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'संसद में महिलाओं की भूमिका बहुत बड़ी'

उपराष्ट्रपति का मिरांडा हाउस दिल्ली विश्वविद्यालय में संबोधन

'नारी शक्ति वंदन अधिनियम इतिहास में एक युगांतकारी घटना है'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 2 November 2023 05:38:26 PM

vice president jagdeep dhankhar

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा हैकि लैंगिक समानता किसीभी समानता का सार तत्व है, यदि लैंगिक समानता नहीं है तो समाज में कोईभी समानता नहीं हो सकती। उन्होंने कहाकि यह लैंगिक समानता सार तत्व में होनी चाहिए, केवल रूपमें नहीं और इसकी अभिव्यक्ति जमीनी वास्तविकता के रूपमें होनी चाहिए। उपराष्ट्रपति ने मिरांडा हाउस दिल्ली विश्वविद्यालय में 'भारतीय संसद में महिलाओं की भूमिका' विषय पर प्लेटिनम जुबली संबोधन में ये टिप्पणियां कीं। जगदीप धनखड़ ने रेखांकित कियाकि संसद में महिलाओं की भूमिका बहुत बड़ी है और उनकी उपस्थिति अपने आपमें विधानमंडलों के माहौल में उत्साह भरदेंगी। जगदीप धनखड़ ने कहाकि महिलाएं अपने जीवन के अनुभवों और उनके सामने आनेवाली चुनौतियों को प्रस्तुत करने में सक्षम होंगी, इससे निश्चित रूपसे नीतियों के निर्माण में शासन को भी मदद मिलेगी, जिससे वृहद मुद्दों का समाधान होगा।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम को इतिहास में एक युगांतकारी घटना बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि यह एक महान घटनाक्रम है, जो यह सुनिश्चित करेगाकि भारत@2047, जब राष्ट्र अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा, हम शिखर पर होंगे। उन्होंने उल्लेख कियाकि जब राज्यसभा ने महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा की तो उच्च सदन का नेतृत्व करने केलिए 17 महिला सांसदों का चयन किया गया। उपराष्ट्रपति ने कहाकि आज भारतीय महिलाएं वैश्विक संस्थानों में शक्तिशाली पदों पर आसीन हैं, जो हम सभी केलिए बहुत गौरव की बात है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक संख्या में महिला सांसदों के चुने जाने का उल्लेख करते हुए जगदीप धनखड़ ने इस सफलता का श्रेय बीते वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विभिन्न महिला सशक्तिकरण पहलों को दिया। उन्होंने कहाकि अब कोईभी महिला प्रतिनिधियों केलिए निमित्त सीट पर कब्जा करने का साहस नहीं करता और सरपंच पति की अवधारणा तो बहुत हदतक समाप्त हो गई है।
उपराष्ट्रपति ने कहाकि ये महिलाएं ही हैं, जो अपने परिवार, समाज, बच्चों और बुजुर्गों केलिए बहुत त्याग करती हैं। उन्होंने कहाकि अपने जेंडर केप्रति न्याय करना मेरे जेंडर केसाथ स्वत: न्याय होगा। उन्होंने कहाकि ऐसा इसलिए है, क्योंकि आपका जेंडर सद्गुण, उदात्तता और सेवा का प्रतीक है, भगवान ने आपको ऐसी क्षमताएं प्रदान की हैं, जो आपको दूसरों की मदद करने का अवसर देती हैं। महात्मा गांधी को संदर्भित करते हुए कि जबतक भारत में महिलाएं सार्वजनिक जीवन में भाग नहीं लेंगी, देश का उद्धार नहीं हो सकता उपराष्ट्रपति ने कहाकि आज बापू का सपना सच हो रहा है। हाल के वर्ष में महिला सशक्तिकरण केलिए सरकार की विभिन्न पहलों का उल्लेख करते हुए जगदीप धनखड़ ने कहाकि रक्षा बलों में लड़कियां लड़ाकू पदों पर हैं, सैनिक स्कूलों में अब लड़कियों को भी प्रवेश मिल रहा है, वे बदलाव की प्रतीक हैं, परिवर्तन को उत्प्रेरित कर रही हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहाकि जब प्रधानमंत्री हर घर में शौचालय का आह्वान करते हैं तो उनका ध्यान महिलाओं, उनकी गरिमा और उनके सम्मान पर होता है, इसी तरह यदि जरूरतमंद परिवारों को गैस कनेक्शन दिए जाते हैं तो सबसे अधिक लाभ महिलाओं को ही होता है, क्योंकि वही रसोई संभालती हैं। उपराष्ट्रपति ने हर घर जल और मुद्रा योजनाओं का उदाहरण भी दिया, जो महिला सशक्तीकरण में व्यापक स्तर पर मदद कर रही हैं। उन्होंने कहाकि हमारे प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता, जुनून और मिशन के कारण हमारा अमृतकाल हमारा गौरवकाल बन गया है। भारत के दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास मुख्य रूपसे महिलाओं द्वारा संचालित है। उन्होंने कहाकि भारत उत्थान पर है और इस उत्थान को अब कोई रोक नहीं सकता। जगदीप धनखड़ ने संस्था के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाते हुए स्मारक प्लेटिनम जुबली वॉल्यूम-मिरांडा हाउस क्रॉनिकल्स का विमोचन किया।
उपराष्ट्रपति ने टिप्पणी कीकि कुछ लोग भारत की विकास गाथा को पचा नहीं पा रहे हैं और उन्होंने छात्रों से ऐसे तत्वों को उत्तर देने का आह्वान किया। उन्होंने कहाकि आपका मौन राष्ट्रहित में नहीं होगा और उनसे भारत के गौरवांवित नागरिक होने और हमारी भारतीयता पर गर्व करने केलिए कहा। प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल के आह्वान को दोहराते हुए उपराष्ट्रपति ने देश के विकास में आर्थिक राष्ट्रवाद के महत्व पर जोर दिया और इस बात को रेखांकित कियाकि दीया, मोमबत्ती, पतंग, खिलौने और पर्दे जैसी वस्तुओं का आयात नहीं किया जाना चाहिए। इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह, दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफ कॉलेज प्रोफेसर बलराम पाणि, मिरांडा हाउस की गवर्निंग बॉडी की अध्यक्ष और दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रॉक्टर प्रोफेसर रजनी अब्बी, मिरांडा हाउस की प्रिंसिपल प्रोफेसर बिजयलक्ष्मी नंदा, संकाय सदस्य, विद्यार्थी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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