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युद्धपोत इम्फाल नौसेना सेवा के लिए तैयार

विध्वंसक स्वदेशी पनडुब्बीरोधी हथियारों और सेंसरों से सुसज्जित

मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने तीसरा स्टील्थ डिस्ट्रॉयर सौंपा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 20 October 2023 05:04:54 PM

warship imphal ready for naval service

मुंबई। भारतीय नौसेना को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने प्रोजेक्ट 15बी क्लास गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर यानी यार्ड 12706 इम्फाल तीसरा स्टील्थ डिस्ट्रॉयर सौंप दिया है। इस संदर्भ में स्वीकृति दस्तावेज़ पर एमडीएल के अध्यक्ष एवं एएमपी और प्रबंध निदेशक संजीव सिंघल, एवीएसएम, एनएम, सीएसओ (टेक) आरएडीएम संजय साधु ने एमडीएल में कमांडिंग ऑफिसर (नामित) कैप्टन केके चौधरी, एमडीएल निदेशक, डब्ल्यूओटी (एमबी) और नौसेना कर्मियों की उपस्थिति में हस्‍ताक्षर किए। इस युद्धपोत का निर्माण स्वदेशी स्टील डीएमआर 249 ए का उपयोग करके किया गया है और यह भारत में निर्मित सबसे बड़े विध्वंसक युद्धपोतों में से एक है, जिसकी लंबाई 164 मीटर है और इसका विस्थापन 7500 टन से अधिक है।
शक्तिशाली युद्धपोत इम्फाल समुद्री युद्ध के पूर्ण दायरे को शामिल करते हुए विभिन्न प्रकार के कार्यों और मिशनों को पूरा करने में सक्षम है। यह सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक 'ब्रह्मोस' मिसाइलों और मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली 'बराक-8' मिसाइलों से लैस है। यह युद्धपोत समुद्र के भीतर युद्ध क्षमता केलिए विध्वंसक स्वदेशी रूपसे विकसित पनडुब्बीरोधी हथियारों और सेंसरों से सुसज्जित है, जिनमें प्रमुख रूपसे सोनार हम्सा एनजी, भारी वजन वाले टॉरपीडो ट्यूब लॉंचर और एएसडब्ल्यू रॉकेट लॉंचर शामिल हैं। यह युद्धपोत नौसेना की सूची में शामिल विध्वंसकों और फ्रिगेट्स की पिछली श्रेणियों की तुलना में महत्वपूर्ण रूपसे अधिक बहुआयामी है और इम्फाल की चौतरफा क्षमता इसे सहायक जहाजों के बिना स्वतंत्र रूपसे संचालित करते हुए दुश्मन की पनडुब्बियों, सतह के युद्धपोतों, एंटीशिप मिसाइलों और लड़ाकू विमानों के खिलाफ सक्षम बनाती है, साथही यह एक नौसेना टास्क फोर्स के तौरपर प्रमुख कार्य करने में भी सक्षम है।
इम्फाल को अनुबंधित समय से चार महीने से अधिक समय पहले ही अबतक के सबसे युद्ध सक्षम युद्धपोत के रूपमें भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया है। यह निरंतर सुधार और वैश्विक बेंचमार्क से आगे बढ़ने केप्रति एमडीएल की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि करता है। इस युद्धपोत ने सीएसटी में सभी समुद्री परीक्षणों को पूर्ण किया है, जिसमें पहले सीएसटी में प्रमुख महत्वपूर्ण हथियारों की गोलीबारी भी शामिल है। यह युद्धपोत उन सभी पी15बी जहाजों में प्रथम है, जिसे ज़मीन पर हमले में सक्षम होने केसाथ-साथ लंबी दूरी की दोहरी भूमिका की क्षमता रखने वाली उन्नत ब्रह्मोस मिसाइलों से सुसज्जित किया जाएगा, इसके अलावा इम्फाल पहला नौसेना युद्धपोत है, जिसपर महिला अधिकारी और नाविकों की तैनाती केसाथ कार्यांवित किया जा रहा है। इस युद्धपोत में 312 कार्मिकों का दल रह सकता है, इसकी क्षमता 4000 समुद्री मील है और यह युद्धपोत क्षेत्र से बाहर विस्तारित मिशन समय केसाथ सामान्य 42 दिनों के मिशन को अंजाम दे सकता है।
युद्धपोत अपनी पहुंच को और बढ़ाने केलिए दो हेलीकॉप्टरों से सुसज्जित है। युद्धपोत को एक शक्तिशाली संयुक्त गैस और गैस प्रोपल्शन प्लांट से संचालित किया जाता है, जिसमें चार प्रतिवर्ती गैस टर्बाइन शामिल हैं, जो उसे 30 समुद्री मील यानी लगभग 55 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से संचालन करने में सक्षम बनाता है। यह युद्धपोत गीगाबाइट ईथरनेट आधारित शिप डेटा नेटवर्क, कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम, ऑटोमैटिक पावर मैनेजमेंट सिस्टम और इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम जैसे परिष्कृत डिजिटल नेटवर्क केसाथ अत्यंत उच्चस्तरीय स्वचालन में सक्षम है। पी15बी क्लास डिस्ट्रॉयर्स में 72 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है, जोकि उनके पूर्ववर्ती पी15ए में (59प्रतिशत) और पी15 (42 प्रतिशत) क्लास डिस्ट्रॉयर्स से एक पायदान ऊपर है। यह उप विक्रेताओं के एक बड़े इकोसिस्टम विकास केसाथ-साथ आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम में सरकार के केंद्रित लक्ष्य की भी पुष्टि करता है।
पी15बी विशाखापत्तनम का पहला युद्धपोत 21 नवंबर 2021 को संचालित किया गया था। दूसरा युद्धपोत मोरमुगाओ 18 दिसंबर 2022 को संचालित किया गया था। तीसरा युद्धपोत इम्फाल आज भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया है। चौथा युद्धपोत का सूरत में 17 मई 2022 को शुभारंभ किया गया था और यह तैयारी के अग्रिम चरण में है। एमडीएल देश के प्रगतिशील स्वदेशी युद्धपोत और पनडुब्बी निर्माण कार्यक्रम में हमेशा सबसे अग्रणी रहा है। लिएंडर और गोदावरी श्रेणी के फ्रिगेट्स, खुकरी श्रेणी के कार्वेट, मिसाइल नौकाएं, दिल्ली और कोलकाता श्रेणी के विध्वंसक, शिवालिक श्रेणी के स्टेल्थ फ्रिगेट्स, विशाखापत्तनम श्रेणी के विध्वंसक, नीलगिरि श्रेणी के फ्रिगेट्स, एसएसके पनडुब्बियों और इसके अंतर्गत पांच स्कॉर्पीन पनडुब्बी के निर्माण केसाथ आधुनिक एमडीएल का इतिहास राष्ट्र केलिए युद्धपोत और पनडुब्बी निर्माता की उत्कृष्ट उपाधि को अर्जित करते हुए भारत में स्वदेशी युद्धपोत और पनडुब्बी निर्माण के इतिहास को दर्शाता है।

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