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लैंगिक समानता पर शिक्षण मॉड्यूल लॉंच

खेलों में भागीदारी के लिए लड़के-लड़कियों को प्रोत्साहन

नरेंद्र मोदी स्टेडियम में समारोहपूर्वक शुभारंभ किया गया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 1 October 2023 12:51:18 PM

launch the criiio4good campaign

अहमदाबाद। केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लड़के-लड़कियों केबीच लैंगिक समानता को बढ़ावा देने केलिए एक नया ऑनलाइन जीवन कौशल सीखने का मॉड्यूल 'सीआरआईआईआईओ 4 गुड' लॉंच किया है। धर्मेंद्र प्रधान ने मौलिक सिद्धांत के रूपमें लैंगिक समानता और समान अवसरों पर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को रेखांकित किया। उन्होंने कहाकि 'सीआरआईआईआईओ 4 गुड' के माध्यम से खेल की शक्ति और क्रिकेट की लोकप्रियता का उपयोग बालिकाओं को सशक्त बनाने और लैंगिक समानता के बारेमें जागरुक करने के रूपमें किया जा सकता है। उन्होंने यह भी उल्लेख कियाकि देश नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने और भारत को महिलाकेंद्रित विकास में सबसे आगे ले जाने केसाथ इतिहास का साक्षी बना है।
भारतीय महिला क्रिकेटर और आईसीसी-यूनिसेफ सीआरआईआईआईओ 4 गुड पहल की सेलिब्रिटी समर्थक स्मृति मंधाना भी इस अवसर पर मौजूद थीं। उन्होंने नरेंद्र मोदी स्टेडियम में 1000 से अधिक स्कूली बच्चों केसाथ 'सीआरआईआईआईओ 4 गुड' का पहला शिक्षण मॉड्यूल साझा किया और कहाकि ये मॉड्यूल अत्यधिक आकर्षक हैं और वे मज़ेदार, इंटरैक्टिव तरीके से लड़कियों और लड़कों केबीच आवश्यक जीवन कौशल और लैंगिक समानता के बारेमें बात करने केलिए क्रिकेट की शक्ति का उपयोग करते हैं। 'सीआरआईआईआईओ 4 गुड' लैंगिक समानता को बढ़ावा देने, लड़कियों को जीवन कौशल से अवगत कराने और खेलों में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करने केलिए 8 क्रिकेट आधारित एनीमेशन फिल्मों की एक श्रृंखला है। क्रिकेट को लेकर युवा दर्शकों की लोकप्रियता और जुनून का उपयोग करते हुए आईसीसी-यूनिसेफ ने बच्चों और युवाओं को महत्वपूर्ण जीवन कौशल अपनाने और लैंगिक समानता के महत्व केलिए प्रेरित करने केलिए ये मॉड्यूल जारी किए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद, यूनिसेफ और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सहयोग से नरेंद्र मोदी स्टेडियम में यह कार्यक्रम समारोहपूर्वक शुरू किया गया। इस शिक्षण मॉड्यूल के विषय हैं-नेतृत्व, समस्या-समाधान, आत्मविश्वास, निर्णय लेना, बातचीत, सहानुभूति, टीम वर्क और लक्ष्य निर्धारण तथा क्रिकेट उदाहरणों का उपयोग करके अत्याधुनिक एनीमेशन के माध्यम से इनकी कल्पना की जाती है। स्थानीय बारीकियों पर गहन शोध ने इन फिल्मों को वास्तविक और प्रासंगिक बना दिया है। कार्यक्रम में गुजरात सरकार के जनजातीय विकास, प्राथमिक, माध्यमिक और वयस्क शिक्षा मंत्री डॉ कुबेर डिंडोर, संसदीय कार्य, प्राथमिक, माध्यमिक और वयस्क शिक्षा, उच्चशिक्षा राज्यमंत्री प्रफुल्ल पंशेरिया, यूनिसेफ की प्रतिनिधि सिंथिया मैककैफ़्रे, शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार, शिक्षा मंत्रालय और यूनिसेफ के अधिकारी और 1000 से अधिक बच्चे उपस्थित थे।

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