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Saturday 4 November 2023 04:45:41 PM
मुंबई। केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मुंबई से भारत के पहले अंतर्राष्ट्रीय क्रूज जहाज कोस्टा सेरेना को झंडी दिखाकर समुद्री यात्रा पर रवाना किया। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि भारत में कोस्टा क्रूज़ के घरेलू नौचालन की शुरूआत एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो क्रूज़िंग और पर्यटन में एक नए युग के सूत्रपात का प्रतीक है। उन्होंने कहाकि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देखो अपना देश पहल से प्रेरित है और भारत ने बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय केसाथ क्रूज क्षेत्र पर अपना ध्यान बढ़ाया है, जो इसके व्यापक आर्थिक सकारात्मक प्रभाव, रोज़गार सृजन की क्षमता, विदेशी मुद्रा अर्जित करने और कई अन्य लाभों केलिए सक्रिय रूपसे क्रूज पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है। इसके मुख्य विषयगत क्षेत्रों मेंसे एक तटीय राज्यों और द्वीपों के पर्यटन स्थलों पर क्रूज गंतव्य विकसित करना है।
जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि भारत में क्रूज़ पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने और पुनरुत्थान केलिए सरकार की पहलों की श्रृंखला के कारण कोस्टा क्रूज़ के घरेलू नौचालन की शुरूआत संभव हुई है। उन्होंने कहाकि कोस्टा क्रूज़ इटली कार्निवल कॉरपोरेशन का हिस्सा है, जो प्रतिष्ठित क्रूज़ ब्रांडों केसाथ विश्व के सबसे बड़े क्रूज़िंग समूहों में से एक है। उन्होंने बतायाकि इन उपायों में क्रूज़ जहाजों केलिए गारंटीकृत बर्थ, आउस्टिंग शुल्क को हटाना, सभी प्रमुख बंदरगाहों केलिए रियायती समान एकल दर, घरेलू क्रूज़ जहाजों केलिए क्रूज़ टैरिफ में 30 प्रतिशत तक की छूट, विदेशी क्रूज़ जहाजों केलिए कैबोटेज की छूट, सीमा शुल्क केलिए समान एसओपी, इमिग्रेशन, सीआईएसएफ, बंदरगाह, यात्री सुविधाओं में वृद्धि केसाथ क्रूज टर्मिनलों का उन्नयन और आधुनिकीकरण आदि शामिल हैं। उन्होंने बतायाकि इस यात्रा में हालही में सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक विदेशी ध्वज वाले विदेशी जहाज को तटीय मार्ग में परिवर्तित होने पर सशर्त आईजीएसटी छूट देना था, जिसने विदेशी क्रूज ऑपरेटरों पर वित्तीय बोझ को उल्लेखनीय सीमा तक कम कर दिया।
सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि इन पहलों के परिणामस्वरूप 2013-14 में प्रबंधित 102 क्रूज़ शिप कॉल और 84000 यात्रियों की तुलना में यह संख्या 2022-23 के दौरान 227 कॉल और 4.72 लाख यात्रियों तक पहुंच गई, जो 9 वर्ष में क्रूज़ कॉल में 223 प्रतिशत एवं यात्री क्रूज़ में 461 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। उन्होंने कहाकि इन वर्षों के दौरान रिवर क्रूज़ पर्यटन के प्रचालनों में भी 180 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। जलमार्ग मंत्री ने कहाकि अंतर्राष्ट्रीय क्रूज़ लाइनर की बढ़ती संख्या भारतीय क्रूज़िंग उद्योग में बढ़ती रुचि का प्रदर्शन कर रही है, कई और नई सेवाओं के शीघ्रही शुरू होने की उम्मीद है, जो इस बढ़ते क्षेत्र केलिए एक गतिशील भविष्य का वादा करती हैं। उन्होंने कहाकि सागरमाला कार्यक्रम केतहत क्रूज पर्यटन और लाइटहाउस पर्यटन विकास पर सक्रिय रूपसे कार्य किया जा रहा है। सागरमाला के तहत समुद्री राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा देने केलिए पर्यटन मंत्रालय और समुद्री राज्य सरकारों के पर्यटन विकास विभागों केसाथ मिलकर परियोजनाओं की पहचान की गई है। सागरमाला कार्यक्रम ने तटीय और क्रूज पर्यटन और द्वीप विकास को बढ़ावा देने केलिए 267 करोड़ रुपये की 11 परियोजनाएं पूरी की हैं, इनमें से कुछ परियोजनाओं में चेन्नई में क्रूज़ यात्री सुविधा केंद्र, कोचीन में अंतर्राष्ट्रीय क्रूज़ टर्मिनल का निर्माण और मोरमुगाओ बंदरगाह पर क्रूज़ बर्थिंग और क्रूज़ यात्री सुविधाओं का विकास शामिल है।
जलमार्ग मंत्री ने कहाकि मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030 के तहत सरकार भारत को एशिया प्रशांत क्षेत्र में प्रमुख क्रूज़ हब के रूपमें स्थापित करने की परिकल्पना करती है, इस लक्ष्य को प्राप्त करने केलिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, जिनमें अत्याधुनिक क्रूज़ टर्मिनलों का विकास, मानकीकृत प्रक्रियाओं का कार्यांवयन और ई-वीज़ा सुविधाओं की शुरूआत सहित कई और भी उपाय शामिल हैं। इनका उद्देश्य 2030 तक भारत में क्रूज यात्रियों की वार्षिक संख्या को 4.72 लाख के विद्यमान आंकड़े से बढ़ाकर 18 लाख करना है। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि हालही में मुंबई में संपन्न ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट 2023 के दौरान प्रधानमंत्री के लॉंच किए गए समुद्री अमृतकाल विजन 2047 के अनुसार यह अनुमान लगाया गया हैकि भारत में 2047 तक 25 परिचालन क्रूज़ टर्मिनल होंगे, जिनकी अनुमानित वार्षिक यात्री संख्या लगभग प्रतिवर्ष 5 मिलियन क्रूज़ यात्री की होगी। उन्होंने कहाकि सरकार अंतर्राष्ट्रीय मानकों और प्रथाओं के अनुरूप एक सुपरिभाषित और सुसंगत क्रूज पर्यटन नीति शुरू करने की भी योजना बना रही है, जो भारत के भीतर इस उभरते उद्योग के विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर जीएसटी, कराधान, उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल करेगी।