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भारत में निवेशकों के लिए शानदार अवसर-मोदी

मुंबई में ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट-2023 का उद्घाटन किया

वैश्विक व्यापार में समुद्री मार्गों की भूमिका उल्लेखनीय बताई

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 17 October 2023 04:43:17 PM

global maritime india summit-2023 inaugurated in mumbai

मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट 2023 के तीसरे संस्करण का मुंबई में वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया और कहाकि यह शिखर सम्मेलन देश के समुद्री क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने केलिए एक उत्कृष्ट मंच है। उन्होंने ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट में आए महानुभावों का स्वागत किया और कहाकि ऐसे समय में जब भारत 2047 तक विकसित भारत बनने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, यह उनके लिए एक सुनहरा अवसर है, इसके साथही दुनियाभर के निवेशकों को भारत आने और भारत के विकासपथ में शामिल होने केलिए निमंत्रण दिया। उन्होंने कहाकि भारत में विशाल समुद्र तट, मजबूत नदी परितंत्र और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत हैं, जो समुद्री पर्यटन केलिए नई संभावनाएं पैदा करती हैं। उन्होंने भारत में लगभग 5 हजार साल पुरानी विश्व धरोहर लोथल डॉकयार्ड का जिक्र किया और इसे 'नौवहन का पालना' कहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बतायाकि इस विश्व धरोहर को संरक्षित करने केलिए मुंबई केपास लोथल में एक राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर बनाया जा रहा है, साथही उन्होंने इसके पूरा होने पर नागरिकों से इसे देखने का आग्रह भी किया। उन्होंने भारत में समुद्री पर्यटन को बढ़ावा देने केलिए दुनिया की सबसे लंबी नदी क्रूज सेवा का उल्लेख किया। उन्होंने मुंबई में बनने वाले अंतर्राष्ट्रीय क्रूज़ टर्मिनल और विशाखापत्तनम तथा चेन्नई में आधुनिक क्रूज़ टर्मिनलों के बारेमें जानकारी दी। उन्होंने कहाकि भारत अपने अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे की बदौलत वैश्विक क्रूज केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने 'अमृतकाल विजन 2047' का भी अनावरण किया, जो भारतीय समुद्री क्षेत्र केलिए नीली अर्थव्यवस्था की मूल योजना है। प्रधानमंत्री ने इस भविष्यवादी योजना के अनुरूप 23000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की हैं। उन्होंने 2021 में शिखर सम्मेलन को याद करते हुए कहाकि उस वक्त दुनिया कोविड महामारी की अनिश्चितताओं से जूझ रही थी, आज एक नई विश्व व्यवस्था आकार ले रही है और बदलती विश्व व्यवस्था में दुनिया नई उम्मीदों केसाथ भारत की ओर देख रही है।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि आर्थिक संकट से जूझ रही दुनिया में भारत की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है और वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की शीर्ष 3 अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन जाएगा। वैश्विक व्यापार में समुद्री मार्गों की भूमिका को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कोरोना केबाद की दुनिया में एक विश्वसनीय वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की आवश्यकता पर जोर दिया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि इतिहास गवाह हैकि भारत की समुद्री क्षमताओं से हमेशा दुनिया को फायदा हुआ है और कुछ वर्षों में इस क्षेत्र को मजबूत करने केलिए उठाए गए व्यवस्थित कदमों को सूचीबद्ध किया। उन्होंने प्रस्तावित भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे पर ऐतिहासिक जी20 सर्वसम्मति के परिवर्तनकारी प्रभाव को रेखांकित किया। उन्होंने कहाकि जैसे अतीत के सिल्क रूट ने कई देशों की अर्थव्यवस्था बदल दी, वैसेही यह गलियारा भी वैश्विक व्यापार की तस्वीर बदल देगा, इसके तहत अगली पीढ़ी के बड़े बंदरगाह, इंटरनेशनल कंटेनर ट्रांस शिपमेंट पोर्ट, द्वीप विकास, अंतर्देशीय जलमार्ग एवं मल्टीमॉडल हब जैसे कार्य किए जाएंगे, जिससे व्यावसायिक लागत और पर्यावरण को क्रमिक नुकसान में कमी आएगी एवं इससे लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार होगा तथा रोज़गार सृजित होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि निवेशकों केपास इस अभियान का हिस्सा बनने और भारत से जुड़ने का एक शानदार अवसर है। उन्होंने दोहरायाकि आज का भारत अगले 25 वर्ष में एक विकसित राष्ट्र बनने के संकल्प को पूरा करने केलिए काम कररहा है और सरकार हर क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। उन्होंने भारत के समुद्री क्षेत्र को मजबूत करने केलिए किए गए कार्यों का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने बतायाकि बीते दशक में भारत में प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हो गई है और बड़े जहाजों केलिए जहाज पर से माल उतारने एवं लादने का समय 2014 में 42 घंटे की तुलना में अब 24 घंटे से भी कम हो गया है। उन्होंने बंदरगाह से कनेक्टिविटी बढ़ाने केलिए नई सड़कों के निर्माण का भी उल्लेख किया और तटीय बुनियादी ढांचे को मजबूत करने केलिए सागरमाला परियोजना की चर्चा की। उन्होंने कहाकि इन प्रयासों से रोज़गार के अवसर और जीवन की सुगमता कई गुना बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि सरकार का 'समृद्धि केलिए बंदरगाह और प्रगति केलिए बंदरगाह' का विज़न जमीनी स्तर पर क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि 'उत्पादकता केलिए बंदरगाह' के मंत्र कोभी प्रोत्साहित किया जा रहा है। नरेंद्र मोदी ने बतायाकि सरकार लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को अधिक कुशल और प्रभावी बनाकर आर्थिक उत्पादकता बढ़ाने केलिए बड़े कदम उठा रही है, भारत में तटीय शिपिंग मोड का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। उन्होंने बतायाकि तटीय कार्गो यातायात दोगुना हो गया है, जिससे लोगों को लागत प्रभावी लॉजिस्टिक विकल्प मिल रहा है। भारत में अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहाकि राष्ट्रीय जलमार्गों की कार्गो हैंडलिंग में चार गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने बीते 9 साल में लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स में भारत के सुधार का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने जहाज निर्माण और मरम्मत क्षेत्र में सरकार के फोकस का जिक्र किया और कहाकि स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत भारत की क्षमता का प्रमाण है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत अगले दशक में शीर्ष पांच जहाज निर्माण देशों में से एक बनने जा रहा है, हमारा मंत्र 'मेक इन इंडिया-मेक फॉर द वर्ल्ड' है। उन्होंने बतायाकि सरकार समुद्री समूहों के माध्यम से इस क्षेत्र के हितधारकों को एकसाथ लाने केलिए काम कर रही है, कई स्थानों पर जहाज निर्माण एवं मरम्मत केंद्र विकसित किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि जहाज रीसाइक्लिंग के क्षेत्र में भारत पहले से ही दूसरे स्थान पर है। उन्होंने इस क्षेत्र केलिए नेट जीरो रणनीति से भारत के प्रमुख बंदरगाहों को कार्बनमुक्‍त बनाने के प्रयास के बारेमें जानकारी दी। उन्‍होंने कहाकि 'हम ऐसे भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं, जहां हरित धरती का माध्यम नीली अर्थव्यवस्था होगी। प्रधानमंत्री ने बतायाकि समुद्री क्षेत्र के बड़े खिलाड़ियों को देश में प्रवेश करने केलिए भारत में काम चल रहा है। उन्होंने अहमदाबाद में गिफ्ट सिटी का उल्लेख किया, जिसने एकही समय में छूट की पेशकश करते हुए एक वित्तीय सेवा के रूपमें जहाज पट्टे की शुरुआत की है। नरेंद्र मोदी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त कीकि दुनिया की 4 वैश्विक जहाज पट्टे देने वाली कंपनियों ने भी गिफ्ट आईएफएससी केसाथ पंजीकरण कराया है। उन्होंने इस शिखर सम्मेलन में उपस्थित जहाज पट्टे देने वाली कंपनियों सेभी गिफ्ट आईएफएससी में शामिल होने का आह्वान किया। इस अवसर पर केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी उपस्थित थे।

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