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Thursday 30 November 2023 02:05:22 PM
पुणे। भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने पुणे इंटरनेशनल सेंटर के 8वें पीडीएनएस के स्मरणोत्सव पर राष्ट्र की प्रगति और इसकी सुरक्षा आवश्यकताओं केबीच अटूट संबंध पर बल दिया। उन्होंने कहाकि आर्थिक शक्ति विकास का स्रोत है, लेकिन एक सैन्य शक्ति भी है, जोकि अपनी व्यापक राष्ट्रीय शक्ति में निरंतर वृद्धि सुनिश्चित करते हुए अपने बहुआयामी हितों की रक्षा करने और आगे बढ़ने केलिए आवश्यक परिणामों को प्रभावित करने की क्षमता रखती करती है। थलसेना प्रमुख ने वर्तमान और विकसित भू-राजनीतिक परिदृश्य पर विवेचन करते हुए अप्रत्याशित की अपेक्षा की आवश्यकता की बात की, क्योंकि युद्ध बहुत जटिल, विवादित और घातक हो चुका है। जनरल मनोज पांडे ने कहाकि भारतीय सेना इन गतिविज्ञान के सैन्य निहितार्थों से पूर्ण रूपसे अवगत है। उन्होंने कहाकि क्षमता वृद्धि और अपेक्षित अनुकूलनशीलता सुनिश्चित करने केलिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया गया है, जिसमें सुरक्षा को प्रभावित करने या बढ़ाने वाले सभी पहलुओं केलिए सक्रिय उपायों के कार्यांवयन को शामिल किया गया है।
थलसेना प्रमुख ने भारतीय सेना के आधुनिक, चुस्त, प्रौद्योगिकी सक्षम और आत्मनिर्भरता सैन्य बल में परिवर्तित करने वाले दृष्टिकोण के बारेमें विस्तार से बताया, जो अन्य सेवाओं केसाथ तालमेल करते हुए हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा केलिए एक पूर्ण परिदृश्य में एक बहुडोमेन परिचालन वातावरण केसाथ युद्ध रोकने और जीतने में सक्षम है। स्मरणोत्सव कार्यक्रम में चार प्रमुख चालकों के आधार पर प्रगतिशील परिवर्तनों पर प्रकाश डाला गया इनमें-भू सामरिक परिदृश्य में अभूतपूर्व रुझान, विघटनकारी प्रौद्योगिकियों की असीम क्षमता, आधुनिक युद्धों के चरित्र में परिवर्तन और सामाजिक एवं आर्थिक क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन प्रमुख थे। थलसेना प्रमुख ने कहाकि सैन्य बल के पुनर्गठन और अनुकूलन के भाग के रूपमें भारतीय सेना अपने संगठनात्मक ढांचे की समीक्षा कररही है, जिसमें राइटसाइजिंग, रेशनलाइजिंग और रीऑर्गनाइजिंग शामिल है, जबकि 5जी, एआई, क्वांटम लैब, सैन्य वस्तुओं केलिए इंटरनेट, रोबोटिक्स, अनुकूल विनिर्माण और उपग्रह संचार केलिए अंतरिक्ष परिसंपत्तियों सहित विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को शामिल करने केलिए आधुनिकीकरण और प्रौद्योगिकी निवेश पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहाकि यह क्षमता विकास प्रयास आत्मनिर्भर बनने वाले दृष्टिकोण केलिए प्रतिबद्ध हैं।
थलसेना प्रमुख ने कहाकि भारतीय सेना राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने केलिए दृढ़ है और अपने विभिन्न प्रयासों से राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। उन्होंने इस प्रतिबद्धता की दिशा में विभिन्न हितधारकों केसाथ तालमेल पर बल दिया। उन्होंने अवसंरचना विकास में भारतीय सेना के योगदान पर प्रकाश डाला विशेष रूप से देश के दूर-दराज क्षेत्रों में, राष्ट्रीय लॉजिस्टिक संबंधी आवश्यकताओं केसाथ तालमेल स्थापित करने में। उन्होंने पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से सीमा क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय लोगों का सशक्तिकरण करने और एक प्रमुख हितधारक के रूपमें समावेशी विकास को सक्षम बनाने, समर्थन करने और फलीभूत करने केलिए विभिन्न पहलों कोभी स्पष्ट किया। इस अवसर पर इंटरनेशनल सेंटर के सदस्य, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के सदस्य, अधिकारी, दिग्गज और विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।