स्वतंत्र आवाज़
word map

'भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान दें'

देश एवं नागरिकों के प्रति समर्पित लोकसेवकों से सर्वश्रेष्ठ की अपील

राष्ट्रपति की आयुध और रक्षा अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं!

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 17 November 2023 04:28:35 PM

civil and engineering civil servants meet the president

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सिविल और इंजीनियरिंग सेवाओं की परीक्षा उत्तीर्ण करने और इन प्रतिष्ठित सेवाओं में जगह बनाने पर भारतीय ऑडिनेंस फैक्‍ट्री सेवा के अधिकारियों और भारतीय रक्षा लेखा सेवा के परिवीक्षाधीनों से राष्ट्रपति भवन में मुलाकातकर उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दीं। राष्ट्रपति ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहाकि वे उनके देश के लक्ष्यों के बारेमें समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने वाले व्यापक प्रशिक्षण के बारेमें जानकर प्रभावित हुई हैं और उन्हें विश्वास हैकि सिविल और इंजीनियरिंग सेवा के अफसर देश और साथी नागरिकों के हित केलिए प्रतिबद्ध लोक सेवक के रूपमें अपना सर्वश्रेष्ठ देने केलिए तैयार हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि उनका मानना हैकि उन जैसे युवा दिमाग में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रयासों में योगदान देने केलिए ऊर्जा, रचनात्मकता, क्षमता और चिंगारी है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि वे ऐसे समय में सिविल और इंजीनियरिंग सेवा में शामिल हुए हैं, जब देश स्थानीय और वैश्विक स्तरपर व्यापक रूपांतरण के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहाकि नई प्रौद्योगिकियों के उद्भव और नवीनतम तकनीकों तथा सूचनाओं के विश्‍व के हर हिस्से में त्‍वरित गति से फैलने केसाथ एक विकसित राष्ट्र के निर्माण और भारत को विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में उनकी भूमिका औरभी महत्वपूर्ण हो जाएगी। उन्होंने आशा व्यक्त कीकि युवा अधिकारियों के विचार निर्णय एवं कार्य, रक्षा प्रणालियों और राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करने एवं देश के भविष्य को आकार देने में व्‍यापक स्‍तरपर योगदान देंगे। राष्ट्रपति ने भारतीय ऑडिनेंस फैक्‍ट्री सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहाकि भारत ने एक समावेशी और विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को प्राप्त करने की यात्रा का सूत्रपात किया है। उन्होंने कहाकि आत्मनिर्भर, प्रतिस्पर्धी और मजबूत अर्थव्यवस्था के निर्माण में स्वदेशी उद्योगों की बहुत बड़ी भूमिका है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि सरकार ने पिछले कुछ वर्ष में कई नीतिगत पहलें की हैं और रक्षा उपकरणों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और विनिर्माण को प्रोत्साहित करके सुधार लाए हैं। उन्होंने इस बातपर बल दियाकि आईओएफएस अधिकारी रक्षा प्रणालियों में स्वदेशीकरण के प्रेरक एवं सूत्रधार होंगे और उनसे भारत की रक्षा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में काम करने की उम्मीद की जाएगी। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत का रक्षा निर्यात वित्तीय वर्ष 2013-14 के 686 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगभग 16000 करोड़ रूपये तक पहुंच गया है। द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि यह जरूरी हैकि आईओएफएस अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए विकास कार्यक्रमों में सक्रिय रूपसे भाग लें और भारत को रक्षा विनिर्माण केंद्र बनाने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाएं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय रक्षा लेखा सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहाकि वे देश के सशस्त्र बलों के वित्तीय पहलुओं के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, वे रक्षा क्षेत्र के भीतर कुशल वित्तीय प्रबंधन और जवाबदेही सुनिश्चित करने केलिए उत्तरदायी होंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि अपनी पेशेवर ईमानदारी और अपने मजबूत प्रशिक्षण मॉड्यूल के आधार पर आईडीएएस अधिकारी रक्षा बलों में वित्तीय विवेकशीलता को बढ़ावा देने और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम होंगे। उन्होंने उनसे रक्षा प्रणालियों के कामकाज में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही लाने केलिए लेखापरीक्षण और लेखांकन केलिए नवीनतम तकनीकों और तरीकों को अंगीकार करने की अपील की।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]