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कश्मीर के युवाओं पर हमें गर्व-राष्ट्रपति

'आइए हम अंधकार से प्रकाश की ओर चलें' आदर्श वाक्य

कश्मीर विश्वविद्यालय के बीसवें दीक्षांत समारोह में संबोधन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 11 October 2023 05:25:28 PM

president at the convocation ceremony of kashmir university

श्रीनगर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज कश्मीर विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया और संबोधित किया। राष्ट्रपति ने कहाकि देश को कश्मीर के युवाओं पर गर्व है। उन्होंने कश्मीर विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से अपनी शिक्षा केसाथ-साथ समाजसेवा मेंभी सक्रिय रूपसे भाग लेने की अपील की। उन्होंने कहाकि ऐसा करके वे सामाजिक बदलाव ला सकते हैं और एक मिसाल कायम कर सकते हैं। राष्ट्रपति को प्रसन्नता हुईकि कश्मीर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र-छात्राओं ने देशसेवा करके इस विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाया है। राष्ट्रपति ने छात्र-छात्राओं से कहाकि उनकी यूनिवर्सिटी के प्रतीक में आदर्श वाक्य भी लिखा हुआ है, उसमें एक तरफ उपनिषद के तीन शब्द हैं और दूसरी तरफ कुरान-ए-शरीफ की आयत का एक हिस्सा है, उन दोनों का मतलब एक ही है-हम अंधकार से प्रकाश की ओर चलें, ज़ुलमात या अंधेरों से नूर या रोशनी की ओर चलें। इन अमर संदेशों में सबक भी है और दुआ भी, शिक्षा भी है और प्रार्थना भी। तालीम की रोशनी की ओर, अमन-चैन के उजाले की ओर हमारे नौजवान जितना आगे बढ़ेंगे, उतना ही आगे हमारा देश बढ़ेगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को खुशी हुईकि कश्मीर विश्वविद्यालय में 55 प्रतिशत छात्राएं हैं और कहाकि वे हमारे देश और उसकी नियति की तस्वीर पेश करती हैं, महिलाएं और लड़कियां देश के नेतृत्व में बड़ी एवं अनुकरणीय भूमिका निभाती आई हैं और निभा रही हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 हमारे देश में महिला नेतृत्व वाले विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा। सतत विकास की चर्चा करते हुए राष्ट्रपति ने कहाकि सतत विकास की सीख कश्मीर की विरासत का हिस्सा है। उन्होंने एक कहावत का संदर्भ दिया, जिसका अर्थ हैकि 'जब तक जंगल हैं तभीतक भोजन रहेगा' और कहाकि पृथ्वी पर इस स्वर्ग को संरक्षित करना हम सभीका उत्तरदायित्व है। उन्होंने कश्मीर विश्वविद्यालय से हिमालय के ईको-सिस्टम के संरक्षण केप्रति सतर्क रहने की अपील की। राष्ट्रपति को जानकारी दी गईकि ग्लेशियोलॉजी, जैवविविधता संरक्षण और हिमालयन आइसकोर प्रयोगशाला से संबंधित कार्य विभिन्न चरणों में हैं और विश्वास व्यक्त कियाकि विश्वविद्यालय ऐसे सभी क्षेत्रों में तीव्र गति से कार्य करेगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान प्रणालियों पर बल दिया गया है, यदि हमारे युवाओं को भारतीय ज्ञान प्रणालियों के बारे में अच्छी जानकारी दी जाए तो उन्हें कई प्रेरक उदाहरण मिलेंगे। उन्होंने उल्लेख कियाकि लगभग 1200 वर्ष पूर्व श्रीनगर शहर को झेलम की बाढ़ से बचाने केलिए एक विशेषज्ञ सुय्या ने जो कार्य किया, उसे हाइड्रोलिक इंजीनियरिंग कहा जा सकता है। उन्होंने कहाकि हमारे देश में ज्ञान-विज्ञान के हर क्षेत्र में अमूल्य खजाना है, आजकी परिस्थितियों में ऐसी जैविक रूपसे विकसित ज्ञान प्रणालियों के पुन: उपयोग के तरीकों की खोज करना शिक्षा क्षेत्र की जिम्मेदारी है। राष्ट्रपति ने कहाकि कश्मीर यूनिवर्सिटी के मशहूर विद्यार्थियों में गुलाम नबी आज़ाद को पद्मभूषण, प्रोफेसर चमन लाल सप्रू और प्रोफेसर केएन पंडिता को पद्मश्री से नवाजा गया है। राष्ट्रपति ने जिक्र कियाकि इस यूनिवर्सिटी के तीन एनएसएस स्वयंसेवक छात्रों ने 2023 के गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया था, जिककी मैं तारीफ करती हूं, उनमें से एक छात्र किफ़ायतुल्ला मलिक को 29 सितंबर को राष्ट्रपति भवन में एनएसएस पुरस्कार प्रदान किया गया था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि समाजसेवा के जरिए लोगों की मदद करने वाले ऐसे नौजवानों की जितनी भी तारीफ की जाए वह कम है। उन्होंने कहाकि उन्हें कश्मीर यूनिवर्सिटी की ब्रेन गेन पहल ने प्रभावित किया है, उन्हें बताया गया हैकि विदेशों में बहुत अच्छी यूनिवर्सिटी में काम कर रहे वैज्ञानिकों को कश्मीर विश्वविद्यालय में रामानुजन फेलो, रामलिंगास्वामी फेलो और इंस्पायर फैकल्टी फेलो के रूपमें और सहायक प्रोफेसर या वैज्ञानिक के रूपमें चुना गया है, उनकी बराबरी के ओहदों पर काम करने के मौके दिए गए हैं, ऐसे 11 शोध छात्र यहां कार्यरत हैं। उन्होंने कहाकि चंद्रयान मिशन के जरिए कम लागत पर उच्च विज्ञान की शानदार मिसाल पेश करने वाले हमारे देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अच्छा काम करने के अवसर बढ़ते रहेंगे।

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