स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 26 June 2013 12:01:31 PM
नई दिल्ली/ देहरादून। उत्तराखंड में खराब मौसम के कारण बचाव अभियानों पर और खासतौर से वायु सेना के अभियानों में बड़ी बाधा पहुंची है, हालांकि पगडंडियों और सड़कों के माध्यम से फंसे लोगों को निकालने के प्रयास जारी हैं। उत्तराखंड सरकार ने केदारनाथ में शवों का अंतिम संस्कार करना भी प्रारंभ कर दिया है। सेना ने जंगलचट्टी क्षेत्र की खोजबीन की लेकिन सेना को वहां अब कोई व्यक्ति नहीं मिला। सीमा सड़क संगठन ने बद्रीनाथ में फंसे लोगों को निकालने के लिए पंडुकेश्वर में एक पुल बनाया है। राशन और खाद्य तेलों की आपूर्ति बद्रीनाथ पहुंच चुकी है। उधर उत्तराखंड में राहत और बचाव अभियान की समीक्षा के लिए बुधवार कीशाम केबिनेट सचिव ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति की एक बैठक की।
भारतीय वायु सेना ने खराब मौसम के बावजूद 64 उड़ाने भरीं और 636 लोगों को बचाया। क्षेत्र में 44 वायुयानों को भी तैनात किया जा चुका है। शिमला क्षेत्र में अभियान देर शाम तक जारी थे। सेना ने आज बद्रीनाथ से 2000 हजार लोगों को पंडुकेश्वर पुल के माध्यम से बाहर निकाला और 444 लोगों को हवाई माध्यम से बचाया। अनुमान के मुताबिक बद्रीनाथ में अभी भी 2750 लोग फंसे हैं, जिन्हें निकाला जाना बाकी है। हर्सिल क्षेत्र से 600 लोगों को निकाला गया और अभी 540 लोगों को निकालने के लिए अभियान जारी है। क्षेत्र में कुल 8000 सैन्य बल तैनात किये गए हैं और कुल 28300 लोगों को सेना अब तक संकट से सुरक्षित निकाल चुकी है।
भारत तिब्बत सीमा पुलिस ने आज शाम 3 बजे तक 400 लोगों को निकाला। आईटीपीबी के बचाव दल अब तक 30,816 तीर्थयात्रियों की जान बचा चुके हैं। सीमा सड़क संगठन ने उत्तरकाशी से आगे 30 किलोमीटर तक की सड़क खोल दी है। श्रीनगर से रूद्रप्रयाग और जोशी मठ के मार्ग को भी साफ कर दिया गयाहै। केदारनाथ से अगस्त मुनी तक के 6 किलोमीटर के मार्ग को भी संचालन योग्य बना दिया गया है। पैदल यात्रा के लिए जोशीमठ के निकट लामगढ़ में एक पुल बनाया गया है। तेज़ वर्षा के कारण पानी का अधिक बहाव होने से सोन प्रयाग पुल संचालित किया जा सका है। पास ही के एक स्थान पर एक अन्य पुल का निर्माण किया जा रहा है और इसकेकल सुबह तक प्रयोग में आने की उम्मीद है। अगस्त मुनी स्थित बीएसएनएल का टावर अब काम कर रहा है। वर्तमान में बीएसएनएल के सिर्फ 3 टावर काम नहीं कर रहे। क्षेत्र में अपने उपभोक्ताओं को अंतिम सक्रिय स्थल प्रदान करने के लिए निजी दूरसंचार संचालकों ने आपातकालीन नंबरों की सेवा भी प्रारंभ कर दी है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल एनएके ब्राउन से आज उत्तराखंड में चल रहे राहत और बचाव अभियान की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा में बचाव और राहत अभियान के दौरान मारे गए वायुसेना के जवानों के परिवारों के प्रति अपनी शोक संवेदनाएं भी व्यक्त कीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि वायुसेना उत्तराखंड में अपने अदम्य साहसपूर्ण बचाव और राहत अभियान को जारी रखते हुए इस आपदा से लोगों को उबारने की क्षमता रखती है। प्रधानमंत्री ने वायुसेना प्रमुख से कहा कि उनके जवानों ने कठिन परिस्थितियों में साहसपूर्ण कार्य करके हजारों लोगों के जीवन को बचाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा के बाद लोगों की मदद के लिए किए जा रहे नि:स्वार्थ संकल्पित प्रयासों के लिए देश सशस्त्र बलों के जवानों का आभारी है।
वायुसेना 25 जून 2013 की हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बावजूद उत्तराखंड में राहत कार्यों में जुटी हुई है। वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल एनएके ब्राउन का कहना है कि जिन लोगों की जान गई है, उनकी याद में हमें इस राहत कार्य को जारी रखना होगा। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर सेवाओं के सफल प्रयोग की योजना बनाने के लिए हिंडन से सुबह एक सी 130 जे ने रेकी उड़ान भरी। धरासु और पिथौरागढ़ से लगातार 6 एमआई-17 वी 5 एस, दो एएलएच और एक एमआईएल 7 हर्षिल से-मनेरी-धरासु और दरचुला-मिलम तथा काली-रामगंगा क्षेत्र में उडा़न भर रहे हैं। सुबह से दोपहर दो बजे तक वायुसेना ने 64 संक्षिप्त यात्राएं की और 636 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। सत्रह जून 2013 से लेकर आज तक वायुसेना ने 1540 उड़ाने भरीं और लगभग 13,052 तीर्थ यात्रियों को बचाने और 2,16,310 किलोग्राम राहत सामग्री को पहुंचाने का महत्वपूर्ण काम किया।
एयर इंडिया ने फंसे हुए यात्रियों को सुविधा उपलब्ध कराई है। एयर इंडिया ने विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए चेन्नई के 350 और ओडिशा के 75 यात्रियों के लिए सुविधा उपलब्ध कराई है। एयर इंडिया यात्रियों के लाभ के लिए देहरादून स्थित अपने कार्यालय से जारी सभी प्रकाशित किराया सूचियों पर 50 प्रतिशत की छूट देने की घोषणा कर चुकी है। विभिन्न राज्यों के संबंधित आवास उपायुक्तों की सिफारिशों पर एयर इंडिया का सफदरजंग बुकिंग कार्यालय फंसे हुए लोगों के लिए टिकट जारी कर चुका है। जिन क्षेत्रों के लिए उड़ानों में सीटें उपलब्ध नहीं हैं, वहां वहनीय दामों पर बुकिंग कार्यालय कंफर्म टिकट जारी कर रहा है। इस कार्य में सहायता के लिए किसी भी आवश्यकता को पूरा करने के लिए आरक्षण स्तर पर समर्पित अतिरिक्त कर्मचारियों को देहरादून स्टेशन पर लगाया गया है।
सफदरजंग हवाई अड्डे के बुकिंग कार्यालय की बुकिंग समय सीमा को बढ़ाकर शाम 7 बजे से 10 बजे तक कर दिया गया है। फंसे हुए यात्रियों को दिल्ली ले जाने और वहां से लोगों को लाने के लिए उड़ानों की अतिरिक्त सुविधा प्रदान करने के लिए देहरादून में स्टेशन मैनेजर सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक उपलब्ध रहेंगे। इसके साथ-साथ दिल्ली से देहरादून के अलावा सभी प्रमुख राज्यों जैसे महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्रप्रदेश, बिहार, गुजरात, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के लिए भी उड़ान सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।