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उपराष्ट्रपति ने एआई के सकारात्मक पहलू बताए

आईआईटी बॉम्बे के छात्रों से रिसर्च व इनोवेशन का आह्वान किया

युवाओं पर भरोसा जताया और विकास का अग्रणी इंजन बताया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 7 November 2023 01:42:03 PM

vicepresident engaged with students of iit bombay

मुंबई। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस जैसी नई उभरती प्रौद्योगिकियों की बदलाव की क्षमता पर जोर दिया और कहा हैकि दुनिया तकनीकी क्रांति के मुहाने पर खड़ी है। उन्होंने कहाकि एआई हमारे रहने, काम करने और बातचीत करने के तरीके को बुनियादी रूपसे बदल देगा और यह एक अवसर केसाथ-साथ एक चुनौती भी है। उन्होंने औद्योगिक क्रांति केबाद से एआई के उद्भव को सबसे महत्वपूर्ण सकारात्मक बदलावों में से एक बताया। आईआईटी बॉम्बे में छात्रों केसाथ बातचीत करते हुए उपराष्ट्रपति ने उनसे अनुसंधान और नवाचार में और समृद्ध होने का आह्वान किया, साथही उनसे ऐसे सामाजिक उद्देश्यों केलिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का आग्रह किया, जो देश के लोगों और समग्र मानवता केलिए जीवन को आसान बना सके।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आईआईटी जैसे प्रमुख संस्थानों से उद्योग और सरकार केसाथ तालमेल बिठाने का भी आग्रह किया, ताकि प्रौद्योगिकी को सभी केलिए सुलभ और सार्वभौमिक बनाया जा सके। उपराष्ट्रपति ने महिला सशक्तीकरण और लैंगिक समानता के महत्व को स्वीकार करते हुए स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना और हरघर जल योजना जैसी सरकारी पहलों की सराहना की, जिन्होंने हजारों महिलाओं को सम्मान प्रदान किया है, साथही उन्हें कठिन परिश्रम से मुक्ति दिलाई है और उनके जीवन को बहुत आसान बना दिया है। उन्होंने हालही में संसद में महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने को एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम बताया और कहाकि इससे दूरगामी सामाजिक परिवर्तन नज़र आएंगे। युद्ध की बदलती प्रकृति और रणनीतिक क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी के प्रवेश पर उपराष्ट्रपति ने कहाकि सबसे अच्छा बचाव यही हैकि आप बड़े से बड़ा हमला करने में सक्षम हैं।
उपराष्ट्रपति ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहाकि ज्ञान सर्वोच्च शक्ति है, जिसमें अकेले ही दुनिया में किसीभी व्यक्ति, संगठन और राष्ट्र के स्थान को परिभाषित करने की क्षमता है। उन्होंने छात्रों से क्वांटम कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 6जी, क्रिप्टोग्राफी, साइबर सुरक्षा और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक अनुसंधान में संलग्न होने का आह्वान किया। जनसांख्यिकीय लाभांश और युवाओं की भूमिका पर विचार करते हुए उपराष्ट्रपति ने उन्हें शासन में सबसे बड़ा हितधारक बताया। उन्होंने भारत के भविष्य के निर्माण में युवाओं की क्षमता पर भरोसा जताया और उन्हें विकास का अग्रणी इंजन बताया। उन्होंने उनसे भारत के गौरवांवित नागरिक बनने, देश की ऐतिहासिक उपलब्धियों पर गर्व करने एवं सदियों पुराने लोकाचार और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने का आग्रह किया। उपराष्ट्रपति ने कहाकि अब समय आ गया हैकि हम सभीको आर्थिक राष्ट्रवाद की गहरी भावना विकसित करनी चाहिए, क्योंकि मूल्यवर्धन के बिना हमारे तटों से निकलने वाला कच्चा माल हमारे युवाओं को रोज़गार और उद्यमशीलता के अवसर से वंचित करता है।
उपराष्ट्रपति ने भ्रष्टाचार को लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुए कहाकि यह आम आदमी के विकास को बाधित करता है और लोगों में निराशा भर देता है। जगदीप धनखड़ ने आईआईटी बॉम्बे के समृद्ध पूर्व छात्रों और विभिन्न विषयों में किए गए उनके अपार योगदान को भी स्वीकार किया। उपराष्ट्रपति आईआईटी बॉम्बे के छात्रों केसाथ सवाल-जवाब सत्र में शामिल हुए। उन्होंने आईआईटी के पूर्व छात्रों के संगठनों को शामिल करते हुए एक निकाय बनाने की योजना का प्रस्ताव किया, जिससे उनके अनुभव, विशेषज्ञता, अनुभव का उपयोग नीति निर्माण और निष्पादन में किया जा सके। इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, आईआईटी बॉम्बे में उप निदेशक प्रोफेसर एस सुदर्शन, आईआईटी बॉम्बे में उप निदेशक प्रोफेसर केवीके राव, छात्र, संकाय सदस्य और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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