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Thursday 26 October 2023 11:46:03 AM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा हैकि भारत और इसकी शैक्षणिक पेशेवर प्रबंध संस्थाओं की छवि धूमिल करने केलिए कुछ ताकतें अफवाहें और झूंठ फैला रही हैं। आईआईटी दिल्ली में उन्होंने शिक्षकों और छात्र-छात्राओं से बातचीत करते हुए आह्वान कियाकि वे ऐसे झूंठ और अफवाहों को निष्प्रभावी करें। उपराष्ट्रपति ने कहाकि आईआईटी सिर्फ उच्चवर्ग के लोगों की आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर रहा है, बल्कि वह ग्रामीण पृष्ठभूमि, साधारण पृष्ठभूमि के छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य के निर्माण का मुख्य केंद्र है, यहां ऐसे लोग हैं, जिन्होंने बड़ी मुश्किल से आईआईटी जैसे वैश्विक शैक्षणिक पेशेवर प्रतिष्ठा प्राप्त प्रतिष्ठानों की स्थापना की है। उन्होंने खेद व्यक्त कियाकि बाहरी दुनिया में इनके बारेमें गलत छाप छोड़ी जारही है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि इन प्रतिष्ठित शिक्षण एवं प्रबंध संस्थानों में प्रवेश करने वाले प्रत्येक छात्र-छात्रा का आधार योग्यता और केवल योग्यता है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आईआईटी को देश और दुनिया को बदलने वाले हथियार के रूपमें स्वीकार करते हुए भारत की विकास यात्रा में आईआईटी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहाकि भारत और दुनिया के प्रमुख संगठनों के नेता गर्व से आईआईटी का चिन्ह और उपाधि ग्रहण करते हैं। उपराष्ट्रपति ने कहाकि अनेक देशों में आईआईटी परिसर को विकसित करने की वैश्विक रुचि आईआईटी दिल्ली की विश्वसनीयता को दर्शाती है, जिसमें मध्यपूर्व भी शामिल है। जगदीप धनखड़ ने कहाकि कुछ विचित्र कारणों से कुछ लोगों को हमारा विकास नहीं पच रहा है, कुछ लोग इस हदतक जा सकते हैं और कह सकते हैंकि पाकिस्तान की भुखमरी का सूचकांक भारत से बेहतर है। जगदीप धनखड़ ने कहाकि उनकी कुछ समस्याएं हैं, जिसका समाधान करने केलिए आईआईटी जैसे संस्थानों को आगे आना चाहिए और यह पता लगाना चाहिएकि उनका पाचन तंत्र इस देश के विकास केलिए इतना नकारात्मक क्यों है, इसके लिए कुछ किया जाना चाहिए।
जगदीप धनखड़ ने छात्र-छात्राओं से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग और ग्रीन एनर्जी जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों पर अपना ध्यान केंद्रित करने केलिए कहा, क्योंकि उन्हें विजन 'भारत 2047' को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ना है, जो सिर्फ एक दृष्टिकोण नहीं है, बल्कि एक वास्तविकता है, जो हमारे सपनों की दुनिया को आगे लेकर जाती है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को बड़े सपने देखने, निर्णायक रूपसे सोचने और कभीभी अनिश्चित न होने केलिए प्रोत्साहित किया। उपराष्ट्रपति ने सतत ऊर्जा स्रोत के रूपमें हरित हाइड्रोजन को अपनाने में तेजी लाने की एक महत्वपूर्ण पहल के रूपमें राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की प्रशंसा की। उन्होंने कहाकि भारत 2030 तक हरित हाइड्रोजन के उत्पादन और निर्यात का वैश्विक केंद्र बन जाएगा, जिससे आठ लाख करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त होगा और छह लाख से ज्यादा नौकरियां उत्पन्न होंगी। जगदीप धनखड़ ने क्वांटम प्रौद्योगिकी के नेतृत्व वाले आर्थिक विकास में तेजी लाने केलिए राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को 'क्वांटम जंप फॉर इंडिया' के रूपमें संदर्भित करते हुए कहाकि 19 अप्रैल 2023 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस परियोजना केलिए 6000 करोड़ रुपये से ज्यादा की मंजूरी दी थी, जो भारत को नवीनतम पारिस्थितिकी तंत्र में एक अग्रणी राष्ट्र के रूपमें स्थापित करेगा।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आर्थिक राष्ट्रवाद के महत्व को हमारे देश के विकास केलिए मौलिक के रूपमें रेखांकित करते हुए कहाकि मूल सिद्धांत यह हैकि हमारा कच्चा माल हमारी सीमाओं के अंदर ही रहना चाहिए। उन्होंने घरेलू स्तरपर मूल्यवर्धन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डालाकि दिन-प्रतिदिन की वस्तुओं के आयात की हमारी प्रथा न केवल हमारे विदेशी मुद्रा भंडार को कम करती है, बल्कि हमारे कार्यबल को संभावित रोज़गार के अवसरों से भी वंचित करती है। उपराष्ट्रपति ने आईआईटी की सराहना करते हुए कहाकि इसने विश्वस्तरीय शिक्षा तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने का काम किया है। देश के युवा दिमाग को उदयमान भारत का अग्रदूत बताते हुए उन्होंने कहाकि ऐसे उज्ज्वल दिमाग में ज्ञान और शिक्षा प्राप्त करने केबाद सामाजिक परिवर्तन लाने की क्षमता विकसित होती है। उपराष्ट्रपति ने आईआईटी दिल्ली में संस्थान के सीनेट सदस्यों से भी बातचीत की। संवाद कार्यक्रम में आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी, संकाय सदस्यों, छात्र-छात्राओं और गणमान्य व्यक्तियों ने भी हिस्सा लिया।