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Friday 3 November 2023 11:25:45 AM
नई दिल्ली। भारत और फ्रांस ने लोक प्रशासन और प्रशासनिक सुधार संबंधित एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत अगले 3 वर्ष केलिए सुशासन के क्षेत्र में भारत-फ्रांस केबीच पहले से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों को और मजबूत एवं बढ़ावा दिया जाएगा। भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अंतर्गत प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग तथा फ्रांसीसी गणराज्य के सार्वजनिक क्षेत्र परिवर्तन और सिविल सेवा मंत्रालय अगले तीन वर्ष केलिए प्रशासन एवं प्रशासनिक सुधार के क्षेत्र में सहयोग करेंगे। देश की राजधानी नई दिल्ली में एक औपचारिक समारोह में प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग की ओर से सचिव वी श्रीनिवास और भारत में फ्रांस के राजदूत थिएरी माथौ ने आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए। हाइब्रिड मोड में आयोजित कार्यक्रम में विदेश मंत्रालय, फ्रांस में भारतीय दूतावास, भारत में फ्रांसीसी दूतावास और फ्रांसीसी गणराज्य के सार्वजनिक क्षेत्र परिवर्तन व सिविल सेवा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
भारत और फ्रांस केबीच हुए लैटर ऑफ इंटेंट का उद्देश्य प्रशासनिक सुधारों, सुशासन से संबंधित वेबिनारों, शोध प्रकाशनों, संस्थागत आदान-प्रदान, क्षमता निर्माण से जुड़े कार्यक्रमों और सुशासन से संबंधित कार्यप्रणालियों के दोहराव पर केंद्रित आदान-प्रदान केलिए किए जानेवाले दौरों के माध्यम से दोनों देशों केबीच द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करना है। इस द्विपक्षीय सहयोग का रोडमैप आशय पत्र के तत्वावधान में स्थापित किया जानेवाला एक संयुक्त कार्यसमूह तैयार करेगा। दोनों पक्ष आनेवाले महीनों में उच्चस्तरीय आदान-प्रदान से संबंधों को मजबूत करने पर सहमत हुए। भारतीय पक्ष ने नीतिगत सिद्धांत अधिकतम शासन-न्यूनतम सरकार के कार्यांवयन केसाथ अमृतकाल में किए जारहे अगली पीढ़ी के सुधारों को अपनाने से संबंधित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण का अनुवाद प्रस्तुत किया, जिसके तहत प्रौद्योगिकी का उपयोग करके नागरिकों और सरकार को करीब लाते हुए भारत के सार्वजनिक संस्थानों को पूरी तरह से डिजिटल संस्थानों में बदल दिया गया है।
अधिकतम शासन-न्यूनतम सरकार नीति की सबसे अच्छी अभिव्यक्ति डिजिटल रूपसे सशक्त नागरिक और डिजिटल रूपसे परिवर्तित संस्थान है। भारत की भावी पीढ़ी के प्रशासनिक सुधारों में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता केलिए प्रधानमंत्री पुरस्कार योजना के तहत योग्यता को मान्यता देना, सुशासन सूचकांक के माध्यम से शासन की बेंचमार्किंग, राष्ट्रीय ई-सेवा वितरण मूल्यांकन के माध्यम से ई-सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण शिकायत निवारण पर ध्यान देते हुए सीपीजीआरएएमएस में प्रौद्योगिकी को अपनाना शामिल है। फ्रांसीसी पक्ष ने प्रभावी लोक शिकायत निवारण, केंद्रीय सचिवालय के डिजिटल परिवर्तन केलिए अपनाए गए सचिवालय सुधारों और पुरस्कृत सुशासन संबंधी कार्यप्रणालियों के प्रसार से संबंधित जानकारियों के आदान-प्रदान में रुचि दिखाई है।