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Wednesday 29 November 2023 05:38:25 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय रक्षा निर्माताओं से गुणवत्तायुक्त रक्षा उत्पादन की संस्कृति विकसित करने का आह्वान किया और इसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा केलिए एक पूर्व निर्धारित शर्त बताया है। राजनाथ सिंह नई दिल्ली में रक्षा उत्पादों में आत्मनिर्भरता केलिए 'क्वालिटी ओडिसी' विषय पर डीआरडीओ गुणवत्ता सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहाकि केवल गुणवत्तायुक्त उत्पाद ही वैश्विक मांग पैदा करते हैं और यह भारत को एक वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग केंद्र तथा वास्तविक रक्षा निर्यातक बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को साकार करने में सहायता करेगा। रक्षामंत्री ने कहाकि जो देश गुणवत्तापूर्ण उत्पाद बनाते हैं, वे अपने उपकरणों को विश्वभर के देशों को निर्यात करते हैं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि अच्छी गुणवत्ता के कारण इन प्लेटफार्मों की कीमतें काफी अधिक हैं, लेकिन यह ध्यान में रखा जाना चाहिएकि आयात करने वाले देश अत्याधुनिक उत्पादों केलिए सर्वाधिक कीमतें देने केलिए भी तैयार हैं। रक्षामंत्री ने कहाकि उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद घरेलू रक्षा उद्योग केलिए विश्वसनीयता लाते हैं, इससे देश के भीतर ऐसे उपकरणों के निर्माण से वैश्विक मांग बढ़ेगी और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारत की साख भी बढ़ेगी। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण रक्षा उत्पादों के मैन्युफैक्चरिंग में लागत नियंत्रण के महत्व को रेखांकित किया और कहाकि लागत नियंत्रण को सर्वाधिक महत्व दिया जाना चाहिए, हालांकि यह गुणवत्ता की कीमत पर नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहाकि हमें वैश्विक स्तरपर लागत स्पर्धी होना होगा, लेकिन यह शीर्ष गुणवत्ता वाले वर्ग में रहकर किया जाना है, हमें इस विचार केसाथ आगे बढ़ना चाहिए।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उच्च गुणवत्ता वाली सैन्य प्रणालियों के निर्माण की आवश्यकता का उल्लेख किया, जो प्रभावी, विश्वसनीय और सुरक्षित हों तथा सशस्त्र बलों को मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा करने में सक्षम बना सकें। रक्षामंत्री ने योग्यता प्राप्त उद्योगों के प्रतिनिधियों को उन्नत मैन्युफैक्चरिंग आकलन तथा रैंकिंग प्रणाली (समर) प्रमाण पत्र भी प्रदान किए। इस अवसर पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने गुणवत्तापूर्ण प्रणालियां प्रदान करने की दिशा में डीआरडीओ की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने हितधारकों से उच्च गुणवत्ता वाली स्वदेशी सैन्य प्रणालियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में दृढ़ संकल्प और तालमेल रखने का अनुरोध किया। सम्मेलन में डीआरडीओ के महानिदेशकों, निदेशकों, डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के गुणवत्ता प्रमुखों, उद्योग विशेषज्ञों तथा हितधारकों ने भाग लिया।
डीआरडीओ गुणवत्ता सम्मेलन ने रक्षा क्षेत्र में प्रमुख हितधारकों को अपने दृष्टिकोण साझा करने, आत्मनिर्भरता व निर्यात के दोहरे लक्ष्य को साकार करने में विचार-विमर्श केलिए एक समान मंच प्रदान किया। सम्मेलन में दो सत्र 'रक्षा मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता तथा गुणवत्ता संस्कृति में सुधार' और 'रक्षा एवं एयरोस्पेस में गुणवत्ता आश्वासन' हुए, जिनमें उद्योग, सरकारी गुणवत्ता आश्वासन एजेंसियों और उपयोगकर्ता सेवाओं के विशेषज्ञों ने अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत किए। हितधारकों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वदेशी प्रणालियों के उत्पादन, मानकों, नीतियों और वैश्विक सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों के कार्यांवयन केलिए देश में इकोसिस्टम तैयार करने केलिए विशेषज्ञों केसाथ नेटवर्क बनाने का अवसर प्राप्त हुआ। सम्मेलन में आत्मनिर्भर भारत केलिए भारत में रक्षा मैन्युफैक्चरिंग क्रांति केलिए गुणवत्ता के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श हुआ। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग के सचिव राजेश कुमार सिंह और भारतीय गुणवत्ता परिषद के अध्यक्ष जक्षय शाह भी इस मौके पर उपस्थित थे।