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उपराष्ट्रपति राजस्थान दौरों पर सवालों से चिंतित!

'संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को राजनीति में घसीटना ठीक नहीं'

लक्ष्मणगढ़ में मोदी विज्ञान एवं तकनीकी विवि में बोले धनखड़

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Saturday 7 October 2023 11:37:01 AM

vice president jagdeep dhankhar

लक्ष्मणगढ़ (राजस्थान)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उनके राजस्थान दौरों पर उठे सवालों पर पीड़ा और चिंता व्यक्त करते हुए कहा हैकि उनकी यात्रा या तो विधानसभा के अध्यक्ष के निमंत्रण पर हुईं या फिर केंद्र सरकार के कार्यक्रमों में हुई हैं। उन्होंने कहाकि उपराष्ट्रपति की कोई भी यात्रा अचानक नहीं होती, बहुत सोच विचार, चिंतन और मंथन केबाद होती है। उन्होंने इस अवसर पर उच्च और ज़िम्मेदार पदों पर आसीन लोगों से संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान बनाए रखने का आग्रह किया और कहाकि राष्ट्रपति से मुख्यमंत्री तक सभी इस देश के सेवक हैं। उपराष्ट्रपति राजस्थान के लक्ष्मणगढ़ में मोदी विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहाकि बेवजह संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति को राजनीति में घसीटा जाना ठीक नहीं है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मोदी विज्ञान एवं तकनीकी विवि की छात्राओं को नारी शक्ति वंदन अधिनियम का महत्व बतलाते हुए कहाकि अब लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में एक तिहाई सदस्य महिलाएं होंगी, जो देश को एक नई ऊंचाई पर ले जाएंगी। उन्होंने अधिनियम की प्रशंसा करते हुए कहाकि जब सत्ता की बागडोर महिलाओं के हाथ में होती है, तब देश की तरक्की बहुत तेजीसे होती है। उपराष्ट्रपति ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम को प्रस्तुत किए जाने वाले दिन की याद दिलाते हुए छात्राओं से कहाकि यह विधेयक गणेश चतुर्थी के दिन प्रस्तुत किया गया था, इससे अंदाजा लगाया जा सकता हैकि यह आपके लिए और देश केलिए कितना शुभ है, यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है और यह भविष्य में हमारे समाज में बहुत परिवर्तनकारी सिद्ध होगी। उन्होंने कहाकि इससे महिलाओं को उनके हक मिलेंगे और वे विकास की मुख्यधारा में सक्रिय रूपसे अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
मोदी विज्ञान एवं तकनीकी विवि की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि यहां पर तपोवन है, योगशाला भी है, हमारी संस्कृति हमारी ताकत है, यह शिक्षण संस्थान भारतीय संस्कृति के मूल सिद्धांतों पर आधारित है, यहां भारतीय संस्कृति की झलक दिखती है, भारतीय संस्कार दिखते हैं और यह दुनिया की एक महानतम संस्था है। उन्होंने कहाकि हमारी संस्कृति पांच हजार साल से भी पुरानी है, जी20 के सफल आयोजन के दौरान दुनिया के नेताओं ने हमारी संस्कृति के दर्शन किए और परिचित हुए, हमारी संस्कृति का कोई मुकाबला नहीं है। उन्होंने कहाकि जी20 आयोजन देशभर में हुए यह अभूतपूर्व है, इससे दुनिया के नेताओं को भारतीय संस्कृति के दर्शन करने का एक सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ, यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहाकि दुनिया के नेता हमारे देश से कभी न भूलने वाली यादें लेकर गए हैं, कभी किसी ने इतने सफल आयोजन की कल्पना नहीं की थी, जैसा भारत ने करके दिखा दिया।
उपराष्ट्रपति ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहाकि वे ऐसे कालखंड में हैं, जब भारत उन्नति की ओर अग्रसर है और यह उन्नति विश्व में प्रमाणित हो चुकी है, जिससे दुनिया स्तब्ध है। चंद्रयान-3 की सफलता का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि 23 अगस्त 2023 को एक ऐसा करिश्मा हुआ, जिसकी कभी किसी ने कल्पना नहीं की थी, जब इसरो ने चंद्रयान-3 को चंद्रमा के उस हिस्से पर सफलतापूर्वक उतार दिया, जहां दुनिया का कोई देश अभीतक नहीं पहुंच पाया था, यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, हमें भारत की इस उपलब्धि पर गर्व करना चाहिए। उन्होंने कहाकि इस उपलब्धि में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। महिलाओं की भूमिका की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहाकि आज हमारे देश में राष्ट्रपति से वित्तमंत्री जैसे उच्च पदों पर महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिकाओं का निर्वहन कर रही हैं, यह देश केलिए गर्व की बात है। उपराष्ट्रपति ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की प्रशंसा करते हुए कहाकि वह दुनिया की एक बेहतरीन अर्थशास्त्री हैं और दुनिया में उनका एक रुतबा है।
उपराष्ट्रपति ने कहाकि हमारा देश तेरह साल पहले दुनिया की पांच सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था, आज हम विश्व की पांच सबसे मजबूत अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गए हैं और हमने अपनी इस विकास यात्रा के दौरान यूके और फ्रांस जैसी शक्तियों को पछाड़ा है। उन्होंने कहाकि बहुतही जल्द भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति होगा और इसमें नारी शक्ति वंदन अधिनियम की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उपराष्ट्रपति ने छात्राओं से कहाकि जब 2047 में भारत अपनी आजादी का शताब्दी वर्ष मना रहा होगा, उस समय वे लोग निर्णायक भूमिका में होंगे। उपराष्ट्रपति ने स्वामी विवेकानंद के वचनों को याद करते हुए कहाकि स्वामीजी ने कहा थाकि कोईभी देश महिलाओं को सशक्त किए बिना खुशहाल नहीं हो सकता और न ही तरक्की के उच्च शिखर तक नहीं पहुंच सकता। उपराष्ट्रपति ने पद्म पुरस्कारों का जिक्र कियाकि अब भारत में यह परिवर्तन आया हैकि सामान्य लोग, जिन्होंने सराहनीय कार्य किए हैं, उन्हें पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण जैसे अलंकरण प्रदान किए जारहे हैं, पहले यह पुरस्कार सिर्फ नामी लोगों कोही प्रदान किए जाते थे। उपराष्ट्रपति ने भारतीय संसद के नए भवन, भारत मंडपम, यशोभूमि, प्रधानमंत्री संग्रहालय और वॉर मेमोरियल की प्रशंसा करते हुए संस्थान की छात्राओं को उन्हें देखने केलिए आमंत्रित किया।
उपराष्ट्रपति ने कहाकि आप जब उन्हें देखेंगे तो अचंभित रह जाएंगेकि भारत ने कितनी विकास यात्रा तय कर ली है, आज भारत बदल गया है, यह बदलाव आपको वहां देखने को मिलेगा। उपराष्ट्रपति ने कहाकि आपको आज जो वातावरण मिल रहा है, वह पहले उपलब्ध नहीं था, आज सत्ता के गलियारों को दलालों से पूरी तरीके से मुक्त कर दिया गया है, उन्होंने कहाकि जब कोई समाज या देश तेज गति से तरक्की करता है तो बहुत से लोग उसकी आलोचना भी करते हैं, इस परिस्थिति में आपको भारतीयता और भारत को सर्वोपरि रखना है और देश की आलोचना करने वालों को हतोत्साहित करना है। उन्होंने छात्राओं के अभिभावकों से अनुरोध कियाकि वे छात्राओं को उनके मन के हिसाब से अपना करियर चुनने दें, उनपर किसीभी प्रकार का कोई दबाव न बनाएं। उपराष्ट्रपति ने मोदी विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों से संस्थान की यथायोग्य सहायता करने को कहा, ताकि संस्थान भविष्य में और ऊंचे प्रतिमान स्थापित करके विश्व में एक नया मुकाम बना सके। उपराष्ट्रपति ने छात्राओं का उत्साहवर्धन किया, उन्हें भविष्य केलिए शुभकामनाएं भी दीं। अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान उपरष्ट्रपति ने बीकानेर जिले के राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीयस्तर के खिलाड़ियों से मुलाकात की एवं तेजाजी मंदिर, सांगलिया धूणी और त्रिवेणी धाम में भी दर्शन किए। कार्यक्रम में डॉक्टर सुदेश धनखड़, संस्थान के निदेशक, फैकल्टी मेंबर, विद्यार्थी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। 

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