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Wednesday 27 September 2023 03:37:22 PM
जयपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लोकतंत्र में परिवर्तन के एजेंट और हितधारकों के रूपमें छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए छात्रों से अपने प्रतिनिधियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने की अपील की। उन्होंने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जवाबदेही और नागरिक भागीदारी के महत्व को सुदृढ़ करते हुए कहाकि प्रत्येक नागरिक को संसद में याचिका प्रस्तुत करने का अधिकार है। उपराष्ट्रपति ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम को एक 'युगीन विकास' के रूपमें पारित करने की सराहना करते हुए इस बात पर जोर दिया हैकि जबतक पचास प्रतिशत मानवता केलिए न्याय सुनिश्चित नहीं किया जाता, तबतक समाज का विकास नहीं हो सकता। उपराष्ट्रपति ने कहाकि यह विधेयक महिलाओं के अधिकारों की मान्यता और उनके अधिकार की पुष्टि है।
राजस्थान में बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स) पिलानी के छात्रों और संकाय सदस्यों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने केलिए शिक्षा को सबसे प्रभावी और प्रभावशाली तंत्र बताया, जिससे भारत के विकास में तेजी आ रही है। उपराष्ट्रपति ने भारत की अध्यक्षता में जी-20 की सफलता का जिक्र करते हुए कहाकि जी-20 सदस्य के रूपमें अफ्रीकी संघ को शामिल करना भारत के सभ्यतागत लोकाचार केसाथ गहराई से मेल खाता है। भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे पर हस्ताक्षर को वैश्विक गेमचेंजर के रूपमें स्वीकार करते हुए उपराष्ट्रपति ने रेखांकित कियाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की निभाई गई भूमिका ने ग्लोबल साउथ को विश्वमंच पर एक मजबूत आवाज दी है।
उपराष्ट्रपति ने एक दशक की अवधि में वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं केबीच 'फ्रैजाइल फाइव' के सदस्य से 'बिग फाइव' में भारत के परिवर्तन पर उन्होंने वैश्विक मंच पर डिजिटल लेनदेन एवं वित्तीय समावेशन में भारत की उपलब्धियों को प्राप्त व्यापक प्रशंसा की ओर ध्यान आकर्षित किया। भ्रष्टाचार को लोकतंत्र और विकास का हत्यारा करार देते हुए उपराष्ट्रपति ने बतायाकि हाल के वर्षों में सत्ता के दलालों के प्रभाव वाले सत्ता गलियारों को बेअसर करने केलिए महत्वपूर्ण प्रगति की गई है। जगदीप धनखड़ ने इस बात पर जोर देते हुएकि कोईभी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है, नागरिकों का हमारे संस्थानों को कलंकित करने, बदनाम करने और कमजोर करने वाले भारत विरोधी वक्तव्यों का सक्रिय रूपसे मुकाबला करने का आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति ने अनुसंधान और विकास के सर्वोपरि महत्व को रेखांकित किया और उन विचारों की प्रधानता पर जोर दिया जो नवाचार का मार्ग प्रशस्त करते हैं। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस दौरान यह घोषणा भी कीकि बिट्स पिलानी के पांच प्रशिक्षु संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में राज्यसभा के सभापति की सहायता करेंगे। इस अवसर पर केंद्रीय कानून एवं न्याय, संसदीय कार्य और संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल, बिट्स पिलानी के कुलपति प्रोफेसर वी रामगोपाल राव, निदेशक बिट्स पिलानी प्रोफेसर सुधीरकुमार बरई, संकाय सदस्य, छात्र और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।