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Wednesday 11 October 2023 11:19:47 AM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एशियाई खेल 2022 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले भारतीय एथलीटों के दल का मेजर ध्यानचंद स्टेडियम नई दिल्ली में जोरदार स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने इस वर्ष के एशियाई खेलों केलिए चुने गए '100 पार' के नारे का जिक्र करते हुए कहाकि देश को आप सभी खिलाड़ियों पर बहुत भरोसा है और विश्वास हैकि अगले आयोजन में यह रिकॉर्ड और भी आगे जाएगा। उन्होंने कहाकि पेरिस ओलंपिक नजदीक है, इसलिए उसका ध्यान रखते हुए लगन से तैयारी करने की जरूरत है। उन्होंने उन सभीको सांत्वना दी, जिन्हें इसबार सफलता नहीं मिली, उन्हें सुझाव दियाकि वे अपनी गलतियों से सीखें और नए सिरे से प्रयास करें। नरेंद्र मोदी ने 22 अक्टूबर से शुरू होने वाले पैरा एशियाई खेलों के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। गौरतलब हैकि भारत ने एशियाई खेलों 2022 में 28 स्वर्ण पदक सहित 107 पदक जीते हैं, जिससे यह महाद्वीपीय मल्टीस्पोर्ट आयोजन में जीतेगए पदकों की कुल संख्या के मामले में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एथलीटों को संबोधित करते हुए प्रत्येक नागरिक की ओरसे उनका स्वागत किया और उनकी सफलता केलिए उन्हें बधाई दी। प्रधानमंत्री ने याद करते हुए कहाकि यह एक सुखद संयोग हैकि एशियाई खेलों का शुभारंभ 1951 में इसी स्टेडियम में हुआ था। प्रधानमंत्री ने कहाकि एथलीटों के साहस और दृढ़ संकल्प ने देश के हर कोने को एक जश्न के माहौल में बदल दिया है, 100 से अधिक पदकों के लक्ष्य को हासिल करने पर पूरा देश गर्व की भावना का अनुभव कर रहा है। उन्होंने कोचों और प्रशिक्षकों कोभी उनके योगदान केलिए बधाई दी और फिजियो और अधिकारियों की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने एथलीटों के माता-पिता को नमन किया एवं परिजनों के योगदान और बलिदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि प्रशिक्षण मैदान से मंच तक माता-पिता के समर्थन के बिना यह यात्रा असंभव है। प्रधानमंत्री ने एथलीटों से कहाकि उन्होंने इतिहास रचा है, उनके प्रयासों से कई दशकों का इंतजार खत्म हुआ, इस एशियन गेम्स के आंकड़े भारत की सफलता के गवाह हैं, एशियाई खेलों में यह भारत का अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है और यह व्यक्तिगत संतुष्टि की बात हैकि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबतक की सबसे अधिक पदक तालिका के बारेमें चर्चा करते हुए निशानेबाजी, तीरंदाजी, स्क्वैश, रोइंग, महिला मुक्केबाजी में अबतक के सबसे अधिक पदक और महिला और पुरुष क्रिकेट स्पर्धाओं, स्क्वैश मिश्रित युगल में पहले स्वर्ण पदक का जिक्र किया। उन्होंने लंबे समय केबाद कुछ स्पर्धाओं में पदक हासिल करने के महत्व पर जोर दिया, उदाहरण केलिए महिला शॉटपुट (72 वर्ष), 4x4 100 मीटर (61 वर्ष), घुड़सवारी (41 वर्ष) और पुरुष बैडमिंटन (40 वर्ष)। प्रधानमंत्री ने इस कैनवास के विस्तार के बारेमें चर्चा की, क्योंकि भारत ने लगभग सभी खेलों में पदक जीते, जिनमें देश ने भाग लिया, कम से कम 20 इवेंट ऐसे थे, जहां भारत कभी पोडियम फिनिश नहीं कर पाया था। प्रधानमंत्री ने कहाकि आपने न सिर्फ एक खाता खोला, बल्कि एक ऐसी राह खोली, जो युवाओं की एक पीढ़ी को प्रेरित करेगी, यह एशियाई खेलों से आगे बढ़ेगा और ओलंपिक की ओर हमारे मार्च को नया आत्मविश्वास देगा। प्रधानमंत्री ने महिला एथलीटों के योगदान पर गर्व व्यक्त करते हुए कहाकि यह भारत की बेटियों की क्षमताओं को उजागर करता है, जीते गए पदकों में से आधे से अधिक महिला एथलीटों ने हासिल किए और यह महिला क्रिकेट टीम ही थी, जिसने सफलताओं का सिलसिला शुरू किया।
प्रधानमंत्री ने कहाकि बॉक्सिंग में सबसे ज्यादा पदक महिलाओं ने जीते हैं। उन्होंने प्रभावशाली प्रदर्शन केलिए महिला एथलेटिक्स टीम कीभी सराहना करते हुए कहाकि भारत की बेटियां ट्रैक और फील्ड इवेंट में नंबर वन से कम में मानने को तैयार नहीं हैं, यह नए भारत की भावना और शक्ति है। प्रधानमंत्री ने कहाकि नया भारत अंतिम क्षण तक और विजेताओं का फैसला होने तक हार नहीं मानता। उन्होंने कहाकि नया भारत हरबार अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत में प्रतिभा की कभी कमी नहीं थी और एथलीटों ने अतीत में अच्छा प्रदर्शन किया था, हालांकि कई चुनौतियों के कारण हम पदक के मामले में पिछड़ गए। उन्होंने 2014 केबाद किए गए आधुनिकीकरण और परिवर्तनकारी प्रयासों के बारेमें विस्तार से बताया। उन्होंने कहाकि एथलीटों को सर्वोत्तम प्रशिक्षण सुविधाएं देना, राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय एक्सपोजर देना, चयन में पारदर्शिता सुनिश्चित करना और ग्रामीण क्षेत्रों से प्रतिभा को अधिकतम अवसर प्रदान करना हमारा प्रयास है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि खेल बजट को 9 साल पहले की तुलना में तीन गुना बढ़ाया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह याद करते हुएकि खेलो गुजरात ने कैसे राज्य की खेल संस्कृति को बदल दिया कहाकि हमारी टॉप्स और खेलो इंडिया योजनाएं गेम चेंजर साबित हुई हैं। उन्होंने कहाकि एशियाड दल के लगभग 125 एथलीट खेलो इंडिया अभियान की देन हैं, जिनमें से 40 से अधिक ने पदक जीते हैं, इतने सारे खेलो इंडिया एथलीटों की सफलता अभियान की सही दिशा दिखाती है। उन्होंने बतायाकि खेलो इंडिया के तहत 3000 से अधिक एथलीटों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, इन खिलाड़ियों को हर साल 6 लाख रुपये से ज्यादा की स्कॉलरशिप मिल रही है। योजना केतहत अबतक लगभग 2.5 हजार करोड़ रुपये की सहायता एथलीटों को दीजा चुकी है। प्रधानमंत्री ने एथलीटों को विश्वास दिलायाकि पैसे की कमी उनके प्रयासों में कभी बाधा नहीं बनेगी, सरकार अगले पांच साल में उनके और खेल पर 3 हजार करोड़ रुपये और खर्च करने जा रही है और देश के हर कोने में उनके लिएही आधुनिक खेल बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने पदक विजेताओं में युवा एथलीटों की मौजूदगी पर खुशी जताते हुए कहाकि यह एक खेल राष्ट्र की निशानी है, ये नए युवा विजेता लंबे समय तक देश केलिए शानदार प्रदर्शन करेंगे, युवा भारत की नई सोच अब केवल अच्छे प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं है, बल्कि वह पदक और जीत चाहती है।
प्रधानमंत्री ने युवा पीढ़ी केबीच आम भाषा का जिक्र करते हुए कहाकि देश केलिए वे सर्वकालिक शिखर पर हैं, उनका जुनून, समर्पण और बचपन की कहानियां हर किसी केलिए प्रेरणा हैं। प्रधानमंत्री ने एथलीटों का अधिक युवाओं केसाथ जुड़कर इस सकारात्मक ऊर्जा का अच्छा उपयोग करने पर जोर दिया। एथलीटों को स्कूलों का दौरा करने और बच्चों केसाथ बातचीत करने के सुझाव को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि एथलीट युवाओं में नशीली दवाओं की बुराइयों के बारेमें जागरुकता बढ़ाएं। उन्होंने कहाकि देश नशीली दवाओं के खिलाफ एक निर्णायक युद्ध लड़ रहा है और उन्होंने खिलाड़ियों से कहाकि जबभी उन्हें मौका मिले वे नशीली दवाओं और हानिकारक दवाओं की बुराइयों के बारेमें बात करें। उन्होंने उनसे नशीली दवाओं के खिलाफ युद्ध को मजबूत करने और नशामुक्त भारत के मिशन को बढ़ावा देने केलिए आगे आने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने फिटनेस केलिए सुपर फूड्स के महत्व पर भी प्रकाश डाला और एथलीटों से देश के बच्चों केबीच पौष्टिक भोजन को प्राथमिकता देने के बारेमें जागरुकता बढ़ाने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एथलीटों से कहाकि वे बच्चों से जुड़ें और सही खान-पान की आदतों के बारेमें उनसे बात करें, वे श्रीअन्न आंदोलन और पोषण मिशन में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने खेल क्षेत्र में सफलताओं को राष्ट्रीय सफलताओं के बड़े कैनवास से जोड़ा। उन्होंने एथलीटों से कहाकि जब भारत विश्व मंच पर महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर रहा है तो आपने खेल के क्षेत्र में भी इसका प्रदर्शन किया है, आज जब भारत दुनिया की शीर्ष-3 अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है तो इसका सीधा लाभ हमारे युवाओं को मिलता है। उन्होंने अंतरिक्ष, स्टार्टअप, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और उद्यमिता में समान सफलताओं के बारेमें भी बताया। उन्होंने कहाकि भारत की युवा क्षमता हर क्षेत्र में दिखाई देती है। केंद्रीय युवा एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, एशियाई खेलों केलिए भारतीय एथलीट, उनके कोच, भारतीय ओलंपिक संघ के अधिकारी, राष्ट्रीय ओलंपिक संघ के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।