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आत्मनिर्भर व समृद्ध ऊर्जा व्यापार का लक्ष्य!

राष्ट्रपति का विद्युत इंजीनियरों और व्यापार प्रोबेशनर्स को संबोधन

'देश के व्यापक लक्ष्यों व आर्थिक हितों के अनुरूप खुदको सुदृढ़ करें'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 6 October 2023 01:12:56 PM

president's address to electrical engineers and trade probationers

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से केंद्रीय विद्युत इंजीनियरिंग सेवा 2018, 2020 और 2021 बैच के अधिकारियों और भारतीय व्यापार सेवा 2022 बैच के प्रोबेशनर्स ने राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर प्रतिष्ठित सेवाओं में चयन पर सभी को बधाई दी और कहाकि उनका मानना हैकि इन प्रतिष्ठित सेवाओं में उनके प्रशिक्षण ने उनको भारत के बिजली और व्यापार क्षेत्रों की प्रगति में प्रभावी योगदान देने में सक्षम बना दिया है। उन्होंने कहाकि ये दोनों सेवाएं देश की आर्थिक वृद्धि और विकास के संदर्भ में महत्वपूर्ण हैं, एक और बात जो इन दोनों क्षेत्रों केलिए सामान्य है, वह यह हैकि वे कनेक्टिविटी को बढ़ावा देते हैं और एक इंटरकनेक्टेड इकोसिस्टम ऊर्जा एवं व्यापार क्षेत्रों को और ज्यादा समृद्ध करते हैं। राष्ट्रपति ने केंद्रीय विद्युत इंजीनियरिंग सेवा के अधिकारियों से कहाकि विद्युत क्षेत्र भारत के विकास के प्रमुख प्रेरकों में से एक है और आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य एक मजबूत बिजली क्षेत्र से जुड़ा हुआ है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि सभी को निर्बाध बिजली आपूर्ति और जीवनस्तर में सुधार का लक्ष्य इंजीनियरिंग समाधानों के माध्यम से एक मजबूत बिजली बुनियादी ढांचे के विस्तार और रखरखाव केप्रति आपके समर्पण और प्रतिबद्धता के कारण संभव होगा। उन्होंने कहाकि उन्हें बताया गया हैकि केंद्रीय विद्युत इंजीनियरिंग सेवा बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण के क्षेत्रों में योजनाबद्ध विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है, इसने बिजली प्रणालियों की गुणवत्ता, विश्वसनीयता और सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत केपास निर्बाध बिजली प्रवाह केलिए एक इंटरकनेक्टेड नेशनल ग्रिड केसाथ लगभग 424 गीगा वाट की स्थापित क्षमता है, इसका श्रेय सेंट्रल पावर इंजीनियरिंग सर्विस के अधिकारियों को भी जाता है। उन्होंने कहाकि ऊर्जा की मांग और खपत किसी देश की सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति के संकेतकों में से एक है, इसलिए जैसे-जैसे भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर आगे बढ़ेगा, बिजली की मांग और खपत निश्चित रूपसे बढ़ेगी, जो देश के विकास को और अधिक प्रेरित करेगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि भारत के शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने केलिए ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा प्रमुख स्तंभ हैं। उन्होंने कहाकि अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तनों में ऊर्जा दक्षता को पहला ईंधन कहा जाता है, यह जलवायु परिवर्तन शमन के कुछ सबसे तीव्र और सबसे किफायती विकल्प प्रदान करता है, यह ऊर्जा बिल को भी कम करता है और ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ बनाता है। उन्होंने केंद्रीय विद्युत इंजीनियरिंग सेवा के अधिकारियों से ऊर्जा दक्षता पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया, जिससे जलवायु परिवर्तन संबंधी लक्ष्यों को अर्जित करना और सरल हो जाएगा। उन्होंने कहाकि ऊर्जा परिवर्तन और ग्रिड एकीकरण की प्रक्रिया में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन उन्हें इन चुनौतियों से निपटने केलिए समग्र दृष्टिकोण अपनाने में उत्पादक भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहाकि बिजली क्षेत्र का भविष्य अनुसंधान और नवोन्मेषण में निहित है, चाहे वह ऊर्जा भंडारण, ग्रिड प्रबंधन या ऊर्जा उत्पादन के नए रूपों में ही क्यों न हो। उन्होंने उनसे बिजली क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को महत्व देने का आग्रह किया, ताकि भारत वैश्विक स्तरपर प्रतिस्पर्धी बना रहे।
राष्ट्रपति ने भारतीय व्यापार सेवा के प्रोबेशनर्स से कहाकि व्यापार अर्थव्यवस्थाओं की रीढ़ है, यह निवेश को बढ़ावा देता है, रोज़गार सृजित करता है, आर्थिक विकास को गति देता है और जीवनस्तर में सुधार लाता है। उन्होंने कहाकि भारत डिजिटल और टिकाऊ व्यापार सुविधा केलिए प्रतिबद्ध है और उन्हें यकीन हैकि भारतीय व्यापार सेवा के अधिकारी व्यापार संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, वे न केवल व्यापार नियामक हैं, बल्कि व्यापार सुगमकर्ता भी हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और व्यापार संचालन की सूक्ष्मताओं दोनों का ज्ञान आवश्यक है, जिससे कि व्यापार बातचीत और व्यापार नीतियों में नए आयाम ला सकें और भारतीय व्यापार को नई गति प्रदान कर सकें। उन्होंने कहाकि भारत से निर्यात को बढ़ावा देने केलिए कार्यनीति बनाने में भी उनकी प्रमुख भूमिका है। उन्होंने कहाकि विदेश व्यापार नीति-2023 निर्यातकों केसाथ विश्वास और साझेदारी के सिद्धांतों पर आधारित है, यह निर्यातकों केलिए व्यापार में सुगमता केलिए प्रोसेस रि-इंजीनियरिंग और ऑटोमेशन पर ध्यान केंद्रित करती है। उन्होंने भारतीय व्यापार सेवा के प्रोबेशनर्स से उभरते अंतर्राष्ट्रीय व्यापार परिदृश्य को समझने केलिए व्यापार विश्लेषण के नवीनतम माध्यमों को सीखने और उनका उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने प्रोबेशनर्स से कहाकि वे खुदको भारत के व्यापक लक्ष्यों और आर्थिक हितों के अनुरूप सुदृढ़ बनाएं।

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