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Tuesday 5 September 2023 03:45:35 PM
नई दिल्ली। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के संरक्षण में 3696 स्मारक हैं, ये स्मारक न केवल भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करते हैं, बल्कि आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने केलिए विरासत स्थलों पर समय-समय पर सुविधाओं में वृद्धि की आवश्यकता होती है, इस उद्देश्य से और आगंतुकों के अनुभव को और बेहतर बनाने केलिए एएसआई ने समवेत ऑडिटोरियम आईजीएनसीए नई दिल्ली में 'एडॉप्ट ए हेरिटेज 2.0' कार्यक्रम लॉंच किया है। केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री जी किशन रेड्डी लॉंच कार्यक्रम में वर्चुअल रूपसे शामिल हुए। उन्होंने सभी संस्थाओं से आगे आकर 'विरासत भी, विकास भी' के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बेहतर रखरखाव और कायाकल्प में मदद करने का आग्रह किया।
संस्कृति मंत्री ने कहाकि एडॉप्ट ए हेरिटेज 2.0 कार्यक्रम कॉर्पोरेट हितधारकों केसाथ सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है, जिसके माध्यम से वे अगली पीढ़ियों केलिए इन स्मारकों के संरक्षण में योगदान दे सकते हैं। इसके तहत एएसआई कॉर्पोरेट हितधारकों को उनके सीएसआर फंड का उपयोग करके स्मारकों में सुविधाएं बढ़ाने केलिए आमंत्रित करता है। यह कार्यक्रम 2017 में शुरू की गई पिछली योजना का एक नया संस्करण है और एएमएएसआर अधिनियम-1958 के अनुसार विभिन्न स्मारकों केलिए आवश्यक सुविधाओं को स्पष्ट रूपसे परिभाषित करता है। हितधारक यूआरएल www.indianheritage.gov.in पर एक समर्पित वेब पोर्टल के माध्यम से किसी स्मारक या स्मारक पर विशिष्ट सुविधाओं केलिए आवेदन कर सकते हैं। इसमें अंतराल विश्लेषण और सुविधाओं के वित्तीय अनुमान केसाथ गोद लेने केलिए स्मारकों का विवरण शामिल है। इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी, केंद्रीय संस्कृति सचिव गोविंद मोहन और एएसआई के महानिदेशक केके बासा उपस्थित थे।
संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने सांस्कृतिक विरासत की पहचान के महत्व को विस्तार से बताया। उन्होंने कहाकि जी20 की अध्यक्षता हमारे देश की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। उन्होंने कहाकि चयन की प्रक्रिया उचित परिश्रम और विभिन्न हितधारकों केसाथ चर्चा और प्रत्येक स्मारक पर आर्थिक एवं विकासात्मक अवसरों का आकलन करने केबाद की जाएगी। उन्होंने कहाकि 'एडॉप्ट ए हेरिटेज 2.0' कार्यक्रम कॉर्पोरेट हितधारकों केसाथ सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है, जिसके माध्यम से वे हमारी आने वाली पीढ़ियों केलिए इन स्मारकों को संरक्षित करने में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहाकि चयनित हितधारक स्वच्छता, पहुंच, सुरक्षा और ज्ञान श्रेणियों में सुविधाएं विकसित करेंगे, प्रदान करेंगे और बनाए रखेंगे, ऐसा करने पर उन्हें एक जिम्मेदार और विरासत अनुकूल इकाई के रूपमें पहचाने जाने का अवसर मिलेगा। नियुक्ति की अवधि प्रारंभ में पांच वर्ष की अवधि केलिए होगी, जिसे आगे पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।
इंडियन हेरिटेज नाम से इस दौरान एक उपयोगकर्ता अनुकूल मोबाइल ऐप भी लॉंच किया गया, जो भारत के विरासत स्मारकों को प्रदर्शित करेगा। ऐप में तस्वीरों केसाथ-साथ स्मारकों का राज्यवार विवरण, उपलब्ध सार्वजनिक सुविधाओं की सूची, भू-टैग किए गए स्थान और नागरिकों केलिए फीडबैक तंत्र की सुविधा होगी। लॉंच चरणबद्ध तरीके से होगा, चरण I में टिकट वाले स्मारकों का लॉंच होगा, उसके बाद शेष स्मारकों का लॉंच होगा। स्मारकों पर फोटोग्राफी, फिल्मांकन और विकासात्मक परियोजनाओं केलिए अनुमति प्राप्त करने केलिए यूआरएल www.asipermissionportal.gov.in केसाथ एक ई-अनुमति पोर्टल भी लॉंच किया गया। पोर्टल विभिन्न अनुमतियां प्राप्त करने की प्रक्रिया को तेज़ करेगा और इसमें शामिल परिचालन और लॉजिस्टिक बाधाओं को हल करेगा।