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Saturday 9 September 2023 12:30:17 PM
नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्तराज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ आर बाइडेन दोनों ने भारत और अमेरिका में घनिष्ठ एवं चिरस्थायी साझेदारी की पुष्टि करते हुए इसे ऐतिहासिक और बहुत जरूरी बताया है। इससे पहले नई दिल्ली में 9 से 10 सितंबर 2023 तक जी20 के ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने भारत आए संयुक्तराज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ आर बाइडेन का जोरदार स्वागत किया। गौरतलब हैकि जोसेफ आर बाइडेन राष्ट्रपति के रूपमें पहलीबार भारत आए हैं। प्रधानमंत्री ने भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने केप्रति राष्ट्रपति जो बाइडेन के दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता की सराहना की, जो साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, रणनीतिक समन्वय और दोनों देशों के लोगों केबीच मजबूत पारस्परिक संबंधों पर आधारित है। दोनों राजनेताओं ने जून 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा के भविष्योन्मुखी और व्यापक परिणामों को लागू करने की दिशा में हुई प्रगति की सराहना की, जिसमें महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी केलिए भारत-अमेरिका पहल भी शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जोसेफ आर बाइडेन ने रक्षा, व्यापार, निवेश, शिक्षा, स्वास्थ्य, अनुसंधान, नवाचार, संस्कृति और दोनों देशों के लोगों केबीच पारस्परिक संबंधों सहित द्विपक्षीय सहयोग में निरंतर प्रगति और गति का स्वागत किया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक एवं सफल लैंडिंग करने पर प्रधानमंत्री और भारत के लोगों को हार्दिक बधाई दी तथा अंतरिक्ष में दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग पर प्रकाश डाला। दोनों राजनेताओं ने कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। दोनों नेता इस बातपर सहमत हुएकि भारत-अमेरिका साझेदारी न केवल दोनों देशों के लोगों केलिए, बल्कि वैश्विक कल्याण केलिए भी आवश्यक और लाभदायक है। प्रधानमंत्री ने जी20 की भारत की अध्यक्षता की सफलता सुनिश्चित करने में अमेरिका से प्राप्त निरंतर समर्थन केलिए राष्ट्रपति जो बाइडेन को धन्यवाद दिया। दोनों राजनेताओं ने अपनी सरकारों से विश्वास और परस्पर समझ पर आधारित बहुआयामी वैश्विक एजेंडे के सभी आयामों में भारत-अमेरिकी रणनीतिक साझेदारी में बदलाव लाने का काम जारी रखने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस बात पर पुन: जोर दियाकि स्वतंत्रता, लोकतंत्र, मानवाधिकार, समावेशन, बहुलवाद और सभी नागरिकों केलिए समान अवसरों के साझा मूल्य, जो हमारे देशों की सफलता केलिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और यही मूल्य हमारे संबंधों को प्रगाढ़ बनाते हैं। राष्ट्रपति बाइडेन ने यह प्रदर्शित करने केलिए भारत की जी20 अध्यक्षता की सराहना कीकि एक मंच के रूपमें जी20 कैसे महत्वपूर्ण परिणाम दे सकता है। दोनों राजनेताओं ने जी-20 केलिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और विश्वास व्यक्त कियाकि नई दिल्ली में जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के नतीजे सतत विकास में तेजी लाने, बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने और बहुपक्षीय विकास बैंकों को मौलिक रूपसे नया आकार देने और उनका विस्तार करने सहित हमारी सबसे प्रमुख साझा चुनौतियों से निपटने केलिए समावेशी आर्थिक नीतियों पर वैश्विक सहमति बनाने के साझा लक्ष्यों को आगे बढ़ाएंगे। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने स्वतंत्र, खुले, समावेशी और लचीले हिंद-प्रशांत का समर्थन करने में क्वाड के महत्व की पुन: पुष्टि की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 में भारत की मेजबानी में होने वाले क्वाड नेताओं के अगले शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति जो बाइडेन का स्वागत करने केप्रति उत्सुकता व्यक्त की। भारत ने जून 2023 में हिंद-प्रशांत महासागर पहल में शामिल होने के अमेरिकी निर्णय केबाद व्यापार कनेक्टिविटी और समुद्री परिवहन से संबंधित आईपीओआई पहल स्तंभ का सहनेतृत्व करने के अमेरिकी फैसले का स्वागत किया। वैश्विक शासन व्यवस्था के अधिक समावेशी और प्रतिनिधित्व पर आधारित होने संबंधी अपने दृष्टिकोण को साझा करते हुए राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार किए जाने और उसमें भारत की स्थायी सदस्यता होने केप्रति अपना समर्थन दोहराया, साथही इस संदर्भ में संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद में 2028-29 में गैर-स्थायी सीट केलिए भारत की उम्मीदवारी का एकबार फिरसे स्वागत किया। दोनों राजनेताओं ने बहुपक्षीय प्रणाली को मजबूत बनाने और उसमें सुधार लाने की आवश्यकता को एकबार फिर रेखांकित किया, ताकि यह समकालीन वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित कर सके और संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता की स्थायी और गैर-स्थायी श्रेणियों में विस्तार सहित व्यापक संयुक्तराष्ट्र सुधार एजेंडे केलिए प्रतिबद्ध रहे।
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई देते हुए मौजूदा भारत-अमेरिका नागरिक अंतरिक्ष संयुक्त कार्यसमूह के अंतर्गत वाणिज्यिक अंतरिक्ष सहयोग केलिए एक कार्यसमूह की स्थापना के प्रयासों का स्वागत किया। जो बाइडेन ने कहाकि बाहरी अंतरिक्ष अन्वेषण में हमारी साझेदारी को गहन बनाने केलिए दृढ़ संकल्पित इसरो और नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने 2024 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन केलिए संयुक्त प्रयास बढ़ाने हेतु तौर-तरीके, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के बारेमें चर्चा शुरू कर दी है और मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग से संबंधित रणनीतिक रूपरेखा को 2023 के अंततक अंतिम रूप देने की दिशा में प्रयासरत हैं। जो बाइडेन ने कहाकि पृथ्वी और अंतरिक्ष संपत्तियों को क्षुद्रग्रहों और पृथ्वी समीप वस्तुओं के प्रभाव से बचाने केलिए भारत और अमेरिका ग्रह की रक्षा केलिए तालमेल बढ़ाने की भी मंशा रखते हैं, इसमें लघु ग्रह केंद्र के माध्यम से क्षुद्रग्रह का पता लगाने और ट्रैकिंग में भारत की भागीदारी हेतु अमेरिकी समर्थन शामिल है।
भारत-अमरीका के इन दोनों राजनेताओं ने लचीली वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण केलिए अपना समर्थन दोहराते हुए इस संबंध में भारत में अपने अनुसंधान और विकास की उपस्थिति का विस्तार करने केलिए माइक्रोचिप टेक्नोलॉजी, इंक. की लगभग 300 मिलियन डॉलर का निवेश करने की एक बहुवर्षीय पहल और भारत में अनुसंधान विकास एवं इंजीनियरिंग संचालन का विस्तार करने केलिए एडवांस्ड माइक्रो डिवाइस की अगले पांच वर्ष में भारत में 400 मिलियन डॉलर का निवेश करने की घोषणा का उल्लेख किया। दोनों ने अमेरिकी कंपनियों, माइक्रोन, एलएएम रिसर्च और एप्लाइड मैटेरियल्स द्वारा जून 2023 में की गई घोषणाओं के कार्यान्वयन पर संतोष व्यक्त किया। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सुरक्षित और विश्वसनीय दूरसंचार, लचीली आपूर्ति श्रृंखला और वैश्विक डिजिटल समावेशन के दृष्टिकोण को साझा करते हुए भारत 6जी एलायंस और एलायंस फॉर टेलीकॉम इंडस्ट्री द्वारा संचालित नेक्स्ट जी एलायंस के बीच समझौता होने का विक्रेताओं और ऑपरेटरों केबीच सार्वजनिक-निजी सहयोग को गहरा बनाने की दिशा में पहले कदम के रूपमें स्वागत किया। उन्होंने ओपन रैन तथा 5जी/6जी प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में सहयोग पर केंद्रित दो संयुक्त कार्यबलों की स्थापना कोभी स्वीकार किया। फील्ड में तैनाती से पहले एक अमेरिकी ओपन रैन निर्माता द्वारा एक प्रमुख भारतीय दूरसंचार ऑपरेटर में 5जी ओपन रैन पायलट शुरू किया जाएगा। दोनों राजनेताओं ने यूएस रिप एंड रिप्लेस प्रोग्राम में भारतीय कंपनियों की भागीदारी केलिए उत्सुकता प्रकट की।
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिका में रिप एंड रिप्लेस पायलट केलिए भारत के समर्थन का स्वागत भी किया। अमेरिका ने क्वांटम क्षेत्र में भारत के साथ द्विपक्षीय रूपसे और अंतर्राष्ट्रीय क्वांटम अदान-प्रदान अवसरों को सुविधाजनक बनाने के मंच क्वांटम एंटैंगमेंट एक्सचेंज के माध्यम से मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और क्वांटम इकोनॉमिक डेवलपमेंट कंसोर्टियम के सदस्य के रूपमें भारत के एसएन बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज कोलकाता की भागीदारी का स्वागत किया। दोनों ने यह भी स्वीकार कियाकि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे एक अंतर्राष्ट्रीय भागीदार के रूपमें शिकागो क्वांटम एक्सचेंज में शामिल हुआ है। दोनों राजनेताओं ने जैव प्रौद्योगिकी और जैव-विनिर्माण नवाचारों में वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान सहयोग को सक्षम बनाने केलिए अमेरिकी नेशनल साइंस फाउंडेशन और भारत के जैव प्रौद्योगिकी विभाग केबीच कार्यांवयन व्यवस्था पर हस्ताक्षर होने की सराहना की। उन्होंने सेमीकंडक्टर अनुसंधान, अगली पीढ़ी की संचार प्रणालियों, साइबर सुरक्षा और हरित प्रौद्योगिकियों और इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम में अकादमिक और औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने केलिए एनएसएफ और भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रस्ताव आमंत्रित किए जाने का स्वागत किया है।
मोदी और बाइडेन ने लचीली प्रौद्योगिकी मूल्य श्रृंखलाओं के निर्माण और रक्षा औद्योगिक इकोसिस्टमों को जोड़ने केलिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन नीतियों को बढ़ावा देने और नियमों को अपनाने केलिए अपने प्रशासन की प्रतिबद्धता दोहराई, जो भारतीय और अमेरिकी उद्योग, सरकार और अकादमिक संस्थाओं के बीच अधिक प्रौद्योगिकी साझाकरण, सहविकास और सहउत्पादन के अवसरों की सुविधा प्रदान करते हैं। उन्होंने जून 2023 में शुरू किए गए द्विपक्षीय रणनीतिक व्यापार संवाद के तत्वावधान में एक अंतर-एजेंसी निगरानी तंत्र के माध्यम से निरंतर सम्पर्क का भी स्वागत किया। दोनों नेताओं ने कम से कम 10 मिलियन डॉलर की संयुक्त प्रारंभिक प्रतिबद्धता के साथ इंडिया-यूएस ग्लोबल चैलेंजिस इंस्टीट्यूट की स्थापना केलिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान परिषद के प्रतिनिधित्व वाले भारतीय विश्वविद्यालयों और एसोसिएशन ऑफ अमेरिकन यूनिवर्सिटीज केबीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षरों का स्वागत किया। ग्लोबल चैलेंजिस इंस्टीट्यूट दोनों देशों के अग्रणी अनुसंधान और उच्च-शिक्षा संस्थानों को एक साथ लाएगा, जिनमें एएयू और आईआईटी सदस्यता से परे, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नई सीमाओं को आगे बढ़ाने केलिए, स्थायी ऊर्जा और कृषि, स्वास्थ्य और महामारी की तैयारी, सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी और विनिर्माण, उन्नत सामग्री, दूरसंचार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम विज्ञान में सहयोग शामिल है।
मोदी और बाइडेन ने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी-टेंडन और आईआईटी कानपुर एडवांस्ड रिसर्च सेंटर और बफ़ेलो में स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क के जॉइंट रिसर्च सेंटर्स और आईआईटी दिल्ली, कानपुर, जोधपुर और बीएचयू केबीच महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में साझेदारी सहित बहु-संस्थागत सहयोगात्मक शिक्षा साझेदारियों की बढ़ती संख्या का भी स्वागत किया। दोनों नेताओं ने 2030 तक डिजिटल जेंडर गैप को आधा करने की जी-20 की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए डिजिटल अर्थव्यवस्था में जेंडर डिजिटल डिवाइड को कम करने के प्रयासों के महत्व की पुष्टि की तथा डिजिटल अर्थव्यवस्था पहल में महिलाओं के प्रति समर्थन व्यक्त किया, जो डिजिटल जेंडर डिवाइड को कम करने की दिशा में प्रगति में तेजी लाने के लिए सरकारों, निजी क्षेत्र की कंपनियों, प्रतिष्ठानों, सिविल सोसाइटी और बहुपक्षीय संगठनों को एक साथ लाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अंतरिक्ष और एआई जैसे नए एवं उभरते क्षेत्रों में विस्तारित सहयोग और त्वरित रक्षा औद्योगिक सहयोग के माध्यम से भारत-अमेरिका प्रमुख रक्षा साझेदारी को गहन और वैविध्यपूर्ण बनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
दोनों राजनेताओं ने 29 अगस्त 2023 को कांग्रेस की अधिसूचना की प्रक्रिया पूर्ण होने और भारत में जीई एफ-414 जेट इंजन के निर्माण केलिए जीई एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (एचएएल) केबीच एक वाणिज्यिक समझौते के लिए बातचीत शुरू होने का स्वागत किया तथा इस अभूतपूर्व सह-उत्पादन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्रस्ताव की प्रगति का समर्थन करने केलिए सहयोगात्मक और त्वरित रूपसे काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों राजनेताओं ने अमेरिकी नौसेना और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा अगस्त 2023 में हस्ताक्षरित नवीनतम समझौते केसाथ दूसरे मास्टर शिप मरम्मत समझौते होने की सराहना की। दोनों पक्षों ने अग्रिम रूपसे तैनात अमेरिकी नौसेना की संपत्तियों और अन्य विमान और जहाजों के रखरखाव और मरम्मत के केंद्र के रूपमें भारत के उद्भव को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों राजनेताओं ने विमानों केलिए रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल से संबंधित भारत की क्षमताओं और सुविधाओं में और अधिक निवेश करने केलिए अमेरिकी उद्योग की प्रतिबद्धताओं का भी स्वागत किया। दोनों नेताओं ने साझा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने केलिए अमेरिकी और भारतीय रक्षा क्षेत्रों के नवोन्वेषी कार्यों का उपयोग करने केलिए एक मजबूत सहयोग एजेंडा स्थापित करने केलिए भारत-अमेरिका रक्षा त्वरण पारिस्थितिकी तंत्र टीम की सराहना की।
भारत-अमेरिका रक्षा त्वरण पारिस्थितिकी तंत्र ने पेन स्टेट यूनिवर्सिटी की भागीदारी से आईआईटी कानपुर में आरंभिक एकेडेमिया स्टार्ट-अप पार्टनरशिप का संचालन किया और अगस्त 2023 में आईआईटी हैदराबाद में यूएस एक्सेलरेटर मैसर्स हैकिंग 4 एलाइज़ (एच4एक्स) के नेतृत्व में एक कार्यशाला के माध्यम से भारतीय स्टार्टअप केलिए जॉइंट एक्सेलेरेटर कार्यक्रम की शुरुआत की। दोनों पक्षों ने रक्षा उत्कृष्टता केलिए भारतीय रक्षा मंत्रालय के नवाचारों और अमेरिकी रक्षा विभाग की रक्षा नवाचार इकाई द्वारा दो जॉइंट चैलेंजिस शुरू करने की घोषणा का भी स्वागत किया, जो साझा रक्षा प्रौद्योगिकी के समाधान विकसित करने केलिए स्टार्ट-अप को आमंत्रित करेंगी। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जनरल 31एटॉमिक्स एमक्यू-9बी (16 स्काई गार्जियन और 15 सी गार्जियन) रिमोटली पायलटेड एयरक्रॉफ्ट और उनके उपकरणों की खरीद केलिए भारत के रक्षा मंत्रालय से अनुरोध पत्र जारी होने का स्वागत किया। यह विमान खुफिया, निगरानी और सुरक्षा सभी क्षेत्रों में भारत के सशस्त्र बलों की टोही क्षमताओं को बढ़ाएगा। हमारे राष्ट्रों की जलवायु, ऊर्जा परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के एक आवश्यक संसाधन के रूपमें परमाणु ऊर्जा के महत्व को दोहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सहयोगात्मक मोड में अगली पीढ़ी के छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर प्रौद्योगिकियों के विकास सहित परमाणु ऊर्जा में सहयोग में भारत-अमेरिका सहयोग को सुगम बनाने के अवसरों का विस्तार करने केलिए दोनों पक्षों की संबंधित संस्थाओं केबीच गहन परामर्श का स्वागत किया।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने परमाणु आपूर्तिकर्ता देशों के समूह में भारत की सदस्यता केलिए अपना समर्थन दोहराया और इस लक्ष्य को आगे बढ़ाने केलिए समान विचारधारा वाले साझेदारों केसाथ संबद्धता बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहरायी। दोनों राजनेताओं ने भारत-अमेरिका नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी कार्रवाई मंच की अगस्त 2023 में आरंभिक बैठक का स्वागत किया। इसके तहत दोनों देश लैब-टू-लैब सहयोग, पायलटिंग और नवीन प्रौद्योगिकियों के परीक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा और सक्षम प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने केलिए नीति और योजना पर सहयोग, निवेश, इंक्यूबेशन और आउटरीच कार्यक्रमों और नई और उभरती नवीकरणीय प्रौद्योगिकियों और ऊर्जा प्रणालियों के उपयोग और उन्हें अपनाने में तेजी लाने केलिए प्रशिक्षण और कौशल विकास में संलग्न होंगे। परिवहन क्षेत्र की डीकार्बोनाइजिंग के महत्व को दोहराते हुए दोनों राजनेताओं ने भारत में इलेक्ट्रिक गतिशीलता के विस्तार की दिशा में हुई प्रगति का स्वागत किया, जिसमें सार्वजनिक और निजी दोनों कोषों के माध्यम से वित्तपोषित भुगतान सुरक्षा तंत्र के लिए साझा समर्थन शामिल है। इससे पीएम ई-बस सेवा कार्यक्रम में शामिल बसों सहित भारत में निर्मित 10000 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद में तेजी आएगी, जिनमें चार्जिंग से संबंधित बुनियादी सुविधाएं मौजूद होंगी। दोनों देश ई-मोबिलिटी केलिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने में मदद करने की दिशा में मिलकर काम करने केलिए प्रतिबद्ध हैं।
भारत और अमेरिका पूंजी की लागत में कमी लाने और भारत में ग्रीनफील्ड नवीकरणीय ऊर्जा, बैटरी भंडारण और उभरती हरित प्रौद्योगिकी परियोजनाओं की तैनाती में तेजी लाने केलिए निवेश प्लेटफार्मों के निर्माण को भी आगे बढ़ा रहे हैं। इस दिशा में भारत के राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष एवं अमेरिकी विकास वित्त निगम ने नवीकरणीय अवसंरचना निवेश कोष की स्थापना केलिए प्रत्येक को 500 मिलियन डॉलर तक प्रदान करने के आशय पत्रों का आदान-प्रदान किया। दोनों नेताओं ने विश्व व्यापार संगठन में भारत और अमेरिका के लंबित सातवें और अंतिम विवाद के समाधान की सराहना की। ऐसा जून 2023 में डब्ल्यूटीओ में लंबित छह द्विपक्षीय व्यापार विवादों के अभूतपूर्व समाधान के बाद हुआ है। दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका वाणिज्यिक वार्ता के तहत महत्वाकांक्षी इनोवेशन हैंडशेक एजेंडा विकसित करने के प्रयासों का स्वागत किया, जिनमें मंदी के समय में दो प्रमुख कार्यक्रम एक भारत में और एक अमेरिका में शामिल होंगे, जिसके अंतर्गत दोनों पक्ष दोनों देशों के नवाचार संबंधी इकोसिस्टम केबीच संबंध बनाने केलिए स्टार्ट-अप, निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी फर्म, कॉर्पोरेट निवेश विभाग और सरकारी अधिकारी एकसाथ सहयोग करेंगे।
दोनों राजनेताओं ने कैंसर अनुसंधान, रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन में हमारे बढ़ते द्विपक्षीय सहयोग का स्वागत किया और नवंबर 2023 में भारत-अमेरिका कैंसर संवाद के आरंभ होने के प्रति उत्सुकता प्रकट की। यह संवाद कैंसर जीनोमिक्स में ज्ञान बढ़ाने, वंचित शहरी और ग्रामीण समुदायों केलिए कैंसर की देखभाल को बढ़ाने और मजबूत करने केलिए नए निदान और उपचार विकसित करने पर केंद्रित होगा। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के वैज्ञानिक, विनियामक और स्वास्थ्य संबंधी सहयोग को मजबूत और सुविधाजनक बनाने के प्रति अपनी साझा संकल्पबद्धता को रेखांकित करते हुए अक्टूबर 2023 में वाशिंगटन डीसी में होने वाले अमेरिका-भारत स्वास्थ्य संवाद पर भी प्रकाश डाला। द्वितीय विश्वयुद्ध में शहीद हुए अमेरिकी सैनिकों के पार्थिव अवशेषों को भारत से वापस ले जाने में सहायता केलिए अमेरिकी रक्षा विभाग पीओडब्ल्यू/ एमआईए अकाउंटिंग एजेंसी और भारतीय मानवविज्ञान सर्वेक्षण में समझौता ज्ञापन के नवीनीकरण का दोनों नेताओं ने स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हमारी सरकारों, उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों में उच्चस्तरीय संबद्धता बनाए रखने तथा उज्ज्वल एवं समृद्ध भविष्य केलिए हमारे लोगों की आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने, वैश्विक कल्याण केलिए कार्य करने तथा मुक्त, खुले, समावेशी और लचीले हिंद-प्रशांत में योगदान देने वाली चिरस्थायी भारत-अमेरिका साझेदारी के महत्वाकांक्षी विजन को साकार करने का संकल्प लिया।