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Monday 25 September 2023 04:38:38 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिवों के रूपमें तैनात वर्ष 2021 बैच के 182 भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के एक समूह ने आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की। राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में अधिकारियों का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने आईएएस अधिकारियों से कहाकि उनका सेवा अधिकार, भूमिका और दायित्व किसीभी अन्य सेवा से भिन्न है, भारतीय प्रशासनिक सेवा एक मिशन है, सिर्फ एक नौकरी नहीं, यह भारत और भारतीयों को सुशासन के ढांचे के तहत अग्रणी बनाने का मिशन है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आईएएस अधिकारियों से देशसेवा और समाजसेवा के महत्वपूर्ण बिंदुओं को साझा करते हुए कहाकि देश और उसके लोगों की सेवा करना उनकी नियति है, भारत को एक समावेशी और विकसित राष्ट्र बनाना उनका सामूहिक लक्ष्य है और वे युवा नागरिकों को विभिन्न क्षेत्रों में उनकी क्षमता का एहसास कराने में सक्षम बनाकर एक बड़ा योगदान दे सकते हैं। राष्ट्रपति ने आईएएस अधिकारियों से कहाकि उनके पास वर्ष 2047 के विकसित राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का महान अवसर है, अपनी प्रतिबद्धता और रचनात्मकता के माध्यम से हमारे देश को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और प्रभावी परिवर्तन एजेंट बन सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि निर्धनों और वंचितों की भावनाओं को समझने वाला सिविल सेवक ही वास्तव में सच्चा सिविल सेवक होता है, जो केवल नौकरशाही से अलग होता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने समाज के वंचित वर्गों का उत्थान करना सिविल सेवकों केलिए विश्वास का विषय होना चाहिए। उन्होंने आग्रह कियाकि सिविल सेवकों को 'फ़ाइल से फ़ील्ड' और 'फ़ील्ड से फ़ाइल' केबीच के अंतर को समझने का प्रयास करना चाहिए यानि उन्हें केवल कार्यालय और फाइलों से परे जाकर व्यक्तियों के कष्टों और भावनाओं को समझना होगा। उन्होंने कहाकि यह जन केंद्रित सतर्कता और संवेदनशीलता उन्हें फाइलों केसाथ कहीं अधिक सार्थक तरीके से जुड़ने में सक्षम बनाएगी।