स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 1 September 2023 04:04:03 PM
कोलकाता। भारतीय नौसेना केलिए तैयार किए जारहे पांच डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट परियोजना का पहला जहाज डीएससी ए 20 (यार्ड 325) का समारोहपूर्वक हुगली नदी में जलावतरण कर दिया गया है। यार्ड 325 का निर्माण मेसर्स टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड कोलकाता, जिसे पहले मेसर्स टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड के नाम से जाना जाता था के द्वारा किया जा रहा है। टीटागढ़ कोलकाता में जलावतरण समारोह की अध्यक्षता नौसेना स्टाफ के उप प्रमुख वाइस एडमिरल संजय महेंद्रू ने की। नौसेना की परंपरा को ध्यान में रखते हुए आराधना महेंद्रू ने अथर्ववेद के मंत्रोच्चार के साथ जहाज का जलावतरण किया।
डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट के निर्माण केलिए रक्षा मंत्रालय और मेसर्स टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड कोलकाता केबीच वर्ष-2021 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। इन जहाजों को बंदरगाहों और तटों के करीब गोताखोरी अभियानों के परिचालन या प्रशिक्षण केलिए तैयार किया जा रहा है। डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट कैटामरेन हल वाले जहाज हैं, जिनका विस्थापन लगभग 300 टन का है। अनुमान हैकि सभी पांच डीएससी को वित्तीय वर्ष 2024-25 तक भारतीय नौसेना को सौंप दिया जाएगा। गोताखारी अभियानों को पूरा करने केलिए डीएससी को गोताखोरी के अत्याधुनिक डाइविंग उपकरण और साधनों से सुसज्जित किया जारहा है। जहाजों की योजना और निर्माण इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग के सम्बंधित नौसैनिक विनियमन और नियमों के अंतर्गत स्वदेशी रूपसे की गई है।
डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट परियोजना चरण के दौरान जहाजों का हाइड्रोडायनामिक मॉडल परीक्षण नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला विशाखापत्तनम में किया गया था। अधिकांश मुख्य और सहायक उपकरणों को स्वदेशी निर्माताओं के द्वारा बनाए जाने केसाथ ये जहाज भारत सरकार की मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं। पहले डीएससी के जलावतरण केसाथ ही मुख्य अतिथि वाइस एडमिरल संजय महेंद्रू डीसीएनएस ने परियोजना के 5वें और आखिरी डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट यानी डीएससी ए 24 की भी नींव रखी, जोकि संकेत हैकि नौसेना केलिए और 4 डीएससी का निर्माण लगातार जारी रहेगा।