कीकि आज का किसान तकनीक से युक्त है और बिना किसी बिचौलिए के पैसे सीधे अपने बैंक खाते में ले रहा है। उन्होंने डिजिटल ट्रांजेक्शन का जिक्र करते हुए कहाकि 46 प्रतिशत विश्व का लेनदेन भारत में होता है। देश में बढ़ते डिजिटल डाटा उपभोग की बात करते हुए उन्होंने कहाकि हर भारतीय के अंदर एकलव्य है, हमें कोई सिखाए ना सिखाएं हम स्वयं सीख जाते हैं। उपराष्ट्रपति ने कहाकि हममें से कुछ लोग 2047 में नहीं होंगे, लेकिन जब भारत अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा, हमें पूरा विश्वास हैकि हम टॉप पर होंगे। इस अवसर पर डॉ सुदेश धनखड़, आयुष और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में राज्यमंत्री डॉ मुंजपारा महेंद्र भाई, आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कुटेचा, वाइस चांसलर राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर संस्थान के प्रोफेसर संजीव शर्मा, अधिकारी, फैकल्टी मेंबर, संस्थान के विद्यार्थी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।