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Tuesday 28 November 2023 01:16:38 PM
पणजी। भारतीय फिल्म अभिनेत्री विद्या बालन ने गोवा में 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव इफ्फी में 'महिलाएं और बाधाएं' विषय पर आयोजित सत्र में कहा हैकि अतीत में भारतीय फिल्म उद्योग में महिला कलाकारों ने फिल्मों में निभाए असाधारण किरदार एवं उनकी और अधिक करने की इच्छा ने हमें उस स्तरपर पहुंचने को प्रेरित किया है, जहां आज हम फिल्मों में महिलाओं पर केंद्रित कहानियां सुना रहे हैं।
राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित विद्या बालन ने अलग-अलग किरदार निभाने की इच्छा व्यक्त करते हुए कहाकि लगातार उन नई कहानियां और पात्रों की तलाश करना बहुत महत्वपूर्ण है, जो दर्शकों से जुड़ सकें। उन्होंने कहाकि मेरे लिए अपरंपरागत भूमिकाएं और उन किरदारों को निभाते समय खुदमें बने रहना बहुत महत्वपूर्ण होता है। अभिनेत्री विद्या बालन ने हर फिल्म में बहुमुखी किरदार निभाने की प्रेरणा से जुड़े एक सवाल का जवाब में कहाकि अकल्पनीय भूमिकाएं करने की और भारतीय सिनेमा में महिला किरदारों केप्रति रूढ़िवादिता को तोड़ने की इच्छा और प्रेरणा रही है।
विद्या बालन ने कहाकि मैं अपनी प्रत्येक फिल्म में सहज स्थिति से बाहर निकलने का विचार पसंद करती हूं और इसके लिए बहुत कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है, जिससे मुझे खासी स्वतंत्रता मिलती है। भारतीय सिनेमा में महिलाओं के चित्रण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए विद्या बालन ने कहाकि महिलाओं के संबंध में समाज में व्याप्त रूढ़िवादिता को दूर करने की जरूरत है और इसमें आजकी दुनिया में महिलाएं समय से बहुत आगे हैं। तीन दशक के करियर में उन्होंने परिणीता, भूल भुलैया, पा, कहानी, द डर्टी पिक्चर, शकुंतला देवी, शेरनी और जलसा जैसी फिल्मों में बड़ी खूबसूरती केसाथ अपरंपरागत भूमिकाएं निभाई हैं। उनकी फिल्मों ने भारतीय सिनेमा में महिला पात्रों के चित्रण को बदलकर रख दिया है।