स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 28 November 2023 06:16:39 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की उपस्थिति में आज भारतीय समुद्री सीमा की रक्षा की चार 15 बी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक परियोजनाओं में से तीसरे यार्ड 12706 इम्फाल का अनावरण किया है और इसे देश की स्वाधीनता, संप्रभुता और सुरक्षा केलिए मणिपुर के बलिदानियों को श्रद्धांजलिस्वरूप समर्पित किया। उन्होंने कहाकि जहाज की नौसेना को सुपुर्दगी 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में प्रोत्साहन को दर्शाती है और यह एक समुद्री परंपरा और एक नौसैना की रीत है, जिसके अनुसार कई भारतीय नौसेना जहाजों का नाम प्रमुख शहरों, पर्वत श्रृंखलाओं, नदियों, तालाबों और द्वीपों, शहीदों के नाम पर रखा गया है। रक्षामंत्री ने कहाकि भारतीय नौसेना को अपने नवीनतम और तकनीकी रूपसे सबसे उन्नत युद्धपोत का नाम ऐतिहासिक शहर इम्फाल के नाम पर रखने पर अत्यंत गर्व है, यह पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसी शहर के नाम पर रखा जाने वाला पहला युद्धपोत है, जिसके लिए राष्ट्रपति ने 16 अप्रैल 2019 को स्वीकृति दी थी।
इम्फाल युद्धपोत को शिखर पर 'कंगला पैलेस' और 'कंगला-सा' से सुसज्जित किया गया है। जहाज के शिखर पर बनाए डिजाइन में बाईं ओर कंगला पैलेस और दाईं ओर कांगला-सा को दर्शाया गया है। कांगला पैलेस मणिपुर का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थल है। यह महल प्राचीनकाल में मणिपुर के मेइतेइ राजाओं का निवास हुआ करता था। ड्रैगन के सिर और शेर के शरीर की आकृति केसाथ सुसज्जित 'कंगाला-सा' मणिपुर के इतिहास का एक पौराणिक प्राणी है और अपने लोगों के संरक्षक के रूपमें जाना जाता है। कांगला-सा मणिपुर का राज्य प्रतीक भी है। इम्फाल युद्धपोत का डिजाइन भारतीय नौसेना युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने किया है और इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड मुंबई ने किया है। यह जहाज स्वदेशी जहाज निर्माण की पहचान है और दुनिया के सर्वाधिक तकनीकी रूपसे उन्नत युद्धपोतों में से एक है। इस जहाज को एमडीएल ने 20 अक्टूबर 2023 को भारतीय नौसेना को सौंपा था। इस जहाज का आधार 7400 टन है और लंबाई 164 मीटर है।
विध्वंसक इम्फाल अत्याधुनिक हथियारों और सुरक्षा प्रणाली से लैस है, जिसमें सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, एंटी-शिप मिसाइल और टॉरपीडो शामिल हैं। इसकी गति 30 समुद्री मील अर्थात 56 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक गति प्राप्त करने में सक्षम है। युद्धक विशेषताओं से पूर्ण इम्फाल युद्धपोत में लगभग 75 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी साजो-सामान इस्तेमाल किया गया है। मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें बीईएल बैंगलोर, सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलें ब्रह्मोस एयरोस्पेस नई दिल्ली, स्वदेशी टॉरपीडो ट्यूब लॉंचर लार्सन एंड टुब्रो मुंबई, पनडुब्बी-रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉंचर और 76 मिलीमीटर सुपर रैपिड गन माउंट भारत हैवी इलेक्ट्रीकल्स लिमिटेड हरिद्वार प्रमुख हैं। इंफाल 19 मई 2017 को रखा गया था और 20 अप्रैल 2019 को पानी में उतारा गया था। जहाज 28 अप्रैल 2023 को अपने पहले समुद्री परीक्षणों केलिए रवाना हुआ था और बंदरगाह और समुद्र में परीक्षणों के एक व्यापक कार्यक्रम से गुजरा है, जिससे छह महीने की रिकॉर्ड समयसीमा के भीतर 20 अक्टूबर 2023 को इसे सेना को सौंपा गया। परीक्षणों के हिस्से के रूपमें जहाज ने हालही में एक विस्तारित रेंज ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया। स्वदेशी विध्वंसक इंफाल का निर्माण और परीक्षण बहुतही कम समय में किया गया है। जहाज के अनावरण कार्यक्रम में सीडीएस जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार और रक्षा मंत्रालय एवं मणिपुर सरकार के अधिकारी भी उपस्थित थे।