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अमृतकाल का आईपीएस बैच जनसेवा को तैयार!

एसवीपीएन पुलिस अकादमी के दीक्षांत में पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह

महिला प्रशिक्षु अधिकारी को आईपीएस एसोसिएशन का सम्मान

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Friday 27 October 2023 04:07:02 PM

union home minister arrives at the convocation of svpn police academy

हैदराबाद। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी हैदराबाद में 75वें आरआर भारतीय पुलिस सेवा बैच के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। गृहमंत्री ने कहाकि यह दिन 75वें आरआर बैच के प्रशिक्षुओं केलिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे भाग्यशाली अफसर हैं, जो देश की आजादी की शताब्दी के समय भारतीय पुलिस व्यवस्था में कहीं न कहीं शीर्ष नेतृत्व में शामिल होंगे और देश की आंतरिक सुरक्षा उनके हाथों में होगी। उन्होंने कहाकि पुलिस अकादमी के इस अमृत महोत्सव के 75वें बैच का ऐतिहासिक महत्व होगा, इस मौके को अफसर अपने परिश्रम, निष्ठा, बलिदान एवं देश केप्रति समर्पण से ऐतिहासिक बनाएं। अमित शाह ने कहाकि जब ये अधिकारी देश के विभिन्न राज्यों के पुलिस बलों का नेतृत्व कर रहे होंगे, तब हमेशा देश को अभिमान होना चाहिएकि 75वें आरआर बैच के प्रशिक्षुओं ने अपनी 25 साल की सेवा के दौरान देश की आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमृतकाल के संकल्प को पूरा करने की दिशा में 75वें आरआर बैच के प्रशिक्षुओं की अहम भूमिका होगी, जब देश आजादी की शताब्दी मनाएगा, तब देश सभी क्षेत्रों में विश्व का नेतृत्व कर रहा होगा, उसमें इनका भी बहुत बड़ा योगदान होगा।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहाकि सरदार वल्लभभाई पटेल ने इस अकादमी की नींव बहुत सोच समझकर रखी थी, हमें ये हमेशा याद रखना चाहिएकि देश के प्रथम गृहमंत्री और लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत को न केवल एक किया, बल्कि एक रखने केलिए भी कई अनुकरणीय कार्य किए। उन्होंने कहाकि सरदार पटेल ने देश की 550 से अधिक रियासतों का विलयकर एक अखंड भारत का निर्माण तो किया ही, साथही आईपीएस कैडर शुरू करके एक मज़बूत व्यवस्था कीभी शुरूआत की। अमित शाह ने कहाकि राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के बारेमें सरदार पटेल ने कहा थाकि इसके पास पीछे मुड़कर देखने केलिए कुछ नहीं है, लेकिन भावी पीढ़ियों केलिए बहुत कुछ है। गृहमंत्री ने कहाकि जब अकादमी की स्थापना हुई, तब इसका कोई इतिहास नहीं था, लेकिन इन 75 साल में यहां से निकले आईपीएस अफसरों ने देश की आतंरिक और सीमाओं की सुरक्षा को मज़बूत करने केलिए एक उज्ज्वल, बलिदानयुक्त और यशस्वी इतिहास का निर्माण किया है। गृहमंत्री ने कहाकि आज 75वें बैच के प्रशिक्षुओं की जिम्मेदारी हैकि वे इस इतिहास को आगे ले जाएं और इसमें कई स्वर्णिम अध्याय जोड़ें। उन्होंने कहाकि यहां बेसिक कोर्स के प्रशिक्षण में 175 प्रशिक्षुओं में भूटान, मालदीव, मॉरीशस और नेपाल के 20 विदेशी अधिकारी एवं 34 महिला अधिकारी भी शामिल हैं।
गृहमंत्री ने जिक्र कियाकि आनेवाले दिनों में आंतरिक सुरक्षा को संभालने में टेक्नोलॉजी का बहुत अहम रोल रहेगा, इसीलिए पुलिस टेक्नोलॉजी मिशन की स्थापना की गई है, जिसका उद्देश्य भारतीय पुलिस सेवा को टेक्नोलॉजी की दृष्टि से विश्व में सबसे सुसज्ज बनाना, टेक्नोलॉजी का प्रैक्टिकल उपयोग पुलिसिंग और आतंरिक सुरक्षा संभालने में कैसे किया जाए और पुलिस हमेशा तकनीकी रूपसे क्रिमिनल से दो कदम आगे कैसे रह सकती है, ऐसी व्यवस्था तैयार करना है। उन्होंने कहाकि अकादमी के अनुभव और प्रशिक्षण केसाथ जब ये अधिकारी फील्ड में जाएंगे और जनता केसाथ इंटरेक्ट करेंगे, तब इस प्रशिक्षण को प्रेक्टिकल अनुभव केसाथ जोड़कर एक अच्छे अफसर की तरह अपने कर्तव्य का निर्वहन कर सकेंगे। अमित शाह ने कहाकि सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु अधिकारी का अवार्ड एक महिला अधिकारी को मिला है और यह हमारे देश केलिए बहुत गर्व की बात है। अमित शाह ने कहाकि अकादमी के इतिहास में पहलीबार महिला प्रशिक्षु अधिकारी रंजीता शर्मा को आईपीएस एसोसिएशन का स्क्वाड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया है। उन्होंने कहाकि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
गृहमंत्री ने कहाकि अनगिनत बलिदानों और संघर्ष केबाद हमें आजादी मिली है, 1857 से 1947 तक 90 साल के संघर्ष के दौरान लाखों लोगों के बलिदानों से सिंचित होकर आज हम स्वतंत्र देश के रूपमें 75 साल पूरे कर गर्व से दुनिया के सामने खड़े हैं। उन्होंने कहाकि इन 7 दशक से भी अधिक लंबी चुनौतीपूर्ण यात्रा में अनेक पुलिसकर्मियों ने अपना बलिदान दिया है। उन्होंने कहाकि 36500 से ज्यादा पुलिस अधिकारियों और जवानों ने अपने कर्तव्य को सर्वोपरि रखते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है, तब आज हमारा देश गौरव केसाथ दुनिया के सामने खड़ा है और उन 36500 जवानों का बलिदान हमारे लिए प्रेरणास्रोत और पथ प्रदर्शक होना चाहिए। अमित शाह ने कहाकि लंबे समय से देश आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और नक्‍सली हिंसा की आग में झुलस रहा था, लेकिन विगत 10 साल में हमारे बहादुर पुलिसकर्मियों के प्रयासों के कारण हमें इनपर नकेल कसने में सफलता मिली है। उन्होंने कहाकि हमारी चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं और ऑर्गेनाइज्ड क्राइम, साइबर क्राइम, इंटरस्टेट और इंटरनेशनल फाइनेंशियल क्राइम, इंटरस्टेट गैंग्स जैसी कई नई चुनौतियां आज हमारे सामने खड़ी हैं। गृहमंत्री ने कहाकि मादक पदार्थों की तस्करी, क्रिप्टो करेंसी से देश के अर्थतंत्र को कमज़ोर करने, हवाला कारोबार और नकली नोटों के कारोबार जैसी चुनौतियों के खिलाफ भी हमें अपनी लड़ाई इतनी ही शिद्दत से जारी रखनी है।
अमित शाह ने उल्लेख कियाकि देश में अंग्रेजों के शासन के समय के तीन कानून सीआरपीसी, आईपीसी और साक्ष्य अधिनियम में आमूलचूल परिवर्तन कर तीन नए क्रिमिनल लॉ देश की संसद के सामने रखे हैं, जल्द ही तीनों नए कानून पारित हो जाएंगे और इनके आधार पर हमारे नए क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की शुरुआत होगी। उन्होंने कहाकि यह युग परिवर्तन का दौर है और अंग्रेजों के समय के हुए कानूनों के युग को समाप्तकर भारत नए विश्वास, आशा और उमंग केसाथ नए युग में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने कहाकि पुराने कानूनों का उद्देश्य शासन को सुरक्षित रखना था, लेकिन नए कानूनों का उद्देश्य जनता के अधिकारों को सुरक्षित रखना और उन अधिकारों तक जनता की पहुंच में आनेवाली बाधाओं को समाप्त करना है। अमित शाह ने कहाकि इस मूलभूत अंतर केसाथ नए प्रशिक्षु अधिकारियों को इन तीनों कानूनों के माध्यम से क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के युग परिवर्तन के दौर में नेतृत्व करने का मौका मिल रहा है। गृहमंत्री ने कहाकि ज़मीनी स्तर पर इन नए कानूनों को लेटर एंड स्पिरिट में लागू करना इन अधिकारियों की ज़िम्मेदारी है, जिन्हें इन कानूनों की स्पिरिट को समझकर जनता को सुरक्षित भी रखना है और उनके अधिकारों की रक्षा भी करनी है।
अमित शाह ने कहाकि नए कानून में आतंकवाद और ऑर्गेनाइज़्ड क्राइम की नई व्याख्या की गई है, अंतर्राज्यीय गिरोहों को समाप्त करने केलिए भी कई प्रोविजन किए गए हैं, इसके अलावा तकनीकी प्रावधानों को कानूनी जामा पहनाकर पुलिस को सशक्त किया गया है, जांच प्रक्रिया को डिजिटाइज किया गया है, इंवेस्टिगेशन चार्जशीट की टाइमलाइन को फॉलो करने और फॉरेंसिक प्रावधान केलिए भी उचित व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहाकि नए कानूनों में दोषसिद्धि का प्रमाण बढ़ाने केलिए समयबद्ध योजना तैयार की गई है। अमित शाह ने कहाकि इन कानूनों के माध्यम से न्याय व्यवस्था में भी कई बदलाव किए गए हैं। गृहमंत्री ने प्रशिक्षु अधिकारियों से पुलिसिंग और बदलते परिवेश में समय केसाथ पुलिस व्यवस्था को बदलने केलिए भी आगे बढ़ने केलिए कहा। अमित शाह ने कहाकि संवेदनशीलता ही संविधान को मानवीय स्वरूप देती है और हमारे संविधान निर्माताओं ने संविधान में रखी गई स्पिरिट को संवेदनशीलता केसाथ लागू करने की जिम्मेदारी हम सबकी है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से देश से गरीब, कमजोर व्यक्तियों और वर्गों केप्रति हमेशा संवेदनशील एवं उनके अधिकारों की रक्षा केलिए हमेशा प्रोएक्टिव रहने को कहा। अमित शाह ने पुलिस अधिकारियों से कहाकि हमें प्रसिद्धि के मोह में पड़े बिना अपनी ड्यूटी पर केंद्रित होकर आगे बढ़ना चाहिए, तैनाती के स्थान की स्थानीय भाषा, परंपरा और इतिहास का सम्मान करते हुए हमें लोगों केसाथ संवेदनशीलता बनाए रखनी चाहिए और किताबी अप्रोच से ऊपर उठकर कानून के स्प्रिट को समझकर आगे बढ़ना चाहिए।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 9 वर्ष हमारे देश की आंतरिक सुरक्षा केलिए बहुत महत्वपूर्ण रहे हैं, देश के तीन हॉटस्पॉट माने जाने वाले पूर्वोत्तर, वामपंथी उग्रवादी क्षेत्र और जम्मू-कश्मीर में हमने कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने में बहुत बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने कहाकि आतंकवाद के खिलाफ भारत ने जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाया है और अब हमें जीरो टॉलरेंस की नीति से आगे बढ़कर जीरो टॉलरेंस स्ट्रेटेजी और जीरो टॉलरेंस एक्शन की ओर आगे जाना है। अमित शाह ने कहाकि वन डाटा, वन एंट्री के सिद्धांत केसाथ आंतरिक सुरक्षा के हर क्षेत्र में डेटाबेस को बनाने का काम किया है, विभिन्न डेटाबेस में इंटीग्रेशन तथा आपस में कम्युनिकेशन की व्यवस्था भी की जा रही है, इसके अलावा एनालिटिक टूल्स से सभी एजेंसियों को युक्त कर उनकी स्ट्रैंथ बढ़ाने का काम भी हो रहा है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से डेटाबेस और एनालिटिक टूल्स के माध्यम से काम करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोगकर पुलिस को हमेशा दो कदम आगे रखने केलिए कहा। दीक्षांत समारोह में तेलंगाना की राज्यपाल, केंद्रीय गृह सचिव, निदेशक आसूचना ब्यूरो एवं निदेशक सीबीआई और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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