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Sunday 15 October 2023 02:46:27 PM
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में 141वें अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति सत्र के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा हैकि यह सत्र खेल से संबंधित विभिन्न हितधारकों केबीच वार्तालाप और ज्ञान साझा करने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने 40 वर्ष केबाद भारत में हो रहे इस सत्र के महत्व का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत की यह खेल विरासत संपूर्ण दुनिया की है और खेल में किसी की हार नहीं होती है, केवल विजेता और सीखने वाले होते हैं, खेल की भाषा और भावना सार्वभौमिक है, खेल महज प्रतिस्पर्धा नहीं है, खेल मानवता को विस्तार करने का अवसर प्रदान करता है, यही कारण हैकि रिकॉर्ड विश्वस्तर पर बनाए जाते हैं। उन्होंने अहमदाबाद में विश्व के सबसे बड़े स्टेडियम में दर्शकों के उत्साहपूर्ण जयघोष केबीच क्रिकेट विश्वकप में भारत की जीत पर भी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहाकि मैं भारतीय टीम और प्रत्येक भारतीय को इस ऐतिहासिक जीत पर बधाई देता हूं। प्रधानमंत्री ने कहाकि खेल भारत की संस्कृति और जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण अंग है, जब हम भारत के गांवों की यात्रा करते हैं तो देखते हैंकि कोईभी त्योहार खेल के बिना अधूरा रहता है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारतीय न सिर्फ खेल प्रेमी हैं, बल्कि इसे आत्मसात भी करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि खेल संस्कृति भारत के हजारों वर्ष पुराने इतिहास में परिलक्षित होती है, चाहे सिंधु घाटी सभ्यता हो, वैदिककाल हो या उसके बाद का युग, भारत की खेल विरासत बहुत समृद्ध है। उन्होंने कहाकि खेल सिर्फ मेडल जीतने का ही नहीं, बल्कि दिल जीतने का माध्यम है, खेल सभी केलिए है, यह न केवल चैंपियन तैयार करता है, बल्कि शांति, प्रगति और कल्याण कोभी बढ़ावा देता है, इसलिए खेल दुनिया को एकजुट करने का एक और माध्यम है। प्रधानमंत्री ने जानकारी देते हुए कहाकि हजारों वर्ष पहले लिखे गए ग्रंथों में घुड़सवारी, तैराकी, तीरंदाजी कुश्ती आदि खेलों सहित 64 विधाओं में पारंगत होने का उल्लेख किया गया है और उनमें पारंगत होने पर बल भी दिया गया है। उन्होंने कहाकि तीरंदाजी के खेल को सीखने केलिए एक 'धनुर वेद संहिता' यानी तीरंदाजी केलिए एक संहिता प्रकाशित की गई थी, जिसमें धनुषवाण, चक्र, भाला, तलवारबाजी, खंजर, गदा और कुश्ती जैसे 7 अनिवार्य कौशलों का उल्लेख किया गया है। प्रधानमंत्री ने भारत की इस प्राचीन खेल विरासत का वैज्ञानिक प्रमाण प्रस्तुत किया। उन्होंने धोलावीरा यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का उल्लेख किया और 5000 वर्ष पुराने इस नगर की शहरी योजना में खेल के बुनियादी ढांचे के संदर्भ में भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री ने कहाकि खुदाई में दो स्टेडियम मिले हैं, उनमें से एक उस समय का दुनिया का सबसे पुराना और बड़ा स्टेडियम था, इसी तरह राखीगढ़ी में खेल-कूद से जुड़ी संरचनाएं मिली हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि खेल वसुधैव कुटुंबकम् एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की भावना कोभी मजबूत करता है। प्रधानमंत्री ने भारत में खेलों के विकास केलिए हाल के उपायों को भी सूचीबद्ध किया। उन्होंने खेलो इंडिया गेम्स, खेलो इंडिया यूथ गेम्स, खेलो इंडिया विंटर गेम्स, संसद सदस्य खेल प्रतियोगिताओं और आगामी खेलो इंडिया पैरा गेम्स का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि हम भारत में खेलों में समावेशिता और विविधता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने खेल की दुनिया में भारत के शानदार प्रदर्शन के लिए सरकार के प्रयासों को इसका श्रेय दिया। उन्होंने ओलंपिक के पिछले संस्करण में कई एथलीटों के शानदार प्रदर्शन का भी स्मरण किया और हालही में संपन्न एशियाई खेलों में भारत के अबतक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और विश्व विश्वविद्यालय खेलों में भारत के युवा एथलीटों के नए रिकॉर्ड का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि सकारात्मक बदलाव भारत में खेलों के तेजी से बदलते परिदृश्य का संकेत हैं।
प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत ने वैश्विक खेल टूर्नामेंट आयोजित करने में अपनी क्षमता को सफलतापूर्वक सिद्ध किया है। उन्होंने शतरंज ओलंपियाड टूर्नामेंट, जो 186 देशों का साक्षी बना, फुटबॉल अंडर-17 महिला विश्व कप, हॉकी विश्व कप, महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप, शूटिंग विश्व कप और वर्तमान क्रिकेट विश्व कप जैसे वैश्विक टूर्नामेंटों का उल्लेख किया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि देश हर वर्ष दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग का आयोजन करता है और आईओसी कार्यकारी बोर्ड ने ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने की सिफारिश की है एवं विश्वास जताया हैकि इन सिफारिशों को स्वीकार कर लिया जाएगा। वैश्विक कार्यक्रम को भारत केलिए दुनिया के स्वागत करने का एक अवसर बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत अपनी तेजीसे बढ़ती अर्थव्यवस्था और बेहतर तरीके से विकसित बुनियादी ढांचे के कारण वैश्विक कार्यक्रमों की मेजबानी केलिए तैयार हैं। उन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन का उदाहरण देते हुए कहाकि इसके अंतर्गत देश के 60 से अधिक शहरों में कार्यक्रम आयोजित किए गए और यह हर क्षेत्र में भारत की आयोजन क्षमता का प्रमाण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत के 140 करोड़ नागरिकों का विश्वास ही इनका आधार बना है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत देश में ओलंपिक की मेजबानी करने केप्रति आशांवित है, भारत 2036 में ओलंपिक के सफल आयोजन की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ेगा और यह 140 करोड़ भारतीयों का सपना है। उन्होंने कहाकि देश सभी हितधारकों के सहयोग से इस सपने को पूरा करना चाहता है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत वर्ष 2029 में होने वाले युवा ओलंपिक की मेजबानी केलिए भी उत्सुक है और उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि आईओसी भारत को अपना समर्थन देना जारी रखेगा। प्रधानमंत्री ने एकबार फिर प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए सत्र के शुभारंभ की घोषणा की। इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाख और अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की सदस्य नीता अंबानी, भारतीय खेल हस्तियां और भारतीय ओलंपिक संघ सहित विभिन्न खेल महासंघों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।