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Monday 9 October 2023 02:33:14 PM
नई दिल्ली। तंजानिया की राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन का भारत में जोरदार स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हैदराबाद हाउस नई दिल्ली में द्विपक्षीय बैठक में उनके साथ प्रेस वक्तव्य दिया। प्रधानमंत्री ने सबसे पहले राष्ट्रपति और उनके साथ आए डेलिगेशन का भारत में स्वागत किया और कहाकि तंज़ानिया की राष्ट्रपति के रूपमें यह सामिया सुलुहू हसन की भारत की पहली यात्रा है, किंतु वे भारत और भारत के लोगों से लंबे अरसे से जुड़ी हुई हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत केप्रति उनका यह लगाव और प्रतिबद्धता हमें हर क्षेत्र में हमारे संबंधों को और मज़बूत करने केलिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि अफ्रीकन यूनियन के जी20 में स्थायी सदस्य के रूपमें जुड़ने केबाद पहलीबार हमें किसी भी अफ्रीकन राज्याध्यक्ष का भारत में स्वागत करने का अवसर मिला है, इसलिए उनकी इस यात्रा का महत्व हमारे लिए कई गुना बढ़ जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज का दिन भारत और तंज़ानिया के संबंधों में एक ऐतिहासिक दिन है, आज हम अपनी सदियों पुरानी मित्रता को रणनीतिक साझेदारी के सूत्र में बांध रहे हैं। उन्होंने कहाकि आज की बैठक में हमने इस भावी रणनीतिक साझेदारी की नींव रखते हुए कई नई पहलों की पहचान की है। उन्होंने कहाकि भारत और तंज़ानिया आपसी व्यापार और निवेश केलिए एक-दूसरे के महत्वपूर्ण पार्टनर्स हैं, दोनों पक्ष स्थानीय मुद्राओं में व्यापार बढ़ाने केलिए एक समझौते पर काम कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारे आर्थिक सहयोग के पूरे पोटेंशियल को समझने के लिए हम नए अवसरों की तलाश जारी रखेंगे। उन्होंने कहाकि तंज़ानिया अफ्रीका में भारत का सबसे बड़ा और करीबी विकास भागीदार है। उन्होंने कहाकि भारत ने आईसीटी केंद्र, व्यावसायिक प्रशिक्षण, रक्षा प्रशिक्षण, आईटीईसी और आईसीसीआर छात्रवृत्ति के माध्यम से तंज़ानिया की कौशल विकास और क्षमता निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि वाटर सप्लाई, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मिलकर काम करते हुए हमने तंज़ानिया के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया है, इसी प्रतिबद्धता से हम आगे भी अपने प्रयत्न जारी रखेंगे। उन्होंने कहाकि आईआईटी मद्रास का ज़ान्ज़िबार में कैंपस खोलने का निर्णय हमारे संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, यह केवल तंज़ानिया केलिए ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय देशों के छात्र-छात्राओं केलिए भी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा का केंद्र बनेगा। उन्होंने कहाकि दोनों देशों की विकास यात्रा का एक बढ़ा आधार तकनीक है, डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं के बंटवारे पर हुए समझौते से हमारी साझेदारी को बल मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि उन्हें ख़ुशी हैकि यूपीआई की सफलता की कहानी को तंज़ानिया में अपनाने केलिए कदम उठाए जा रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि रक्षाक्षेत्र में हमने पांच साल के रोडमैप पर सहमति बनाई है, इसके माध्यम से सैन्य प्रशिक्षण, समुद्री सहयोग, क्षमता निर्माण, रक्षा उद्योग जैसे क्षेत्रों में नए आयाम जुड़ेंगे, ऊर्जा के क्षेत्र में भी भारत-तंज़ानिया केबीच करीबी सहयोग रहा है।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत में तेज़ी से बदल रहे स्वच्छ ऊर्जा परिदृश्य को देखते हुए हमने इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने कहाकि उन्हें ख़ुशी हैकि तंज़ानिया ने भारत द्वारा जी20 समिट में लांच की गई वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन से जुड़ने का निर्णय लिया है, साथही तंज़ानिया द्वारा लिए गए इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस से जुड़ने के निर्णय से हम बड़ी बिल्लियों के संरक्षण केलिए वैश्विक प्रयासों को सशक्त कर सकेंगे। उन्होंने कहाकि आज हमने अंतरिक्ष और परमाणु प्रौद्योगिकी को जनकल्याण केलिए इस्तेमाल करने पर बल दिया, इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ठोस पहलों की पहचान करते हुए हमने आगे बढ़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहाकि आज हमने कई वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया एवं हिंद महासागर से जुड़े हुए देशों के रूपमें हमने समुद्री सुरक्षा, समुद्री डकैती, मादक पदार्थों की तस्करी जैसी चुनौतियों का सामना करने केलिए आपसी समन्वय बढ़ाने पर बल दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि इंडो-पेसिफिक में सभी प्रयासों में हम तंज़ानिया को एक बहुमूल्य पार्टनर के रूपमें देखते है। उन्होंने कहाकि भारत और तंज़ानिया एकमत हैंकि आतंकवाद मानवता केलिए सबसे गंभीर सुरक्षा खतरा है, इस संबंध मे हमने आतंकवाद के मुकाबले के क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ाने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहाकि हमारे संबंधों की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हमारे मज़बूत और सदियों पुराने लोगों से लोगों केबीच संबंध हैं, गुजरात के मांडवी पोर्ट और ज़ान्ज़िबार केबीच दो हज़ार साल पहले व्यापार किया जाता था। उन्होंने कहाकि भारत की सिदी जनजाति की उत्पत्ति ईस्ट अफ्रीका के ज़ान्ज़ तट पर हुई है और आजभी बड़ी मात्रा में भारत के लोग तंज़ानिया को अपना दूसरा घर मानते हैं एवं उनकी देखरेख केलिए तंज़ानिया से मिल रहे समर्थन केलिए राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन को हृदय से आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि योग केसाथ कबड्डी और क्रिकेट की लोकप्रियता भी तंज़ानिया में बढ़ रही है और हम दोनों देशों के लोगों केबीच आपसी नजदीकियां बढ़ाने के प्रयास जारी रखेंगे।