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'सरदारजी ने राष्ट्र सर्वप्रथम को चरितार्थ किया'

तेलंगाना, कल्याण कर्नाटक और मराठवाड़ा को भारत से जोड़ा

केंद्रीय गृहमंत्री का हैदराबाद मुक्ति दिवस समारोह में संबोधन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 18 September 2023 01:29:37 PM

union home minister's address at hyderabad liberation day celebrations

हैदराबाद। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तेलंगाना में हैदराबाद मुक्ति दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूपमें संबोधित करते हुए कहा हैकि तेलंगाना की मुक्ति के 75 वर्ष हो चुके हैं और अगर लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ना होते तो तेलंगाना को इतनी जल्दी मुक्ति नहीं मिलती। उन्होंने कहाकि वे सरदार वल्लभभाई पटेल ही थे, जिन्होंने राष्ट्र सर्वप्रथम के सिद्धांत को चरितार्थ करते हुए हैदराबाद पुलिस एक्शन की योजना बनाई और बिना रक्तपात के निज़ाम के रज़ाकारों की सेना को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया था। अमित शाह ने कहाकि सरदार वल्लभभाई पटेल और केएम मुंशी की जोड़ी ने तेलंगाना के कर्नाटक के बीदर क्षेत्र और मराठवाड़ा के इस विशाल क्षेत्र को भारत केसाथ जोड़ने का काम किया। उन्होंने कहाकि तेलंगाना की मुक्ति केलिए स्वामी रामानंद तीर्थ, एम चिन्नारेड्डी, नरसिम्हा राव, शाइक बंदगी, केवी नरसिम्हा राव, विद्याधर गुरु, पंडित केशवराव कोरटकर, अनाभेरी प्रभाकरी राव, बद्दम येल्ला रेड्डी, रवि नारायण रेड्डी, बुरुगुला रामकृष्ण राव, कलोजी नारायण राव, दिगंबरराव बिंदु, वामनराव नाइक और वाघमारे जैसे अनगिनत महापुरुषों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर किया था।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि अभी हालही में देश ने अपना स्वतंत्रता दिवस मनाया है और अब तेलंगाना मुक्ति दिवस, जहां अंग्रेज़ों की गुलामी से मुक्ति केबाद भी 399 दिन तक क्रूर निज़ाम का शासन रहा, वो 399 दिन इस क्षेत्र की जनता केलिए यातनाओं से भरे हुए रहे। अमित शाह ने कहाकि सरदार वल्लभभाई पटेल ने जनता की भावनाओं को सम्मान देते हुए इस क्षेत्र को आज़ाद कराया। उन्होंने कहाकि तेलंगाना मुक्ति आंदोलन में आर्य समाज, हिंदू महासभा और ओस्मानिया यूनिवर्सिटी जैसे कई संगठनों ने योगदान दिया और बीदर क्षेत्र के किसानों और युवाओं केसाथ मिलकर तेलंगाना मुक्ति आंदोलन को अंतिम रूप देने का काम हमारे लौहपुरुष सरदार पटेल ने किया था। गृहमंत्री ने कहाकि 75 साल तक देश की किसीभी सरकार ने अपनी तुष्टिकरण की नीति के कारण इस महान दिन के बारेमें हमारे युवाओं को जानकारी देने केलिए कोई प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को तेलंगाना मुक्ति के 75 वर्ष पूरे पर नई परंपरा शुरू कीकि भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय हर वर्ष 17 सितंबर को तेलंगाना मुक्ति दिवस मनाएगा।
अमित शाह ने कहाकि इसके ज़रिए महान शहीदों को श्रद्धांजलि देकर हमारी नई पीढ़ी को उस संघर्ष से परिचित कराया जाएगा। उन्होंने कहाकि इसके पीछे 3 उद्देश्य हैं-पहला नई पीढ़ी को इस महान संघर्ष के बारेमें बताकर देशभक्ति के संस्कार से सिचिंत करना, दूसरा-हैदराबाद मुक्ति केलिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि देना और तीसरा-शहीदों द्वारा देखे गए भारत के निर्माण के स्वप्न को पूरा करने केलिए अपने आपको राष्ट्र को पुनर्समर्पित करना। अमित शाह ने कहाकि सरदार पटेल ने कहा थाकि गुलाम हैदराबाद भारत के पेट में कैंसर के समान है, ऑपरेशन के सिवा कोई उसका और रास्ता नहीं हो सकता, इसीलिए उन्होंने पुलिस एक्शन के माध्यम से हैदराबाद को स्वतंत्र करने का काम किया। उन्होंने कहाकि ये बड़े दुर्भाग्य की बात हैकि तेलंगाना की स्थापना केबाद भी तेलंगाना मुक्ति दिवस मनाने में वोट बैंक पॉलिटिक्स के कारण पिछली सरकारों ने संकोच किया, जो अपने देश के इतिहास से मुंह मोड़ लेते हैं, देश की जनता उनसे मुंह मोड़ लेती है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि हमारे देश के इतिहास, शहीदों की शहादत और स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास पर गौरव करके ही हम इस देश और तेलंगाना को आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहाकि निज़ाम के क्रूर शासन ने यहां माफुसा और गैर माफुसा केबीच भेद पैदा किया था, सरदार पटेल ने उससे मुक्ति दिलाई थी। उन्होंने कहाकि निज़ाम के क्रूर शासन के कृत्यों से इस क्षेत्र को मुक्ति दिलाने का काम सरदार पटेल ने किया था, 10 अगस्त 1948 को सरदारजी ने कहा थाकि हैदराबाद समस्या के समाधान का एक ही रास्ता है, हैदराबाद का भारत में विलय, इसके बाद 17 सितंबर 1948 को निज़ाम की सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया था। उन्होंने तेलंगाना, कल्याण कर्नाटक और मराठावाड़ा की जनता से कहाकि इस दिन की स्मृति, हमारे संघर्ष, शहीदों के बलिदान को हमें याद रखना चाहिए, जिससे आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा ले सकें और देश के विकास केप्रति अपने आप को समर्पित करें। अमित शाह ने इस अवसर पर 20 करोड़ रुपए की लागत वाले एसएसबी, इब्राहिमपटनम के 48 टाइप-III पारिवारिक आवास का वर्चुअल शिलान्यास किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, गृह सचिव, सचिव संस्कृति मंत्रालय, निदेशक आसूचना ब्यूरो, महानिदेशक सीआरपीएफ और महानिदेशक एसएसबी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
गृहमंत्री ने कहाकि यहां इब्राहिमपटनम के पारिवारिक आवास एसएसबी में कार्यरत दक्षिण भारत के जवानों के परिवारों केलिएएक नई शुरूआत है। उन्होंने कहाकि पत्रकार और शहीद शोएबुल्लाह खान और रामजी गोंड की स्मृति में डाक टिकट जारी किए। अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन का भी जिक्र किया और कहाकि इसे हम सेवा दिन के रूपमें भी मनाते हैं। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीते 9 वर्ष से स्वतंत्रता सेनानियों की कल्पना वाले भारत का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहाकि चंद्रमा पर चंद्रयान पहुंचाने वाला भारत विश्व का चौथा देश बन गया है, जी-20 बैठक के माध्यम से भारत की संस्कृति, कला, खानपान, वेशभूषा और भाषाओं को विश्वप्रसिद्ध करने का काम किया गया है, इसके साथ ही अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल करके इसे जी-21 बनाने का काम भी प्रधानमंत्री ने किया है। अमित शाह ने कहाकि आतंकवाद, क्लाइमेट चेंज और अर्थव्यवस्था के बारेमें मोदीजी का दृष्टिकोण समग्र विश्व के नेतृत्व ने स्वीकार किया है। प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगों को मोटर से चलने वाली तिपहिया साइकल प्रदान करने के शिविर में सिकंदराबाद संसदीय क्षेत्र और हैदराबाद शहर के योग्य लाभार्थियों को तिपहिया साइकलें भी प्रदान की गईं।

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