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Sunday 8 October 2023 01:18:23 PM
प्रयागराज/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारतीय वायुसेना दिवस पर वायु योद्धाओं, उनके परिजनों और देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री ने ट्वीट करके कहाकि हमें भारतीय वायुसेना की वीरता, प्रतिबद्धता और समर्पण पर गर्व है, वायु योद्धाओं की अनुकरणीय एवं उत्कृष्ट सेवा और बलिदान हमारे आकाश क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने भी 92वें भारतीय वायुसेना दिवस पर वायु योद्धाओं, पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहाकि यह महत्वपूर्ण अवसर एक सदी तक वायुसेना के राष्ट्र केप्रति अटूट समर्पण और अद्वितीय सेवा को दर्शाता है। जनरल अनिल चौहान ने कहाकि इस मौके पर हम उन बहादुर शहीद सैनिकों को भी श्रद्धांजलि देते हैं, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में अंतिम बलिदान दिया, उनका साहस, वीरता और समर्पण भारत की पीढ़ियों को सतत प्रेरित करता है और रहेगा।
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहाकि भारतीय वायुसेना ने देश द्वारा लड़े गए सभी युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, वायु हमले किए हैं, युद्ध क्षेत्रों से भारतीय प्रवासियों को निकाला है और सीमाओं के भीतर-बाहर मानवीय सहायता और आपदा राहत मिशन से राहत प्रदान की है। जनरल अनिल चौहान ने कहाकि भारतीय वायुसेना का मित्र देशों केसाथ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अभ्यासों में नियमित और सफल संबंधों का समृद्ध इतिहास है, इसने वैश्विक वायु सेनाओं केसाथ पर्याप्त रूपसे अंतरक्षमता का प्रदर्शन किया है, जिससे हमारे निकटतम पड़ोसी क्षेत्र और विस्तारित वातावरण में भी प्रभावी ढंग से काम करने की अपनी क्षमता स्थापित हुई है। जनरल अनिल चौहान ने कहाकि भारतीय वायुसेना ने 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन के माध्यम से क्षमता विकास को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहाकि इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर भविष्यकाल में युद्ध से निपटने केलिए अंतरिक्ष और साइबर क्षमताओं का उपयोग करने, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डिसीजन टूल्स और सिस्टम के रूपमें शक्ति बढ़ाने की क्षमता की दिशा में एक सराहनीय प्रयास किया गया है, जिसमें स्वार्म अनमैन्ड म्यूनिशन सिस्टम जैसी नवीनतम तकनीक को शामिल किया गया है, जो भारतीय वायुसेना की परिकल्पित सफल मेहर बाबा ड्रोन प्रतियोगिता का परिणाम है।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने कहाकि भारतीय वायुसेना आधुनिकीकरण, नवाचार और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग केसाथ 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने केलिए तैयार है, आइए इस 92वें वायुसेना दिवस पर हम सभी भारतीय वायुसेना का सम्मान करें और हमारे आकाश की रक्षा करने वाले पुरुषों और महिलाओं केप्रति मिलकर आभार व्यक्त करें, जो हमारे भविष्य को सुरक्षित करने केलिए ऊंची उड़ान भरते हैं, यह हमारे राष्ट्र की शक्ति और संकल्प का प्रतीक बना रहेगा। भारतीय वायुसेना के इतिहास में 8 अक्टूबर 2023 एक महत्वपूर्ण दिन के रूपमें दर्ज किया गया है। एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने प्रयागराज में बमरौली वायुसेना स्टेशन पर वायुसेना दिवस समारोह के दौरान नए भारतीय वायुसेना ध्वज का अनावरण किया है। गौरतलब हैकि इतिहास में पीछे जाएं तो आरआईएएफ ध्वज में ऊपरी बाएं कैंटन में यूनियन जैक और फ्लाई साइड पर आरआईएएफ राउंडेल (लाल, सफेद और नीला) शामिल था। स्वतंत्रता केबाद निचले दाएं कैंटन में यूनियन जैक को भारतीय ट्राई कलर और आरएएफ राउंडल्स को आईएएफ ट्राई कलर राउंडेल केसाथ प्रतिस्थापित करके भारतीय वायुसेना का ध्वज बनाया गया था।
भारतीय वायुसेना के मूल्यों को बेहतर ढंग से प्रकट करने केलिए अब एक नया आईएएफ ध्वज बना दिया गया है। अब एनसाइन के ऊपरी दाएं कोने में फ्लाई साइड की ओर वायुसेना क्रेस्ट को शामिल करने से प्रतिबिंबित होगा। आईएएफ क्रेस्ट के शीर्ष पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक सिंह और उसके नीचे देवनागरी में 'सत्यमेव जयते' शब्द हैं। अशोक सिंह के नीचे एक हिमालयी ईगल है, जिसके पंख फैले हुए हैं, जो भारतीय वायुसेना के युद्ध के गुणों को दर्शाता है। हल्के नीले रंग का एक वलय हिमालयी ईगल को घेरे हुए है, जिसपर लिखा है भारतीय वायुसेना। भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य 'नभः स्पृशं दीप्तम्' हिमालयी ईगल के नीचे देवनागरी के सुनहरे अक्षरों में अंकित है। आईएएफ का आदर्श वाक्य भागवद्गीता के अध्याय 11 के श्लोक 24 से लिया गया है और इसका अर्थ है 'वैभव केसाथ आकाश को छूना'।