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Wednesday 1 November 2023 04:59:56 PM
लेह। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज लेह के सिंधु घाट में उनके सम्मान में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में भाग लिया। राष्ट्रपति ने कहाकि वह सिंधु घाट पर आकर खुश हैं। उन्होंने कहाकि सिंधु नदी भारतीयों की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना में गहराई तक मौजूद है। उन्होंने कहाकि लद्दाख के प्यार करने वाले निवासियों से मिलकर उन्हें खुशी हुई। उन्होंने कहाकि देशभर के लोगों में लद्दाख के लोगों केप्रति विशेष स्नेह और सम्मान का भाव है और वे यहां रहने वाले लोगों के राष्ट्र की रक्षा में योगदान के बारेमें जानते हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि इस क्षेत्र के लोग बहादुरी और तथागत भगवान गौतम बुद्ध में अपनी आस्था केलिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहाकि भगवान बुद्ध का अमर और जीवंत संदेश लद्दाख के माध्यम से दूरदराज तकके देशों में फैला है। राष्ट्रपति ने कहाकि लद्दाख में आध्यात्मिक पर्यटन, साहसिक पर्यटन और इको-पर्यटन के विकास की अनंत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहाकि इस क्षेत्र में वेलनेस टूरिज्म या स्वास्थ्य पर्यटन के विकास की भी बहुत संभावनाएं हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि यह खुशी की बात हैकि लद्दाख में कई आदिवासी समुदायों की समृद्ध परंपराएं जीवित हैं, यहां लोग प्रकृति के प्रति स्नेह और सम्मान का भाव रखते हैं, जो आदिवासी समुदायों की कला, नृत्य, गीत और जीवनशैली में परिलक्षित होता है। राष्ट्रपति ने स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों और स्थानीय आदिवासियों से मुलाकातें भी कीं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि हमें पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली के प्रमाण के तौरपर आदिवासी समुदायों की जीवनशैली को संरक्षित करना चाहिए। उन्होंने कहाकि उन समुदायों के लोगों को भी इस बात केलिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए कि वे आधुनिक विकास की अच्छाइयों को अपनाएं। उन्होंने कहाकि परंपरा और आधुनिकता का यह संगम लद्दाख के लोगों सहित सभी नागरिकों केलिए सतत विकास का उचित मार्ग साबित होगा। उन्होंने कहाकि लद्दाख की सभी नदियों और ग्लेशियर से उपलब्ध जल संसाधनों का संरक्षण और उनका समुचित उपयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने कहाकि यह जानकर प्रसन्नता हुई हैकि चार वर्ष के दौरान जल जीवन मिशन की सहायता से हुई प्रगति के कारण 80 प्रतिशत से अधिक घरों में पीने का साफ पानी उपलब्ध होने लगा है।