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Sunday 12 November 2023 06:00:46 PM
लेप्चा (हिमाचल प्रदेश)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज दुनिया में जिस तरह के हालात हैं, उसमें भारत से अपेक्षाएं लगातार बढ़ रही हैं, ऐसे अहम समय में ये बहुत जरूरी हैकि भारत की सीमाएं सुरक्षित रहें, देश में शांति का वातावरण बना रहे और इसमें आपकी बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहाकि भारत तब तक सुरक्षित है, जब तक इसकी सीमाओं पर आप हिमालय की तरह अटल और अडिग हैं, आपके कारण ही भारत भूमि सुरक्षित है और समृद्धि के मार्ग पर प्रशस्त भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय सेना केसाथ दीपावली पर्व मनाने केलिए हिमाचल प्रदेश के लेप्चा सैनिक बेस पहुंचे थे, जहां उन्होंने जवानों के साथ दिवाली मनाते हुए अपने उद्गार प्रकट किए। उन्होंने सेना को अपना परिवार बताया और उनके बीच मिठाई एवं शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया। अपने प्रधानमंत्री को अपने बीच पाकर सैनिकों के उत्साह मनोबल और खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इस मौके पर जवानों ने माँ भारती का जयघोष किया। इसकी गूंज में प्रधानमंत्री ने कहाकि भारतीय सेनाओं और सुरक्षाबलों के पराक्रम का ये उद्घोष, ये ऐतिहासिक धरती और दीपावली का ये पवित्र त्योहार, अद्भुत संयोग है, ये अद्भुत मिलाप है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमा पर तैनात सैनिकों से कहाकि संतोष और आनंद से भरदेने वाला ये पल मेरे लिए, आपके लिए भी और देशवासियों केलिए दिवाली का नया प्रकाश पहुंचाएगा। उन्होंने कहाकि मैं आप और देशवासियों केसाथ सीमा के आखिरी गांव पर, जिसे मैं अब पहला गांव कहता हूं, वहां से सभी देशवासियों को दीपावली की बधाई बहुत स्पेशल हो जाती है। उन्होंने कहाकि देशवासियों को मेरी बहुत-बहुत बधाई और दीपावली की शुभकामनाएं! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सेना पर गर्व करते हुए कहाकि देश जानता है कि उसका हर कदम शौर्य और सुरक्षा के इतिहास की नई दिशा निर्धारित करता है। उन्होंने कहाकि मैं अभी काफी ऊंचाई पर लेपचा तक होकर आया हूं, कहा जाता हैकि पर्व वहीं होता है, जहां परिवार होता है, पर्व के दिन अपने परिवार से दूर सीमा पर तैनात रहना अपने आपमें कर्तव्यनिष्ठा की पराकाष्ठा है। उन्होंने कहाकि परिवार की याद हर किसी को आती है, मगर आपके चेहरों पर इस कोने में भी उदासी नज़र नहीं आ रही है, आपके उत्साह में कमी का नामोनिशान नहीं है, आप उत्साह और ऊर्जा से भरे हुए हैं, क्योंकि आप जानते हैंकि 140 करोड़ देशवासियों का ये बड़ा परिवार आपका अपना ही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि देश भारतीय सेना का कृतज्ञ है, ऋणी है, इसलिए दीपावली पर देश के हर घर में एक दीया आपकी सलामती के लिए भी जलता जलाया जाता है, इसलिए हर पूजा में एक प्रार्थना आप जैसे वीरों केलिए भी होती है, मैं भी हर बार दिवाली पर अपने जवानों के बीच इसी एक भावना को लेकर के चला जाता हूं। उन्होंने कहाकि कहा भी गया है-अवध तहाँ जहं राम निवासू! यानी, जहां राम हैं, वहीं अयोध्या है। उन्होंने कहाकि मेरे लिए जहां मेरी सेना है, जहां मेरे देश के सुरक्षाबलों के जवान तैनात हैं, वो स्थान किसी भी मंदिर से कम नहीं है, जहां आप हैं, वहीं मेरा त्योहार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि मुझे ऐसा करते हुए शायद 30-35 साल से भी ज्यादा समय हो गया होगा है, कोई दिवाली ऐसी नहीं है, जो मैंने आप सबके बीच आकर ना मनाई हो। उन्होंने कहाकि जब सीएम भी नहीं था, तबभी एक गर्व से भरे भारत की संतान के नाते मैं दिवाली पर किसी ना किसी बॉर्डर पर जरूर जाता था। उन्होंने कहाकि आप लोगों के साथ मिठाइयों का दौर तब भी चलता था, मैं मेस का खाना भी खाता था और इस जगह का नाम भी तो शुगर प्वाइंट है, जो आपके साथ थोड़ी सी मिठाई खाकर, मेरी दीपावली भी और मधुर हो गई है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि हिमाचल प्रदेश की धरती ने इतिहास के पन्नों में पराक्रम की ख्याति लिखी है। उन्होंने कहाकि सैनिकों ने यहां की वीरता की परिपाटी को अटल, अमर और अक्षुण्ण बनाया है, उन्होंने साबित किया हैकि-आसन्न मृत्यु के सीने पर वो सिंहनाद करते हैं, मर जाता है काल स्वयं, पर वे वीर नहीं मरते हैं। उन्होंने कहाकि हमारे जवानों के पास हमेशा इस वीर वसुंधरा की विरासत रही है, सीने में वो आग रही है, जिसने हमेशा पराक्रम के प्रतिमान गढ़े हैं, प्राणों को हथेली पर लेकर हमेशा हमारे जवान सबसे आगे चले हैं, उन्होंने हमेशा साबित किया है कि वे भारतीय सीमा पर देश की सबसे सशक्त दीवार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत की सेनाओं और सुरक्षाबलों का राष्ट्र निर्माण में निरंतर योगदान रहा है, आज़ादी के तुरंत बाद इतने सारे युद्धों का मुक़ाबला करने वाले हमारे जांबाज़ हर मुश्किल में देश का दिल जीतने वाले हमारे योद्धा हैं! चुनौतियों के जबड़े से जीत को छीनकर लाने वाले हमारे वीर बेटे-बेटियां हैं! भूकंप जैसी आपदाओं में हर चुनौती से टकराने वाले जवान हैं! सुनामी जैसे हालातों में समंदर से लड़कर जिंदगियां बचाने वाले जांबाज हैं! अंतर्राष्ट्रीय शांति मिशन में भारत का वैश्विक कद बढ़ाने वाली सेनाएं और सुरक्षाबल हैं!
प्रधानमंत्री ने कहाकि ऐसा कौन सा संकट है, जिसका समाधान हमारे वीरों ने नहीं दिया है! ऐसा कौन सा क्षेत्र है, जहां उन्होंने देश का सम्मान नहीं बढ़ाया है। उन्होंने कहाकि इसी साल मैंने यूएन में पीसकीपर्स केलिए मेमोरियल हॉल का प्रस्ताव भी रखा था, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया, ये हमारे सैनिकों के बलिदान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिला बहुत बड़ा सम्मान है, ये वैश्विक शांति केलिए उनके योगदान को अमर बनाएगा। उन्होंने कहाकि हमारी सेना और सुरक्षाबल, देवदूत बनकर न केवल भारतीयों को, बल्कि विदेशी नागरिकों को भी संकट से निकालकर लाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि उन्हें याद हैकि जब सूडान से भारतवासियों को निकालना था तो कितने सारे ख़तरे थे, लेकिन भारत के जांबाजों ने अपना मिशन कोई नुकसान हुए बिना कामयाबी के साथ पूरा किया। उन्होंने कहाकि तुर्किए के लोग आज भी याद करते हैंकि जब वहां भयंकर भूकंप आया तो किस तरह भारत के सुरक्षाबलों ने अपने जीवन की परवाह ना करते हुए वहां दूसरों का जीवन बचाया। उन्होंने कहाकि दुनिया में कहीं पर भी भारतीय अगर संकट में है, तो भारतीय सेनाएं, हमारे सुरक्षाबल, उन्हें बचाने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं, भारत की सेनाएं और सुरक्षाबल, संग्राम से लेकर सेवा तक, हर स्वरूप में सबसे आगे रहते हैं, इसीलिए हमें अपने सैनिकों पर गर्व है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि पिछली दिवाली से इस दिवाली का कालखंड विशेष तौर पर भारत केलिए अभूतपूर्व उपलब्धियों से भरा हुआ है। उन्होंने कहाकि अमृतकाल का एक वर्ष भारत की सुरक्षा और समृद्धि का प्रतीक वर्ष बना है, बीते एक वर्ष में भारत ने चंद्रमा पर अपना चंद्रयान उतारा, जहां हमारे से पहले तक कोई देश पहुंच नहीं पाया था, इसके कुछ दिन बाद ही भारत ने आदित्य एल वन की भी सफल लॉन्चिंग की, हमने गगनयान से जुड़ा एक अत्यंत महत्वपूर्ण परीक्षण भी सफलता से पूरा कर लिया है, इसी एक साल में भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट करियर INS विक्रांत नौसेना में शामिल हुआ है, इसी एक साल में भारत ने तुमकुरू में एशिया की सबसे बड़ी हेलीकाप्टर फैक्ट्री की शुरुआत की है, इसी एक साल में बॉर्डर इलाकों के विकास केलिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का शुभारंभ हुआ है। उन्होंने कहाकि खेल की दुनिया में भी भारत ने अपना परचम लहराया है, जिसमें सेना और सुरक्षाबल के कितने ही जवानों ने भी मेडल जीतकर देश का दिल जीत लिया है। उन्होंने कहाकि बीते एक साल में एशियन और पैरा गेम्स में भारत के खिलाड़ियों ने मेडल्स की सेंचुरी बनाई, अंडर 19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में हमारी महिला खिलाड़ियों ने विश्वकप जीता है और 40 वर्ष बाद भारत ने IOC की बैठक का सफल आयोजन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि यह कालखंड भारतीय लोकतंत्र और भारत की वैश्विक उपलब्धियों का भी वर्ष रहा, जिसमें इस एक साल में भारत ने संसद की नई इमारत में प्रवेश किया, संसद की नई इमारत में पहले सत्र में ही नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमने दिल्ली में जी-20 का सफलतम आयोजन किया, इसी कालखंड में भारत, रियल टाइम पेमेंट्स के मामले में दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बना, इसी कालखंड में भारत का एक्सपोर्ट्स 400 बिलियन डॉलर को पार कर गया, इसी समय में ग्लोबल जीडीपी में भारत ने 5वां स्थान हासिल किया, इसी समय में हम 5G यूजर बेस के मामले में यूरोप से भी आगे निकल गए। प्रधानमंत्री ने कहाकि बीता एक साल राष्ट्र निर्माण का महत्वपूर्ण वर्ष बना है, इस साल देश के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में हमने कई उपलब्धियां हासिल की हैं, आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोड नेटवर्क वाला देश बन गया है, इसी कालखंड में हमने दुनिया की सबसे लंबी रिवर क्रूज सेवा की शुरुआत की, देश को अपनी पहली रैपिड रेल सेवा नमो भारत का उपहार मिला। उन्होंने कहाकि भारत के 34 नए रूट्स पर वंदे भारत ट्रेनें रफ्तार भरने लगी हैं, हमने इंडिया-मीडिल ईस्ट-यूरोप इकनॉमिक कॉरिडोर का श्री गणेश किया, दिल्ली में दो वर्ल्ड क्लास कन्वेंशन सेंटर यशोभूमि और भारत मंडपम का उद्घाटन हुआ। उन्होंने कहाकि भारत एशिया के सबसे अधिक विश्वविद्यालयों वाला देश बन गया है, इसी दौरान कच्छ के धोरदो सीमावर्ती गांव, रेगिस्तान का गांव छोटा सा गांव धोरदो, उस गांव को संयुक्त राष्ट्र से बेस्ट टूरिज्म विलेज का अवॉर्ड मिला है, हमारे शांतिनिकेतन और होयसाला मंदिर यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत ने सदियों के संघर्षों को झेला है, शून्य से संभावनाओं का सृजन किया है, 21वीं सदी का हमारा भारत अब आत्मनिर्भर भारत के रास्ते पर कदम बढ़ा चुका है, अब संकल्प भी हमारे होंगे, संसाधन भी हमारे ही होंगे, अब हौसले भी हमारे होंगे, हथियार भी हमारे होंगे, दम भी हमारा होगा और कदम भी हमारे होंगे, हर श्वास में हमारा विश्वास भी अपार होगा। उन्होंने कहाकि खिलाड़ी हमारा खेल भी हमारा होगा, जय विजय और अजेय है प्रण हमारा, ऊँचे पर्वत हों या रेगिस्तान समंदर अपार या मैदान विशाल, गगन में लहराता हमारा तिरंगा सदा हमारा, अमृतकाल की इस बेला में वक्त भी हमारा होगा, सपने सिर्फ़ सपने नहीं होंगे, सिद्धि की एक गाथा लिखेंगे, पर्वत से भी ऊपर संकल्प होगा। उन्होंने कहाकि पराक्रम ही होगा विकल्प होगा, गति और गरिमा का जग में सम्मान होगा, प्रचंड सफलताओं के साथ भारत का हर तरफ जयगान होगा, क्योंकि भारत की सेनाओं और सुरक्षाबलों का सामर्थ्य लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहाकि डिफेंस सेक्टर में भारत तेजी से एक बड़े ग्लोबल प्लेयर के रूप में उभर रहा है, एक समय था, जब हम अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर होते थे, लेकिन आज हम अपने साथ-साथ अपने मित्र देशों की रक्षा जरूरतों को भी पूरा करने की तरफ बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहाकि आज तक भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 8 गुना से ज्यादा बढ़ चुका है, एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का डिफेंस प्रॉडक्शन आज देश में हो रहा है और ये अपने आपमें एक रिकॉर्ड है।