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Saturday 11 November 2023 12:23:05 PM
देहरादून। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भारत तिब्बत सीमा पुलिस की 23वीं वाहिनी देहरादून में शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इसके उपरांत उन्होंने मुख्यअतिथि के रूपमें आईटीबीपी के 62वें स्थापना दिवस के भव्य परेड की सलामी ली तथा उत्कृष्ट सेवा केलिए हिमवीरों को अलंकृत किया। अमित शाह ने आईटीबीपी जवानों केलिए सेल्फ सस्टेनेबल एनर्जी बिल्डिंग और दुर्गम क्षेत्रों में बॉर्डर ऑब्जरवेशन पोस्ट पर सब्जियों, दवाओं और अन्य ज़रूरी वस्तुओं की आपूर्ति केलिए ड्रोन का ई-लोकार्पण किया। गृहमंत्री ने आईटीबीपी के 147 शहीदों पर बनी फ्लिप बुक भी लांच की। अमित शाह ने कहाकि देशवासी जब दीपावली पर अपने घर में दीया जलाते हैं, तब वे एक दीया सीमा पर तैनात हमारे वीर सैनिकों केलिए भी जलाते हैं। उन्होंने कहाकि देश की 130 करोड़ जनता दिल से वीर जवानों के त्याग, बलिदान, साहस और शौर्य का सम्मान करती है। गृहमंत्री ने कहाकि हम अपने घरों में चैन की नींद सोते हैं, क्योंकि हमारे वीर जवान अपने जीवन के स्वर्णिम वर्ष सरहद पर देश की सुरक्षा केलिए समर्पित करते हैं, हिमवीरों की देश केप्रति सेवा, समर्पण, बलिदान अमूल्य है और देश इसे नमन करता है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहाकि आईटीबीपी हिमवीरों ने 62 वर्ष से शौर्य, दृढ़ता और कर्मनिष्ठा के ध्येय वाक्य केसाथ भारत की दुर्गम सीमाओं को सुरक्षित रखने का कार्य किया है। उन्होंने कहाकि माइनस 45 डिग्री तापमान में देश की अग्रिम सीमा पर चौकन्ना रहकर उसकी सुरक्षा करना और ज़रूरत पड़ने पर सर्वोच्च बलिदान देने सेभी पीछे ना हटना आईटीबीपी की परंपरा है। अमित शाह ने कहाकि 62 साल पहले 7 वाहिनियों केसाथ शुरू हुआ आईटीबीपी आज एक लाख हिमवीरों, 60 वाहिनियों, 17 प्रशिक्षण केंद्रों, 16 सेक्टर, 5 फ्रंटियर और 2 कमांड मुख्यालयों केसाथ एक मज़बूत सुरक्षा बल है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हिमवीरों की मांग को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने वायुयान और रेल में सेना की तर्ज पर देश के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों का भी कोटा तय कर दिया है। अमित शाह ने कहाकि भारत की 7516 किलोमीटर लंबी तटीय और 15000 किलोमीटर से अधिक भूमि सीमा है, भारत अपनी भूमि सीमा 7 देशों केसाथ साझा करता है और हिमालयी क्षेत्र में सीमाओं की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी आईटीबीपी को दी गई है। उन्होंने कहाकि हमारे बहादुर हिमवीरों ने सबसे कठिन क्षेत्रों में सीमाओं की सुरक्षा सबसे अच्छे तरीके से की है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि आईटीबीपी ने 6 दशक की अपनी अनवरत सेवा में 7 पद्मश्री, 2 कीर्ति चक्र, 6 शौर्य चक्र, 19 राष्ट्रपति पुलिस पदक, 14 तेनजिंग नोर्गे एडवेंचर पदक और कई और सम्मान प्राप्त किए हैं, जो इसके शौर्य और बलिदान के प्रतीक हैं। उन्होंने कहाकि जबतक हमारे आईटीबीपी और सेना के जवान सीमा पर तैनात हैं, तबतक भारत की 1 इंच भूमि परभी कोई कब्जा नहीं कर सकता। उन्होंने कहाकि अब हिम वीरांगनाएं भी देश की सीमा की सुरक्षा में कंधे से कंधा मिलाकर शामिल हो रही हैं। गृहमंत्री ने दुर्गम क्षेत्र में देश की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात हिम वीरांगनाओं को विशेष बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहाकि खेलों के क्षेत्र में भी आईटीबीपी की भागीदारी बहुत बढ़ गई है, जो बहुत अच्छी बात है, इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी 36 लाख से ज्यादा वृक्ष इतने दुर्गम क्षेत्र में आईटीबीपी ने लगाए हैं। गृहमंत्री ने सभी जवानों से वृक्षों को अपने साथ जोड़ने को कहा, जिससे ना सिर्फ उनके मन में बहुत बड़ा बदलाव और संवेदनशीलता आएंगे, बल्कि वृक्ष के पालनपोषण के साथ होने वाला जुड़ाव जवानों के मन में भी बहुत बड़ा परिवर्तन करेगा। अमित शाह ने कहाकि हाल हीमें प्रधानमंत्री ने वाइब्रेंट विलेज प्रोजेक्ट से एक नए कांसेप्ट को देश के सामने रखा है, पहले सीमा पर स्थित गांव को देश का अंतिम गांव कहा जाता था, लेकिन अब देश का पहला गांव कहलाता है, वहां देश के अन्य हिस्सों जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने की अप्रोच केसाथ वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम बनाया गया है।
अमित शाह ने कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार ने इसके पहले चरण में 19 जिलों में 46 ब्लॉक के 662 गांवों केलिए 4800 करोड़ रुपए के बजट से बिजली, सड़कें, रोज़गार, स्किल डेवलपमेंट, शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने का काम किया है। अमित शाह ने कहाकि देश की सीमाओं की सुरक्षा हिमवीरों की जिम्मेदारी है, लेकिन अगर ये सीमावर्ती गांव खाली हो जाएंगे तो इस काम में बहुत दिक्कतें आएंगी। उन्होंने कहाकि हमारे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल जहां भी तैनात हैं, इन्हें विकास कार्यों की नोडल एजेंसी के रूपमें स्वीकारकर सारी सुविधाएं गांव में पहुंचे, इसके लिए कार्य करना चाहिए। अमित शाह ने कहाकि आनेवाले 1 साल में 168 अनकनेक्टेड गांव सड़क, बिजली, दूरसंचार और स्वास्थ्य सेवाओं से भी जुड़ जाएंगे। गृहमंत्री ने कहाकि सीमाओं पर सुविधाओं के विकास के बिना देश सुरक्षित नहीं रह सकता। उन्होंने कहाकि भारत-चीन सीमा सुविधाओं के विकास पर 2014 से पहले औसतन प्रतिवर्ष 4000 करोड़ रुपए खर्च होता था, जिसे 9 साल में बढ़ाकर औसतन 12340 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष कर दिया गया है। उन्होंने कहाकि भारत सरकार ने सीमा पर रोड, बीओपी बनाने, जवानों को सुविधाएं देने और गांवों को सुविधायुक्त बनाने केलिए तीन गुना खर्च बढ़ाया है। अमित शाह ने कहाकि मोदी सरकार ने इस दुर्गम क्षेत्र में 350 से ज्यादा पुल और पुलिया बनाने का काम किया है। उन्होंने कहाकि जवानों के कल्याण केलिए सरकार ने 9 साल में कई योजनाएं बनाई हैं।
गृहमंत्री ने कहाकि 9 साल में देश की आंतरिक सुरक्षा की स्थिति में बहुत बदलाव आया है, कश्मीर से धारा 370 हटाने केबाद वहां आतंकवाद पर पूर्ण नियंत्रण पाने में हमें सफलता मिली है, वहां सभी प्रकार के आंकड़ों और मृत्यु में 72 प्रतिशत की गिरावट आई है और वामपंथी उग्रवाद में भी 80 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। अमित शाह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की आंतरिक सुरक्षा बहुत मजबूत हुई है और सीमाओं की सुरक्षा को हमारे हिमवीर संभाल रहे हैं। उन्होंने कहाकि अभी-अभी आजादी का अमृत वर्ष समाप्त हुआ है और आजादी के अमृतकाल के दौरान 15 अगस्त 2047 तक हम सबको तय करना हैकि भारत विश्व में हर क्षेत्र में सर्वप्रथम हो। अमित शाह ने कहाकि 2047 तक हमें भारत को ऐसा देश बनाना हैकि हर क्षेत्र में हम विश्व का नेतृत्व करें। आईटीबीपी के स्थापना दिवस समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, आईटीबीपी के महानिदेशक और गणमान्य महानुभाव उपस्थित थे।